माकपा नेता सुभाष मुंडा हत्याकांड में रांची पुलिस खुलासे के करीब पहुंच चुकी है. पुलिस ने मामले में नगड़ी थाना क्षेत्र के गुटुवा निवासी जमीन कारोबारी छोटू खलखो को हिरासत में लिया है. इसके अलावा उसके चालक और बॉडीगार्ड को हिरासत में लेकर पूछताछ की जा रही है. सूत्रों के अनुसार, पुलिस को शुरुआती जांच में जानकारी मिली है कि करोड़ों की बेशकीमती जमीन को लेकर छोटू खलखो का सुभाष मुंडा के साथ विवाद चल रहा था.
यह विवाद सिर्फ नगड़ी की जमीन को लेकर नहीं, बल्कि कुछ अन्य स्थानों की जमीन को लेकर भी था. पुलिस को आशंका है कि जमीन के कारोबार में वर्चस्व जमाने के लिए छोटू खलखो, सुभाष को अपने रास्ते से हटाना चाहता था. इसी कारण उसने शूटरों को सुपारी देकर हत्या की योजना बनायी और उसे अंजाम दिलाया.
Also Read: झारखंड विधानसभा के बाहर मानसून सत्र के चौथे दिन बीजेपी का प्रदर्शन, सीएम से मांगा इस्तीफा
पुलिस सूत्रों के अनुसार, सुभाष मुंडा के रास्ते से हट जाने से छोटू खलखो जमीन का काम अकेले करता. ऐसे में उसे करोड़ों की कमाई होने की संभावना दिख रही थी . हालांकि, अब तक की पूछताछ में वह पुलिस के सामने नहीं टूटा है और न ही उसने हत्याकांड में अपनी संलिप्तता स्वीकार की है. हालांकि, पुलिस को उसकी भूमिका पर सबसे अधिक संदेह है. पुलिस को ऐसे कई तथ्य मिले हैं, जिसके आधार पर यह कहा जा सकता है कि सुभाष मुंडा की हत्या के पीछे छोटू के पास ही सबसे मजबूत कारण रहा था.
हत्याकांड को लेकर एसआइटी का गठन किया गया था. इस हत्याकांड की सीनियर आइपीएस अधिकारी से लेकर पुलिस मुख्यालय के अधिकारी भी नजर रखे हुए हैं.
इधर पुलिस सूत्रों के अनुसार, हत्याकांड में शामिल शूटरों के बारे पुलिस को काफी हद तक जानकारी मिल चुकी है, जिनकी तलाश में पुलिस की छापेमारी जारी है. शूटरों की गिरफ्तारी और छोटू खलखो की भूमिका पर पूरी तरह से साक्ष्य एकत्रित करने के बाद पुलिस आधिकारिक रूप से इस हत्याकांड का खुलासा कर सकती है. खबर लिखे जाने तक पुलिस अधिकारियों ने मामले में किसी की गिरफ्तारी या छोटू खलखो के हिरासत में लिये जाने के संबंध में आधिकारिक रूप से पुष्टि नहीं की है.