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प्राण प्रतिष्ठा में शामिल होंगे सुदेश महतो

अयोध्या में प्रभु श्रीराम के प्राण प्रतिष्ठा समारोह के अवसर पर रांची के हरमू मैदान में आयोजित श्रीराम का समापन हुआ. हरिद्वार धाम से पधारे श्री श्री 1008 जूना अखाड़ा के महामंडलेश्वर स्वामी डॉ उमाकांतनंद सरस्वती जी महाराज ने भक्तजनों एवं श्रद्धालुओं को प्रभु श्रीराम की पावन कथा का रसपान कराया.

By Prabhat Khabar News Desk | January 22, 2024 4:07 AM

आजसू अध्यक्ष सुदेश कुमार महतो रामलला की प्राण प्रतिष्ठा समारोह में शामिल होंगे. श्री महतो अपनी पत्नी नेहा महतो के साथ रविवार की शाम लखनऊ पहुंचे. सोमवार को वह देश भर के चुनिंदे अतिथियों के साथ समारोह में शरीक होंगे. अयोध्या मंदिर निर्माण ट्रस्ट की ओर से श्री महतो को निमंत्रण भेजा गया है. प्रभात खबर के साथ बातचीत में उन्होंने कहा कि यह उनके जीवन के लिए विशेष अनुभूतिवाला अलौकिक क्षण होगा. वह इस ऐतिहासिक घड़ी में राम की नगरी अयोध्या में हैं. यह प्रभु राम की ही विशेष कृपा है.

अहंकार का त्याग कर ईश्वर की भक्ति करें- महामंडलेश्वर

अयोध्या में प्रभु श्रीराम के प्राण प्रतिष्ठा समारोह के अवसर पर रांची के हरमू मैदान में आयोजित श्रीराम का समापन हुआ. हरिद्वार धाम से पधारे श्री श्री 1008 जूना अखाड़ा के महामंडलेश्वर स्वामी डॉ उमाकांतनंद सरस्वती जी महाराज ने भक्तजनों एवं श्रद्धालुओं को प्रभु श्रीराम की पावन कथा का रसपान कराया.उन्होंने श्रीरामचरित मानस सद्ग्रंथ के आधार पर कई प्रसंगों की चर्चा बड़े ही मार्मिक ढंग से किया.इसके माध्यम से लोगों को दीन अधीन एवं श्रद्धा भाव से भगवान की भक्ति करने के लिए प्रेरित किया,ताकि मानव जीवन का कल्याण हो सके.उन्होंने कहा कि अहंकार का त्याग कर ईश्वर की भक्ति करनी चाहिए,क्योंकि अहंकार भक्ति का बाधक है.संत का ह्रदय कोमल होता है,वह शरणागति की रक्षा करते हुए कल्याण के मार्ग पर चलने की प्रेरणा देता है.संतों की संगति सभी मनुष्यों को करना चाहिए. सत्संगती ही मानव जीवन का सार है.इसके बिना मनुष्य का जीवन निरर्थक हो जाता है.दुनिया मे कोई साथ दे ना दे लेकिन संत आपका साथ अवश्य देगे.संत परोपकारी होते हैं.संसार में उनके लिए कोई पराया नही होता.उन्होंने माता सीता,प्रभु श्रीराम एवं लखन से जुड़े कई प्रसंगों की चर्चा करते हुए माया,वैराग्य,ज्ञान के बारे में विस्तार से बताया.प्रभु श्रीराम के आदर्श चरित्र की चर्चा करते हुए जीवन के कल्याणकारी प्रसंगों को रखा.उन्होंने मानव जीवन की सार्थकता के लिए माता शवरी के निश्छल भक्ति भाव से सीख लेने की जरूरत बताया.मौके पर आयोजन समिति अध्यक्ष राकेश भास्कर,जयनन्दू, राज किशोर सिंह, वीरेंद्र सिंह,अजय सिंह,सुरेश सिंह,प्रमोद सारस्वत, विनोद सिंह,केके गुप्ता,धर्मेंद्र तिवारी,अनिल अग्रवाल,विकास प्रीतम,जयंत झा, उमेश साहू, रिजवान खान,अरुण सिंह,इंद्रजीत यादव , राजीव सहित कई लोग सक्रिय थे.

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