आज समर सोल्स्टिस : साल का सबसे बड़ा दिन, ओरमांझी के पास से गुजरता है ट्रॉपिक ऑफ कैंसर
आज 21 जून है, साल का सबसे बड़ा दिन जिसे समर सोल्स्टिस कहा जाता है. इस दिन ट्रॉपिक ऑफ कैंसर रांची के ओरमांझी के पास से गुजरता है. मेगालिथ खोजकर्ता और लेखक सुभाशीष दास ने इस बारे में विस्तार से बताया है. उन्होंने झारखंड के मेगालिथ्स पर शोध कर कई खुलासे भी किए हैं.
Summer Solstice: आज 21 जून है, साल का सबसे बड़ा दिन जिसे समर सोल्स्टिस कहा जाता है. मेगालिथ खोजकर्ता और लेखक सुभाशीष दास ने बताया कि सूरज 22-23 दिसंबर को दक्षिणी गोलार्ध में विंटर सोल्स्टिस के दिन मकर रेखा पर चमक कर 20-21मार्च की इक्वीनोक्स प्वाइंट से गुजरता हुआ उत्तरी गोलार्ध की ओर अग्रसर होता है.
ओरमांझी के पास से गुजरता है ट्रॉपिक ऑफ कैंसर
उत्तरी गोलार्ध में 20-21 जून को सूरज कर्क रेखा पर साढ़े 23 डिग्री पर चमकता है. कर्क रेखा या ट्रॉपिक ऑफ कैंसर ओरमांझी के पास से गुजरता है. समर सोल्स्टिस के दिन उत्तरी गोलार्ध में सबसे बड़ा दिन होता है. अगले दिन से सूरज फिर से 22-23 दिसंबर की विंटर सोल्स्टिस की ओर यात्रा शुरू करता है.
झारखंड के मेगालिथों पर सुभाशीष दास ने किया शोध
झारखंड के मेगालिथ्स पर शोध करते हुए सुभाशीष दास ने पाया कि राज्य के हजारीबाग और चतरा जिले के कुछ अति प्राचीन मेगालिथि संरचनाओं को खगोलीय शुद्धता से बनाया गया है और प्राचीन मेगलिथि लोगों ने इन्हें समर सोल्स्टिस की सूर्योदय की ओर संरेखित कर गाड़ा है.
शोध में क्या मिला
दास ने अपने शोध में हजारीबाग और चतरा जिले के इन अति प्राचीन मेगालिथ समूह को इक्वीनोक्स और सोल्स्टिसों के सूर्योदयों की ओर एक सीध में गाढ़ा हुआ पाया है. किस कारण से प्राचीन मेगालिथी निर्माताओं ने अति प्राचीन काल में इन मेगालिथों में ऐसा किया, इस राज का उन्होंने उनकी The archaeoastronomy of a few megalithic sites of Jharkhand नाम की पुस्तक में खुलासा किया है. झारखंड के इन खगोलीय मेगालिथों के समूह के जैसे इंग्लैंड के Stonehenge और दक्षिण भारत के निलुरल्लु, हनामसागर इत्यादि मेगालिथों को समर सोल्स्टिस की सूर्योदय के एक सीध में गाड़ा गया है.