प्रतिनिधि, खलारी खलारी कोयलांचल में सूरज आग उगल रहा है. प्रचंड गर्मी से पूरा कोयलांचल तपने लगा है. सुबह आठ बजे से चिलचिलाती धूप ने परेशानी बढ़ा दी है. बीते एक सप्ताह से भीषण गर्मी कहर बरपा रही है. बुधवार को पारा 42 डिग्री पहुंच गया. निरंतर बढ़ रही भीषण गर्मी से लोग बेहाल होने लगे हैं. गर्मी व तेज धूप के कारण पूरा खलारी कोयलांचल भट्ठी की तरह तप रहा है. आसमान से बरसते आग से लोगों के साथ पशु-पक्षी भी हलकान हैं. तापमान बढ़ने से कूलर, पंखे, पूरी तरह से फेल हो गये हैं. रात को भी कूलर व पंखे गरम हवा फेंक रहे हैं. दिनभर एसी, कूलर, फ्रीज व पंखे चलने से बिजली की खपत भी बढ़ गयी है. तेज धूप और भीषण गर्मी से लोगों की दिनचर्या बदल गयी है. काम होने पर भी लोग उसे टाल रहे हैं और बेहद जरूरी होने पर ही निकल रहे हैं. सूर्योदय के साथ शुरू हो रही गर्मी का ताप का असर रात को भी महसूस हो रहा है. वहीं शहर और ग्रामीण इलाकों में बार-बार हो रही बिजली कटौती लोगों को बेहाल कर रही है. आलम यह है कि दोपहर में तो घरों से बाहर निकलना मुश्किल हो गया है. दोपहर में बाजारों और सड़कों पर कर्फ्यू सा नजारा रहता है. अगले तीन-चार दिनों में गर्मी से राहत नहीं मिलने का अनुमान है. झुलसा देने वाली गर्मी से जनजीवन प्रभावित रहा. भीषण गर्मी के कारण सबसे ज्यादा परेशानी रोजमर्रा के काम करनेवाले मजदूरों व कोयला खदान में काम करनेवाले मजदूरों को हो रही है. गर्मी के कारण सूख गयी हैं नदियां : खलारी कोयलांचल में पड़ रही भीषण गर्मी के कारण कोयलांचल की प्रमुख नदियां सूख गयी हैं. नदियों में सिर्फ रेत दिख रहे हैं. कोयलांचल की प्रमुख नदी दामोदर, सपही नदी पूरी तरह से सूख गयी हैं. इन नदियों पर आश्रित बड़ी आबादी के सामने पानी की विकट समस्या आ गयी है. दामोदर की दो सहायक नदियां चट्टी नदी तथा सोनाडुबी भी खलारी में बहती हैं. इन दोनों सहायक नदियां भी सूख गयी हैं. खलारी प्रखंड में मैक्लुस्कीगंज के बघमरी में दामोदर कोयलांचल में प्रवेश करती है. यहां से उत्तरी सीमा में बहते हुए पिपरवार से बाहर निकल जाती है. उसी तरह सपही दक्षिण से उत्तर की ओर बहती है. इन दोनों नदियों से सटे गांवों की आबादी तो इन नदियों के पानी पर निर्भर है. कई जल परियोजनाएं भी इसके सहारे हैं. प्रखंड के पांच पंचायतों में जलापूर्ति के लिए बने वाटर ट्रीटमेंट प्लांट के लिए इसी सपही नदी से पानी लाया जाता है. जहां से पांच पंचायतों को पानी मिलता है. वह भी पूरी तरह नदी सूख जाने के कारण ठप हो गया है. सबसे बड़ा संकट उन मवेशियों और जानवरों के लिए है जो पूरी तरह इन नदियों पर ही आश्रित हैं. ग्रामीणों का कहना है कि जहां-तहां से अपने लिए पानी का इंतजाम कर रहे हैं. गर्मी के कारण मरीजों की संख्या बढ़ी : खलारी पीएचसी के डॉ इरशाद ने कहा कि भीषण गर्मी के कारण मरीजों की संख्या बढ़ गयी है. बताया कि ज्यादातर लूज मोशन, वोमेटिंग, बुखार, गले में खरास व सर्दी-खांसी से पीड़ित लोग आ रहे हैं. उन्होंने लोगों से तेज धूप में निकलने से बचने की सलाह दी है. हीट स्ट्रोक से बचने के लिए उन्होंने सुबह 10 बजे से शाम चार बजे तक धूप में नहीं निकलने को कहा है. साथ ही अधिक पानी, नारियल पानी, गन्ने का जूस, नींबू पानी, इलेक्ट्रॉल पाउडर, ग्लूकॉन डी आदि पीना आवश्यक है. विटामिन सी युक्त फलों का सेवन हीट स्ट्रोक से बचने में सहायक होगा.
डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है