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दिव्यांगता नहीं आया आड़े, सुनीता टुडू ने बतायी सफलता की कहानी, इन दिव्यांग युवाओं को मिला हुनरबाज पुरस्कार

केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्रालय ने झारखंड के नौ दिव्यांग युवाओं को हुनरबाज पुरस्कार से सम्मानित किया है. केंद्रीय सचिव एनएन सिन्हा ने उन्हें ऑनलाइन कार्यक्रम में सम्मानित किया. मंत्रालय ने देश के 12 राज्यों से चुनिंदा 66 युवाओं को हुनरबाज पुरस्कार से सम्मानित किया है.

केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्रालय ने झारखंड के नौ दिव्यांग युवाओं को हुनरबाज पुरस्कार से सम्मानित किया है. केंद्रीय सचिव एनएन सिन्हा ने उन्हें ऑनलाइन कार्यक्रम में सम्मानित किया. मंत्रालय ने देश के 12 राज्यों से चुनिंदा 66 युवाओं को हुनरबाज पुरस्कार से सम्मानित किया है. राज्य के गढ़वा की कुलवंती बाड़ा, हजारीबाग की सुनीता टुडू व शबनम खातून, दुमका की सावित्री कुमारी, खूंटी की आशा टूटी, बोकारो के अबोध महाथा व तेजीय कुमारी, धनबाद की पिंकी कुमारी और रांची की नेहा रेखा कुमारी को हुनरबाज पुरस्कार से सम्मानित किया गया है.

ये सभी युवा झारखंड स्टेट लाइवलीहुड प्रमोशन सोसाइटी (जेएसएलपीएस) द्वारा संचालित डीडीयू जीकेवाइ अंतर्गत कौशल प्रशिक्षण प्राप्त कर अपने पांव पर खड़े हुए हैं. जेएसएलपीएस कार्यालय में इन्हें मोमेंटो, प्रशस्ति पत्र दिये गये. ये सभी दीनदयाल उपाध्याय ग्रामीण कौशल्य योजना (डीडीयू जीकेवाइ) अंतर्गत प्रशिक्षण लेकर एक साल से ज्यादा समय से रोजगार से जुड़ कर अच्छी आमदनी कर रहे हैं. आजादी के अमृत महोत्सव पर ग्रामीण विकास मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा आयोजित डीडीयू-जीकेवाइ का हुनरबाज पुरस्कार सम्मान कार्यक्रम का आयोजन किया गया.

ज्यादा दिव्यांगों को रोजगार से जोड़ें : एनएन सिन्हा

हुनरबाज पुरस्कार कार्यक्रम में केंद्रीय सचिव एनएन सिन्हा ने सम्मानित दिव्यांग युवाओं की प्रशंसा की. उन्होंने कहा कि दीन दयाल उपाध्याय ग्रामीण कौशल्य योजना अति गरीब, पिछड़े एवं दिव्यांग जनों के लिए समर्पित है. उन्होंने डीडीयूजीकेवाइ परियोजना से ज्यादा से ज्यादा दिव्यांगजनों को कौशल प्रशिक्षण देकर रोजगार से जोड़ने के लिए कार्य करने को कहा.

सुनीता टुडू ने बतायी सफलता की कहानी

हजारीबाग जिले की सुनीता टुडू ने हुनरबाज पुरस्कार कार्यक्रम में अपनी सफलता की कहानी बतायी. सुनिता अपैरल (परिधान) सेक्टर का प्रशिक्षण लेकर आज अच्छी कमाई कर रही है. सुनीता ने बताया कि डीडीयू जीकेवाइ के प्रशिक्षण ने उनकी जिंदगी बदल दी. कहा : मैं गरीब परिवार से हूं और विकलांगता मेरे लिए दोहरी मार बनी.

परिधान से संबंधित प्रशिक्षण लेकर नौकरी में हूं. वहीं, बेंगलुरू स्थित शाही एक्सपोर्ट में नौकरी कर रही गढ़वा जिले की कुलवंती बाड़ा ने बताया कि आज मैं आर्थिक रुप से संपन्न हूं और ये कौशल प्रशिक्षण के जरिये ही संभव हो पाया. मौके पर जेएसएलपीएस के सीओओ विष्णु चरण परिदा, कार्यक्रम प्रबंधक अखिलेश्वर मिश्रा सहित पीआइए के अधिकारी भी उपस्थित थे.

ग्रामीण युवाओं को दी जाये ट्रेनिंग : नैंसी सहाय

झारखंड स्टेट लाइवलीहुड प्रमोशन सोसाइटी की सीइओ नैंसी सहाय ने कहा कि ज्यादा से ज्यादा ग्रामीण युवाओं को डीडीयू जीकेवाइ का नि:शुल्क प्रशिक्षण दिया जाये. राज्य के इन युवाओं को हुनरबाज पुरस्कार मिलने से अन्य ग्रामीण युवाओं को भी हौसला मिलेगा और ज्यादा लोग प्रशिक्षण से जुड़ेंगे. कौशल प्रशिक्षण के बाद इन युवाओं में रोजगार के नये अवसर उपलब्ध होते हैं.

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