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सुप्रीम कोर्ट ने विष्णु अग्रवाल के व्यावसायिक भवन के निर्माण पर लगायी रोक, सेफ्टी ऑडिट कराने का दिया निर्देश

विष्णु अग्रवाल की कंपनी ने सेना की याचिका पर हाइकोर्ट द्वारा दिये गये फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी. न्यायाधीश पीएस नरसिम्हा और न्यायाधीश अरविंद कुमार की पीठ में याचिका पर सुनवाई हुई.

By Sameer Oraon | June 20, 2024 7:47 AM
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रांची : सुप्रीम कोर्ट ने दीपाटोली स्थित सेना की छावनी के पास बन रहे विष्णु अग्रवाल के 13 मंजिला व्यावसायिक भवन की चौथी मंजिल के बाद निर्माण पर रोक लगा दी है. हालांकि, चौथी मंजिल तक पूरा हो चुके निर्माण में फिनिशिंग का काम करने की अनुमति दी है. कोर्ट ने निर्माण का सेफ्टी ऑडिट करने का भी निर्देश दिया है. कोर्ट ने यह भी कहा कि वर्तमान के सभी फैसले कोर्ट के अंतिम फैसले से प्रभावित होंगे.

विष्णु अग्रवाल की कंपनी ने सेना की याचिका पर हाइकोर्ट द्वारा दिये गये फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी. न्यायाधीश पीएस नरसिम्हा और न्यायाधीश अरविंद कुमार की पीठ में याचिका पर सुनवाई हुई. गौरतलब है कि सेना की छावनी के पास विष्णु अग्रवाल की कंपनी द्वारा बनाये जा रहे भवन को सेना ने अपनी सुरक्षा के लिए खतरा बताते हुए हाइकोर्ट में याचिका दायर की थी. एकल पीठ ने सुनवाई के बाद सेना की याचिका खारिज कर दी थी. इसके बाद सेना ने हाइकोर्ट में एलपीए दायर किया था. इस पर सुनवाई करते हुए अदालत ने एकल पीठ के फैसला को रद्द कर दिया था.

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जस्टिस विक्रमादित्य आयोग की रिपोर्ट हाइकोर्ट को सौंपी

रांची: हाइकोर्ट ने झारखंड विधानसभा में हुई नियुक्तियों में गड़बड़ी को लेकर दायर जनहित याचिका पर सुनवाई की. जस्टिस सुजीत नारायण प्रसाद व जस्टिस अरुण कुमार राय की खंडपीठ ने प्रार्थी व राज्य सरकार का पक्ष सुना. अगली सुनवाई 20 जून को होगी. इससे पूर्व राज्य सरकार की ओर से बताया गया कि कोर्ट के 11 जून के आदेश के आलोक में एक सदस्यीय जस्टिस विक्रमादित्य प्रसाद आयोग की रिपोर्ट की फोटोकॉपी शपथ पत्र के माध्यम से दाखिल कर दी गयी है.

मंत्रिमंडल सचिवालय व निगरानी विभाग के अवर सचिव शिवमंगल सिंह ने शपथ पत्र दायर किया है. इस पर प्रार्थी की ओर से अधिवक्ता राजीव कुमार ने रिपोर्ट के अध्ययन के लिए समय देने का आग्रह किया. सरकार की ओर से महाधिवक्ता राजीव रंजन, झारखंड विस की ओर से अधिवक्ता अनिल कुमार व गवर्नर की ओर से अधिवक्ता प्रशांत पल्लव ने पैरवी की.

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