सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद झारखंड सरकार लगायेगी खनिज भूमि पर सेस, रूल तैयार, जानें कितनी होगी आय
झारखंड सरकार ने बकाये का आकलन किया है. आकलन के अनुसार, राज्य को एक लाख 36 हजार करोड़ रुपये बकाया मिलेगा. 12 साल में चरणबद्ध तरीके से यह भुगतान होगा.
रांची : सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर राज्य सरकार खदानों की भूमि पर सेस लगाने जा रही है. इससे करीब 2000 करोड़ रुपये सालाना अतिरिक्त राजस्व की वसूली होगी. खान विभाग द्वारा बनाये गये इस विधेयक को विधानसभा के मॉनसून सत्र से पारित किया जा चुका है. झारखंड खनिज धारित भूमि उपकर विधेयक-2024 को अब राज्यपाल की मंजूरी के लिए भेजा जायेगा. इसी बीच विधेयक के पारित होने के बाद खान विभाग द्वारा इसका रूल तैयार किया गया है. रूल का प्रस्ताव अब अगली कैबिनेट की बैठक में रखा जायेगा. कैबिनेट अनुमोदन के प्रस्ताव पर मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने मंजूरी दे दी है.
सुप्रीम कोर्ट के 25 जुलाई 2024 के फैसले में राज्यों को खनिजों वाली जमीन पर उपकर (सेस) लगाने का अधिकार दिया. इसके बाद ही सरकार ने तुरंत ही विधेयक तैयार करके मॉनसून सत्र में इसे पारित करा लिया. अब इसे कैबिनेट में भेजा जा रहा है. इसमें यह कहा गया कि सेस से मिलनेवाली राशि राज्य के विकास पर खर्च की जायेगी. सेस की राशि स्वास्थ्य, शिक्षा, सामाजिक सुरक्षा से जुड़ी सेवाएं, कृषि, ग्रामीण आधारभूत संरचना, पेयजल स्वच्छता सहित अन्य प्रकार की सेवाओं पर खर्च की जायेगी. सेस की राशि खान भूतत्व विभाग के माध्यम से वसूली जायेगी.
1.36 लाख करोड़ रुपये की वसूली के लिए केंद्र को भेजा जायेगा पत्र
इसी मामले की सुनवाई की अगली कड़ी में सुप्रीम कोर्ट ने 14 अगस्त 2024 को राज्यों का एक अप्रैल 2005 के बाद से केंद्र सरकार, खनन कंपनियों से खनिज संपन्न भूमि पर रॉयल्टी का पिछला बकाया वसूलने की अनुमति दे दी. कोर्ट ने कहा था कि केंद्र, खनन कंपनियों द्वारा खनिज संपन्न राज्यों को बकाये का भुगतान अगले 12 वर्ष में क्रमबद्ध तरीके से किया जा सकता है. वहीं, कोर्ट ने खनिज संपन्न राज्यों को रॉयल्टी के बकाये के भुगतान पर कोई जुर्माना न लगाने का निर्देश दिया था.
राज्य सरकार ने बकाये का आकलन किया है. आकलन के अनुसार, राज्य को एक लाख 36 हजार करोड़ रुपये बकाया मिलेगा. 12 साल में चरणबद्ध तरीके से यह भुगतान होगा. इसमें झारखंड में कार्यरत कोल कंपनियों सीसीएलस, बीसीसीएल और इसीएल पर राज्य सरकार का विभिन्न मदों में एक लाख 36 हजार 42 करोड़ रुपये बकाया है. बताया गया कि माडा, भू-राजस्व विभाग व खान विभाग जल्द ही केंद्र सरकार को पत्र लिखकर बकाये की मांग करेंगे.
किस खनिज पर कितना सेस लगेगा
खनिज धारित भूमि का प्रकार—–सेस की दर
कोयला धारित भूमि—–100 रुपये प्रति मीट्रिक टन
लौह अयस्क धारित भूमि—–100 रुपये प्रति मीट्रिक टन
बॉक्साइट धारित भूमि—–70 रुपये प्रति मीट्रिक टन
चूनापत्थर धारित भूमि—–50 रुपये प्रति मीट्रिक टन
मैंगनीज अयस्क धारित भूमि—–50 रुपये प्रति मीट्रिक टन
अन्य खनिज धारित भूमि—–प्रति टन खनिज के प्रेषण पर दी गयी रॉयल्टी का 50 प्रतिशत
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