रांची : सुप्रीम कोर्ट ने दो दिन पहले एसटी एससी के रिजर्वेशन पर बड़ा फैसला सुनाया है. अदालत ने अब राज्यों को अनुसूचित जाति-जनजाति को मिलने वाले आरक्षण में सब कैटेगिरी बनाने पर हरी झंडी दे दी है. शीर्ष कोर्ट की 7 बेंचों वाली जज ने अपने फैसले में कहा कि इन जातियों में ज्यादा जरूरतमंदों को आरक्षण का लाभ देने के लिए सरकारें इसमें सब कैटेगिरी बना सकती है. कोर्ट के इस फैसले के बाद लोहरदगा के सांसद सुखदेव भगत ने इस पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि आरक्षण गरीबी उन्मूलन कार्यक्रमों के लिए नहीं है, ये प्रतिनिधित्व के लिए है.
सुखदेव भगत बोले- रिजर्वेशन गरीबी उन्मूलन कार्यक्रम नहीं
सुप्रीम कोर्ट के आरक्षण पर दिये गये फैसले पर लोहरदगा के सांसद सुखदेव भगत ने अपनी प्रतिक्रिया दी है. उन्होंने कहा है कि हमें यह समझने की जरूरत है कि रिजर्वेशन गरीबी उन्मूलन कार्यक्रम नहीं है. यह मूल रूप से प्रतिनिधित्व के बारे में है. आप देखिये कि देश में 7 आईआईएम है. आजादी इतने साल बाद भी एसटी समुदाय से यहां कोई एसटी प्रोफेसर नहीं है और एससी से केवल 2 प्रतिशत हैं.”
कई राज्यों ने बहुत पहले ही कर दी थी इसकी मांग
गौरतलब है कि सर्वोच्च न्यायलय की संविधान पीठ ने हाल ही में आरक्षण पर बड़ा फैसला सुनाते हुए कहा था कि एसटी एससी जातियों में अब ज्यादा जरूरतमंदों को आरक्षण का लाभ देने के लिए राज्य सरकारें इसमें सब कैटेगरी बना सकती है. इसकी मांग कई राज्य ने बहुत पहले ही कर दी थी. कब कैटेगिरी का मतलब है कोटे के अंदर कोटा. यह आरक्षण का एक नया प्रारूप है. इसके तहत अब एससी, एसटी कोटा में भी यह सब कैटेगरी बनाई जा सकेगी कि इन जातियों के अंदर कौन अधिक पिछड़ा है.
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