रांची : सुप्रीम कोर्ट ने झारखंड सुपीरियर ज्यूडिशियल सर्विस के तहत आयोजित जिला जज प्रतियोगिता परीक्षा-2022 के रिजल्ट में गड़बड़ी को लेकर दायर याचिकाअों पर फैसला सुनाया है. जस्टिस अनिरुद्ध बोस आैर जस्टिस संजय कुमार की खंडपीठ ने झारखंड हाइकोर्ट के फुलकोर्ट के 23 मार्च 2023 के प्रस्ताव को नियमों के विरुद्ध पाते हुए निरस्त कर दिया. फुलकोर्ट ने इस प्रस्ताव से नियम में बदलाव करते हुए साक्षात्कार में 30 प्रतिशत से बढ़ा कर 50 प्रतिशत अंक लाने का मापदंड तय किया गया था. साथ ही खंडपीठ ने नाै रिक्त पदों पर मेरिट के आधार पर शीघ्रताशीघ्र नियुक्त करने का आदेश दिया. खंडपीठ ने अपने फैसले में कहा है कि हाइकोर्ट प्रशासन की अोर से यह प्रस्तुत करना की नियम-14 उन्हें चयन प्रक्रिया समाप्त होने आैर अंक घोषित होने के बाद चयन मानदंड में बदलाव करने की अनुमति देता है, यह उक्त प्रावधान का उचित प्रदर्शन नहीं है.
खंडपीठ की राय में, उक्त नियम विशिष्ट मामलों में हाइकोर्ट प्रशासन को अतिरिक्त दस्तावेजों की मांग करके किसी विशेष स्थिति में अभ्यर्थी की उपयुक्तता व पात्रता का पुनर्मूल्यांकन करने का अधिकार देता है. हाइकोर्ट प्रशासन 2001 के नियमों में निर्दिष्ट चयन मानदंडों से हट कर व्यापक निर्णय लेने के लिए इस नियम की सहायता नहीं ले सकता है. हाइकोर्ट उन अभ्यर्थियों के लिए सिफारिश करे, जो योग्यता या चयन सूची के अनुसार सफल हुए हैं. इससे पूर्व प्रार्थियों की अोर से बताया गया था कि सभी प्रार्थी मुख्य परीक्षा में उत्तीर्ण पाये गये हैं. इसके बावजूद हाइकोर्ट द्वारा नियमों की अनदेखी कर उन्हें नियुक्त नही किया जा रहा है. ऐसा किया जाना स्पष्ट व प्रत्यक्ष रूप से नियुक्ति नियमावली-2001 के नियम-22 का घोर उल्लंघन है. उल्लेखनीय है कि प्रार्थी सुशील कुमार पांडेय व अन्य की अोर से सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर नियुक्ति की मांग की गयी थी.
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झारखंड हाइकोर्ट ने जिला जज के 22 रिक्त पदों पर नियुक्ति के लिए वर्ष 2022 में विज्ञापन (विज्ञापन संख्या 01/2022) प्रकाशित किया था. सितंबर 2022 में मुख्य परीक्षा का आयोजन किया गया, जिसमें देश भर के लगभग 2000 अभ्यर्थी शामिल हुए. मुख्य परीक्षा में 66 अभ्यर्थियों सफल घोषित किया गया था. मुख्य परीक्षा में सफल 66 अभ्यर्थियों को 12, 13 व 14 मार्च 2023 को साक्षात्कार के लिए बुलाया गया.
हाइकोर्ट के रजिस्ट्रार जनरल मोहम्मद शाकिर के हस्ताक्षर से 23 मार्च 2023 को जिला जज नियुक्ति परीक्षा का रिजल्ट प्रकाशित किया गया, जिसमें 22 पदों के विरुद्ध 13 अभ्यर्थियों को अंतिम रूप से सफल घोषित किया गया. नाै पद खाली रह गये. परीक्षा में शामिल अभ्यर्थियों ने बताया कि नियम के अनुसार अभ्यर्थी को चयन हेतु साक्षात्कार में 30 प्रतिशत अंक लाने की आवश्यकता थी. बाद में नियमों में बदलाव कर हाइकोर्ट प्रशासन ने साक्षात्कार में 50 प्रतिशत अंक लाने का मापदंड तय कर दिया. जब नियुक्ति प्रक्रिया शुरू हो जाती है, तो बीच में नियमों में बदलाव नहीं किया जा सकता है. ऐसा करना गलत है. बाद में अभ्यर्थियों ने साक्षात्कार में प्राप्त अंक को उजागर करने के लिए सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी. सुप्रीम कोर्ट ने 26 मई 2023 को आदेश पारित कर कहा था कि प्रार्थियों के साक्षात्कार का अंक बताया जाये. साक्षात्कार के अंक की जानकारी मिलने के बाद सुशील कुमार पांडेय, हरिओम कुमार, रणधीर कुमार सिंह, प्रतीक चतुर्वेदी, पिंकी सिंह, राजीव कुमार और अजय शर्मा ने रिट याचिका दायर कर जिला जज पद पर नियुक्ति की मांग की गयी थी.