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रांची की आउटर रिंग रोड के तीन फेज का सर्वे पूरा, जानें कब तक शुरू होगा काम

आउटर रिंग रोड की लंबाई करीब 194 किमी होगी. यह एनएच 33 रांची-रामगढ़ रोड से शुरू होकर नेशनल हाइवे 75 के मांडर के पास तक जायेगी. यहां से दूसरा फेज एनएच 23 (रांची-गुमला मार्ग) में इटकी तक जायेगा.

By Prabhat Khabar News Desk | April 12, 2023 8:42 AM

रांची के आउटर रिंग रोड के तीन फेज का सर्वे हो गया है. अन्य चरणों का सर्वे हो रहा है. सर्वे करा कर रिपोर्ट केंद्रीय सड़क, परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय को भेजी जायेगी. वहां से इसकी स्वीकृति मिलने के बाद इस पर काम शुरू होगा. यह अनुमान लगाया जा रहा है कि इस साल सारी प्रक्रिया करने के बाद आउटर रिंग रोड पर काम शुरू करा दिया जायेगा. केंद्रीय सड़क, परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी की घोषणा के बाद इसके कार्य में तेजी आयी है. राज्य के पथ निर्माण विभाग की ओर से इसका सर्वे कराया जा रहा है.

आउटर रिंग रोड की लंबाई करीब 194 किमी होगी. यह एनएच 33 रांची-रामगढ़ रोड से शुरू होकर नेशनल हाइवे 75 के मांडर के पास तक जायेगी. यहां से दूसरा फेज एनएच 23 (रांची-गुमला मार्ग) में इटकी तक जायेगा. वहां से एनएच 75 एक्सटेंशन (रांची-चाईबासा रोड) पर कालामाटी के पास निकलेगा. फिर वहां से एनएच 33 (रांची-टाटा रोड) होते हुए अनगड़ा से एनएच 33 (रांची-रामगढ़ मार्ग) तक जायेगा.

मौजूदा रिंग रोड से इसकी दूरी करीब 10 से 12 किमी होगी. अलग-अलग जगहों पर दूरियों में अंतर है. भारत सरकार ने इसके लिए 5000 करोड़ रुपये देने की घोषणा की है, हालांकि इस पर करीब 6000 करोड़ रुपये खर्च आने का अनुमान लगाया गया है. रिंग रोड बनाने में प्रति किमी 30 करोड़ रुपये खर्च आने का अनुमान है. जरूरत पड़ने पर अतिरिक्त राशि भारत सरकार वहन करेगी. इसका निर्माण भारत सरकार की ओर से कराया जायेगा.

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रांची में ट्रांसपोर्ट नगर का किया जा रहा है निर्माण

पीएम गति शक्ति योजना के तहत झारखंड में कुल 169.71 करोड़ की लागत से तीन परियोजनाओं पर काम चल रहा है. इसमें निरसा में लॉजिस्टिक पार्क, रांची में ट्रांसपोर्ट नगर व ओरमांझी के कुल्ही में स्टेट हाइवे का निर्माण हो रहा है. यह जानकारी वाराणसी में आयोजित पीएम गति शक्ति योजना की पांचवीं क्षेत्रीय कार्यशाला की बैठक में उद्योग विभाग के विशेष सचिव प्रणव पाल ने दी.

कार्यशाला में उन्होंने कहा कि पीएम गति शक्ति योजना के मास्टर प्लान के अनुरूप ही झारखंड ने भी मास्टर प्लान तैयार किया है. करीब 50 प्रकार के डाटा को जीआइएस से टैग किया गया है. इसमें तमाम संस्थान, भूमि के रिकाॅर्ड, वन भूमि, डैम, सड़क, जल संसाधन से लेकर बस टर्मिनल, सरकारी भवन आदि हैं.

गति शक्ति को लेकर राज्य सरकार के स्तर पर नियमित रूप से बैठक की जाती है. राज्य के एमएसएमइ की भी मैपिंग की गयी है. बताया गया कि निरसा में वर्ल्ड क्लास का लॉजिस्टिक पार्क बन रहा है, जो 30 एकड़ में होगा. इससे राज्य में व्यापार की सुविधा हो सकेगी. वहीं रांची में बन रहे ट्रांसपोर्ट नगर से भी व्यापार में सुगमता आयेगी. मास्टर प्लान के तहत ही सरकार नयी परियोजनाओं की संभावना को तलाश रही है.

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