रांची : नौ सौ साल बाद बन रहे दुर्लभ संयोग के बीच रविवार (21 जून, 2020) को सूर्यग्रहण का नजारा देखने के लिए हर कोई बेताब है. झारखंड की राजधानी रांची समेत कई जिलों में सुबह से सूर्यदेव के दर्शन नहीं हुए. सुबह से ही आसमान में बादल छाये रहे. सुबह 9:30 बजे के बाद थोड़ी देर के लिए सूर्य निकला, लेकिन फिर बादलों की ओट में छिप गया. ऐसे में रांची समेत कई जिलों के लोग इस सदी की दुर्लभ खगोलीय घटना वलयाकार (रिंग ऑफ फायर) की तरह दिखने वाला सूर्य ग्रहण नहीं देख पायेंगे.
मौसम विभाग ने भी कहा है कि राज्य के अधिकांश हिस्सों में बादल छाये रहने की वजह से लोगों को इस दुर्लभ खगोलीय घटना को देखने में मुश्किलें आयेंगी. रांची में रविवार सुबह 10:36 बजे से दोपहर 2:09 बजे तक सूर्य ग्रहण होगा. इसकी अवधि करीब 3:33 घंटे की है. रांची में आंशिक ग्रहण ही दिखने की बात कही गयी थी, लेकिन मौसम की वजह से लोग इस दुर्लभ नजारे से वंचित रह जायेंगे. सूर्य ग्रहण के दौरान छोटी डिस्क के आकार का चंद्रमा बड़ी डिस्क के आकार के सूर्य के सामने पूरी तरह से आ जायेगा. इससे पृथ्वी से सूर्य छल्ला (रिंग) की तरह दिखेगा. इसे ही रिंग ऑफ फायर कहते हैं.
सूर्यग्रहण देखने से वंचित रह जायेंगे झारखंड के लोग. सुनिये, क्या कहते हैं मौसम केंद्र रांची के वैज्ञानिक. #suryagrahan2020 #SuryaGrahan pic.twitter.com/9m0t8AaJEc
— Mithilesh Jha (@Mithilesh_Jha1) June 21, 2020
लॉकडाउन के कारण इस बार बोड़ेया रोड स्थित साइंस सेंटर में बच्चों के लिए सूर्यग्रहण देखने की व्यवस्था नहीं की गयी है. झारखंड काउंसिल ऑफ साइंस टेक्नोलॉजी एंड इनोवेशन के कार्यकारी निदेशक सह सेंटर के प्रभारी डॉ जीएसपी गुप्ता का दावा है कि 22 नवंबर, 1965 को इस प्रकार का वलयाकार सूर्य ग्रहण लगा था. यानी 55 साल बाद 21 जून, 2020 को ऐसा सूर्य ग्रहण लग रहा है.
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इसके बाद अब वर्ष 2039 में वलयाकार सूर्यग्रहण देखने को मिलेगा. वर्ष 2010 में आंशिक सूर्य ग्रहण लगा था, जो दक्षिण भारत में दिखा था. इस बार रविवार को लगनेवाला छल्लाकार सूर्य ग्रहण उत्तर भारत में देखा जा सकेगा. इस खगोलीय घटना में चंद्रमा पृथ्वी के काफी करीब आ जाता है. झारखंड में सूर्य को चांद 68.8 फीसदी तक घेर लेगा. प्रदेश में दिन के 12:25 बजे सूर्यग्रहण अपने चरम पर होगा. यानी सूर्य का अधिकतम हिस्सा यान 68.8 फीसदी भाग पर चंद्रमा की छाया पड़ेगी. वहीं, दोपहर 2:09 बजे चांद की छाया से सूर्य बाहर निकल आयेगा.
झारखंड काउंसिल ऑफ साइंस टेक्नोलॉजी एंड इनोवेशन के कार्यकारी निदेशक सह सेंटर के प्रभारी डॉ गुप्ता का कहना है कि बिना सुरक्षा कवच के ग्रहण देखने पर सूर्य से आनेवाली अल्ट्रा वाॅयलेट किरणें आंखों की रेटिना जला सकती हैं. इससे स्थायी अंधापन का खतरा हो सकता है. इसको देखने से पहले एहतियात बरतने की जरूरत है. लोगों की सलाह दी गयी है कि सूर्यग्रहण के दौरान अगर घर से निकलें, तो काला चश्मा लगाकर ही निकलें.
Posted By : Mithilesh Jha