मरते मरते रांची के सुशांत ने 4 लोगों को दे दी नयी जिंदगी, लंदन में हुई थी मौत
सुशांत का परिवार झारखंड के पलामू जिले का रहने वाले है. पिता सुरेंद्र कुमार सिंह बोकारो स्टील प्लांट में कार्यरत थे. जबकि उनका 30 साल का बेटा सुशांत लंदन में फेसबुक कंपनी में काम करता था.
रांची: मरते मरते लोगों को नयी जिंदगी देने की कहानी लोगों ने सिर्फ किताबों व फिल्मों में देखी है. लेकिन, अगर हम कहें कि ये रियल लाइफ की घटना है तो शायद कई लोगों को विश्वास ही न हों. परंतु, ऐसा हुआ है, जिसने मरते वक्त एक नहीं बल्कि 4 लोगों को नयी जिंदगी दी है. दरअसल ये कहानी है रांची में रहने वाले सुशांत सिंह की.
जो लंदन में फेसबुक कंपनी में काम करता था. जिसकी हाल ही में तबीयत खराब हो जाने की वजह से मौत हो गयी. परिवार के लोगों को जब इसकी जानकारी मिली तो उनके होश ही उड़ गये. आनन-फानन में पूरा परिवार लंदन पहुंचा. क्रियाक्रम से पहले ही परिवारजनों ने बेटे का ऑर्गन डोनेट करने का फैसला किया. अब उनके बेटे की शरीर के अंग चार लोगों को दे दिया गया है.
क्या है पूरा मामला
मीडिया रिपोर्ट की मानें तो सुशांत का परिवार झारखंड के पलामू जिले का रहने वाले है. पिता सुरेंद्र कुमार सिंह बोकारो स्टील प्लांट में कार्यरत थे. जबकि उनका 30 साल का बेटा सुशांत लंदन में फेसबुक कंपनी में काम करता था. पिता के रिटायरमेंट के बाद पूरा परिवार रांची में शिफ्ट हो गया. वहीं, सुशांत रांची बी.आईटी मेसरा से कंप्यूटर साइंस में बी-टेक कर रखा था. सुशांत की पत्नी का कहना है 19 मार्च की रात अचानक से उनकी तबीयत बेहद खराब हो गयी. इसके उन्हें शहर के ही एक अस्पताल में भर्ती कराया गया. इसकी सूचना मिलते ही उनके माता-पिता तुंरत लंदन के लिए रवाना हो गये.
लंदन पहुंचने पर डॉक्टरों ने बताया कि उनके बेटे को ब्रेन हेमरेज है. स्थिति इतनी खराब है कि उनके दिमाग तक ऑक्सीजन नहीं पहुंच पा रहा है. अंत में 22 मार्च के दिन डॉक्टरों ने सुशांत का ब्रेन डेड घोषित कर दिया. इसके बाद तो मानों उनके परिवार पर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा. इसके बाद उनके पिता और सुशांत की पत्नी ने बड़ा फैसला लेते हुए सुशांत का ऑर्गन डोनेट करने का फैसला किया.
क्या कहते हैं डॉक्टर
डॉक्टरों की मानें तो सुशांत का ऑर्गन डोनेट जिन 4 लोगों को किया गया है उनमें से 2 पचास साल की महिलाएं हैं. एक को हार्ट ट्रांसप्लांट किया गया है तो दूसरी महिला को लीवर ट्रांसप्लांट किया गया. एक 40 वर्षीय व्यक्ति को सुशांत की दूसरी किडनी व अग्न्याशय ट्रांसप्लांट किया गया. उसी तरह एक को सुशांत की आंख डोनेट किया गया.
क्या कहते हैं सुशांत के माता-पिता
सुशांत के माता-पिता का कहना है कि जवान बेटे को खोने का दुख बहुत है. लेकिन, बेटे के चले जाने के बाद भी वह अभी कई लोगों में जिंदा है. बेटे ने 4 लोगों को नयी जिंदगी दी है.