रांची : सुशांत सिंह राजपूत बेहद जिंदादिल इंसान थे. महेंद्र सिंह धौनी का किरदार निभाने वाले इस शिक्षित और बहुमुखी प्रतिभा के धनी कलाकार ने आत्महत्या कर ली, इस पर विश्वास नहीं होता. मन व्यथित हो गया है. काश कि यह खबर गलत हो. अफवाह हो. समझ नहीं आता कि आखिर इतने संवेदनशील कलाकार ने आत्मघाती कदम क्यों उठाया. अपनी फिल्म ‘छिछोरे’ में उन्होंने बच्चों को, छात्रों को युवाओं को मजबूत बनने का संदेश दिया था. और खुद इतने कमजोर पड़ गये कि अपनी जान ही दे दी. यह कहना है नागपुरी फिल्मों की सीनियर एक्ट्रेस और झारखंड की लता मंगेशकर कही जाने वाली गायिका मोनिका मुंडू का.
सुशांत सिंह राजपूत की मौत की खबर से मोनिका मुंडू सन्न रह गयी हैं. prabhatkhabar.com से बातचीत में उन्होंने कहा कि कलाकार बेहद संवेदनशील होता है. वह प्यार का भूखा होता है. कई बार ऐसी चीजें हो जाती हैं, जिसे वह बर्दाश्त नहीं कर पाता. सुशांत सिंह राजपूत के जीवन में भी जरूर ऐसा कुछ हुआ होगा कि उन्होंने इतना बड़ा कदम उठा लिया. मेरा मानना है कि सुशांत सिंह जैसे कलाकारों को कभी ऐसा कदम नहीं उठाना चाहिए. वह समाज के लिए प्रेरणास्रोत होते हैं. यदि ऐसे कलाकार इतने कमजोर हो जायेंगे, तो समाज में गलत संदेश जायेगा.
मोनिका मुंडू ने कहा कि उन्होंने ऐसा कदम नहीं उठाया होता, तो अच्छा था. वह एक बेहतीन अदाकार थे. उनका इस तरह से चले जाना फिल्म जगत के लिए, उनके फैंस के लिए बहुत बड़ी क्षति है. इस कमी को कोई पूरा नहीं कर पायेगा. उन्होंने कहा, ‘मैं समझ नहीं पा रही कि हो क्या रहा है. ऐसा क्यों हो रहा है. इतने अच्छे कलाकार इस दुनिया से क्यों चले जा रहे हैं. अभी इरफान खान जैसे बेहतरीन अदाकार का निधन हो गया. अब सुशांत सिंह राजपूत ने अपनी जान दे दी. ऐसा नहीं होना चाहिए.’
‘एमएस धौनी : द अनटोल्ड स्टोरी’ में किरदार निभाने वाली मोनिका मुंडू ने कहा कि आत्महत्या करना आसान बात नहीं है. हिम्मत की जरूरत होती है अपनी जान देने के लिए. उन्होंने कहा कि दो दिन पहले वह उनकी फिल्म ‘छिछोरे’ देख रहीं थीं. इस फिल्म में सुशांत ने अपने अभिनय के जरिये अपने घर से बाहर रहकर पढ़ाई करने वाले युवाओं को बेहतरीन संदेश दिया है. इस फिल्म को देखने के बाद इस बात पर विश्वास करना मुश्किल है कि उन्होंने आत्महत्या कर ली. मुझे इतना बुरा लग रहा है, तो उनके फैंस को कितना बुरा लग रहा होगा.
मोनिका मुंडू ने कहा कि एमएस धौनी के जीवन पर बनी फिल्म में उन्होेंने अभिनय जरूर किया, लेकिन सुशांत से उनका बहुत वास्ता नहीं पड़ा. बावजूद इसके उन्होंने इतना जरूर जाना कि वह एक बेहतरीन इंसान थे. जिंदादिल इंसान थे. उन्होंने कहा कि युवाओं को ‘छिछोरे’ फिल्म जरूर देखनी चाहिए. श्रीमती मुंडू ने कहा कि किसी भी व्यक्ति के जीवन में अच्छे और बुरे दिन आते हैं. यदि आज आपके जीवन में बुरा हो रहा है, तो याद करिये कि कभी आपने अच्छे दिनों का आनंद भी लिया होगा. आज का बुरा वक्त भी बीत जायेगा. इससे हार मानकर खुद को खत्म कर लेना उचित नहीं है. यह जोश अच्छा नहीं है.