प्रभात खबर अपराजिता सम्मान समारोह में सुशील ने हंसाया, जिमी ने गुदगुदाया और एहसान ने बांधा समां

कॉमेडी शो की पहली प्रस्तुति सुशील खरबंदा ने दी. स्टेज पर उनकी इंट्री गुत्थी के रूप में हुई. सलवार शूट पहनकर गुत्थी ने पहले पांच लोगों को मंच पर बुलाया और बारी-बारी से सबसे खुद को प्रपोज कराया.

By Prabhat Khabar Digital Desk | March 22, 2024 8:27 AM

रांची: सीएमपीडीआइ के मयूरी ऑडोटोरियम में आयोजित अपराजित सम्मान समारोह में कॉमेडी जगत के तीन दिग्गजों ने अपने अंदाज से लोगों को हंसाया. इसमें सुशील खरबंदा ने गुत्थी बनकर, जिमी मोजेज ने ममता दीदी से लेकर पतंग उड़ाकर और एहसान कुरैशी ने अपने बोलने के अंदाज से सबका मनोरंजन किया. तीनों कलाकारों के परफॉरमेंस ने लोगों का दिल जीत लिया. वहीं तीनों कलाकारों को प्रभात खबर के वाइस प्रेसिडेंट विजय बहादुर और कार्यकारी संपादक अनुज कुमार सिन्हा ने सम्मानित किया. इस अवसर पर प्रायोजकों को भी सम्मानित किया गया.

सुशील खरबंदा ने कहा मिलते रहोगे तो जिंदा रहोगे :

कॉमेडी शो की पहली प्रस्तुति सुशील खरबंदा ने दी. स्टेज पर उनकी इंट्री गुत्थी के रूप में हुई. सलवार शूट पहनकर गुत्थी ने पहले पांच लोगों को मंच पर बुलाया और बारी-बारी से सबसे खुद को प्रपोज कराया. फिर कहा कि आज शादी हो गयी है, कल कोर्ट खुलते ही तालाक की अर्जी डाल दूंगी. उन्होंने कहा कि नारी शक्ति जिंदाबाद और दूसरे ही पल कहा-मर्दों चिंता मत करो मैं भी मर्द ही हूं. ऐसी बातें सुनते ही लोग हंसी से लोट पोट हो गये. उनकी बातों और अंदाज पर लोग ने हंसते हुए तालियों से हौसला बढ़ाया. गुत्थी ने किसी को नहीं छोड़ा और स्टेज के सामने आने-जाने वालों को भी अपनी अंदाज में चुटकी ली.

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जिमी ने अक्षय-अभिताभ के नाम पर गुदगुदाया :

जॉनी लीवर के भाई जिमी मोजेज ने महेंद्र सिंह धौनी से अपनी बात की शुरुआत की. उन्होंने कोलकाता के अंडर वाटर मेट्रो पर कॉमेडी की और ममता दीदी को भी नहीं छोड़ा. अक्षय कुमार के टॉयलेट विज्ञापन पर उन्होंने कॉमेडी करते हुए कहा कि वह भी विज्ञापन के चक्कर में टॉयलेट में पहुंच जाते हैं.

रामदेव बाबा पर उन्होंने कहा कि उनसे एक आदमी ने पूछा कि बाबा मेरी एक आंख नहीं खुल रही है इसका कोई उपाय बताइये. रामदेव बाबा ने उसे थप्पड़ मारते हुए कहा कि आज तक मेरी आंख नहीं खुली तो तेरी आंख कहां से खुलेगी. सोशल मीडिया से लेकर आज कल के गाने और हिमेश रेशमिया के अंदाज को उन्होंने अपने अंदाज से प्रस्तुति दी. अंत में उन्होंने कहा कि रांची में तालाक का रेट कम है, इसलिए पति, पत्नी और बारिश रांची को छोड़कर नहीं जाते हैं.

आपने इतने प्यार से बुलाया कि हम मुंबई से चलकर आ गये:

एहसान कुरैशी ने अपने बोलने के अंदाज से सबको हंसाया. ममता का महकता हुआ गुलजार है औरत, बदले पर उतर आये तो तलवार है औरत. मेरी पत्नी ने कहा कि आप भी औरत पर कुछ लिख दो, मैंने कहा आप गजल लिखती हो और अपन गजाला लिखते हैं. उन्होंने कहा कि चौपाटी पर मिल जाये तो गुलजार है औरत, और सौतन साथ दिख जाये तो खतरनाक है औरत. उन्होंने कहा कि शायरी लिखने के लिए कहीं जाने की जरूरत नहीं है, बस ट्रक के पीछे चल दीजिए. एक से एक शायरी ट्रक के पीछे दिखी. मैंने दो लाइन रांची के लिए पढ़ी कि नीम का पेड़ भी चंदन से कम नहीं, हमारा रांची भी लंदन से कम नहीं.

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