24.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

पथ निर्माण विभाग के निलंबित इंजीनियर उमेश्वर राम को झारखंड हाईकोर्ट से मिली बड़ी राहत, सरकार का आदेश निरस्त

झारखंड हाईकोर्ट के जस्टिस एस चंद्रशेखर व जस्टिस रत्नाकर भेंगरा की खंडपीठ में प्रार्थी की ओर से अधिवक्ता नवीन कुमार सिंह ने खंडपीठ को बताया कि उनके पदस्थापन के पहले से सड़क खराब थी. खराब सड़क से राज्यपाल का काफिला गुजरा था. उसके लिए सिर्फ उन्हें जिम्मेवार बताते हुए निलंबित कर दिया गया था.

रांची, राणा प्रताप. पथ निर्माण विभाग (आरसीडी) के इंजीनियर उमेश्वर राम को झारखंड हाईकोर्ट से बड़ी राहत मिली है. हाईकोर्ट ने प्रार्थी की अपील याचिका पर सुनवाई करते हुए सभी का पक्ष सुना. इसके बाद 27 जून 2014 के आदेश तथा 23 फरवरी 2015 के दंडात्मक आदेश को निरस्त कर दिया. इसके साथ ही निलंबन अवधि के सारे वित्तीय लाभ का भुगतान करने का आदेश पारित किया.

खराब सड़क पर हुई थी कार्रवाई

झारखंड हाईकोर्ट के जस्टिस एस चंद्रशेखर व जस्टिस रत्नाकर भेंगरा की खंडपीठ में इस मामले की सुनवाई हुई. इससे पूर्व प्रार्थी की ओर से अधिवक्ता नवीन कुमार सिंह ने पक्ष रखते हुए खंडपीठ को बताया कि उनके पदस्थापन के पहले से सड़क खराब थी. खराब सड़क से राज्यपाल का काफिला गुजरा था. उसके लिए सिर्फ उन्हें जिम्मेवार बताते हुए निलंबित कर दिया गया. बाद में निंदन की सजा व निलंबन अवधि में सिर्फ जीवन निर्वाह भत्ता देने का आदेश जारी किया गया था.

Also Read: Republic Day 2023: पुरानी पेंशन योजना ‍‍‍‍‍व गुरुजी स्टूडेंट क्रेडिट कार्ड योजना पर क्या बोले CM हेमंत सोरेन

एकल पीठ के आदेश को दी थी चुनौती

अधिवक्ता श्री सिंह ने बताया कि प्रार्थी ने सरकार के आदेश को चुनौती दी थी, लेकिन एकल पीठ ने निंदन की सजा को बहाल रखा और मामले को रिमांड कर दिया. उन्होंने एकल पीठ के आदेश को निरस्त करने का आग्रह किया. उल्लेखनीय है कि प्रार्थी जूनियर इंजीनियर उमेश्वर राम ने अपील याचिका दायर कर एकल पीठ के आदेश को चुनौती दी थी.

Also Read: Republic Day 2023: गणतंत्र दिवस पर राज्यपाल रमेश बैस ने किसानों, मजदूरों व महिलाओं को लेकर कहीं ये बातें

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें