झारखंड में विकास की नई रूपरेखा तय करेगा सस्टेनेबल जस्ट ट्रांजिशन, विजन डॉक्यूमेंट का हुआ विमोचन
झारखंड की राजधानी रांची में सस्टेनेबल जस्ट ट्रांजिशन का विजन डॉक्यूमेंट ‘नव निर्माण की ओर अग्रसर’ का विमोचन किया गया. इस मौके पर मुख्य सचिव सुखदेव सिंह ने कहा कि सस्टेनेबल जस्ट ट्रांजिशन विकास की नई रूपरेखा तय करेगा.
Jharkhand News: राजधानी रांची में वन विभाग एवं झारखंड राज्य प्रदूषण नियत्रंण पर्षद के के संयुक्त तत्वावधान में सीड द्वारा आयोजित कार्यक्रम को संबोधित करते हुए राज्य के मुख्य सचिव सुखदेव सिंह ने कहा है कि जस्ट ट्रांजिशन झारखंड में विकास की नई रूपरेखा तय करेगा. देश में जलवायु परिवर्तन के बढ़ते संकट को रोकने के लिए विजन 2070 के नेट-जीरो लक्ष्य को प्राप्त करने की बात कही गई है, जिसमें टास्क फोर्स की भूमिका अहम होगी. नवंबर 2022 से ही झारखंड इस दिशा में ‘टास्क फोर्स‘ गठन करने वाला देश में पहला राज्य है. इस मौके पर झारखंड में भविष्योन्मुखी अर्थव्यवस्था के निर्माण और सस्टेनेबल जस्ट ट्रांजिशन की रूपरेखा से संबंधित विजन डॉक्यूमेंट ‘नव-निर्माण की ओर अग्रसर’ पुस्तक का विमोचन भी किया.
कन्वर्जेन्स एप्रोच एवं व्यापक विजन बेहद महत्वपूर्ण
मुख्य सचिव ने कहा कि सस्टेनेबल जस्ट ट्रांजिशन टास्क फोर्स राज्य ही नहीं, बल्कि भारत के क्लाइमेट चेंज से संबंधित महत्वाकांक्षी लक्ष्यों और ग्रीन इकोनॉमी के रास्ते पर चलने के लिहाज से अहम है. राज्य सरकार प्रतिबद्ध है कि सस्टेनेबल ट्रांजिशन की इस प्रक्रिया में कोई भी पीछे नहीं छूटे. कार्बन-न्यूट्रल और जलवायु अनुकूल अर्थव्यवस्था की दिशा में बेहतर परिणाम के लिए राष्ट्रीय एवं राज्यस्तरीय प्रयासों में कन्वर्जेन्स एप्रोच एवं व्यापक विजन बेहद महत्वपूर्ण है. राज्य में समावेशी विकास और आर्थिक प्रगति की वैकल्पिक राह से संबंधित विज़न डॉक्यूमेंट तैयार करने के लिए टास्क फोर्स एवं सीड बधाई के पात्र हैं.
टास्क फोर्स पर पूरे देश की नजर
उन्होंने कहा कि झारखंड में रिन्यूएबल एनर्जी के माध्यम से पावर जेनरेट करने का लक्ष्य है, जिसमें सोलर एनर्जी, हाईड्रोजन एनर्जी आदि महत्वपूर्ण स्रोत होंगे. राज्य में कोयला और थर्मल पावर प्लांट तथा इससे संबद्ध स्थानीय अर्थव्यवस्था, लघु-सूक्ष्म उद्योगों और असंगठित क्षेत्र से लाखों लोग जीविका प्राप्त करते हैं. जीवाश्म ईंधन पर आधारित कई शहरों के आर्थिक ढांचा को कैसे बिना आघात के नए बदलावों के अनुरूप तैयार किया जाये, यह बड़ी चुनौती होगी. यही कारण है कि इस टास्क फोर्स पर पूरे देश की नजर है, क्योंकि छत्तीसगढ़, ओडिशा, मध्य प्रदेश और पश्चिम बंगाल जैसे अन्य जीवाश्म संसाधन से समृद्ध राज्य झारखंड द्वारा तैयार रोडमैप और मॉडल को अपनाने के लिए प्रेरित होंगे.
अंडर कास्ट कर कोयला निकालने पर दिया बल
वहीं, केंद्रीय कोयला सचिव अमृत लाल मीणा ने कार्यक्रम में ऑनलाईन माध्यम से अपनी बात रखी. उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार ने विजन 2070 के नेट-जीरो के लक्ष्य को प्राप्त करने की ओर कदम बढ़ा दिया है. सस्टेनेबल ट्रांजिशन की रणनीतियों को निर्धारित करने के मामले में झारखंड ने आज अन्य राज्यों के समक्ष अनुकरणीय उदाहरण प्रस्तुत किया है. विजन डॉक्यूमेंट राज्य सरकार और टास्क फोर्स का एक दूरगामी एवं सराहनीय प्रयास है. न्यूनतम कार्बन उत्सर्जन के लिए सततशील एनर्जी ट्रांजिशन आवश्यक है. भविष्य में ऊर्जा जरूरतों एवं एनर्जी ट्रांजिशन को गति देने में कोयले की महत्वपूर्ण भूमिका बनी रहेगी. हम राज्य सरकार को एनर्जी ट्रांजिशन के प्रयास में हर-संभव सहायता प्रदान करने को तत्पर हैं.
कोयला खदानों से पर्यावरण को होने वाले नुकसान से बचाने के उपाय
केंद्रीय कोयला सचिव ने कहा कि यह विजन डॉक्यूमेंट देश में कार्बन उत्सर्जन-मुक्त अर्थव्यवस्था और सतत विकास के लक्ष्यों से निर्देशित है, जिसे अंतर्विभागीय बैठकों, नेशनल एवं स्टेट कंसल्टेशन एवं सभी स्टेकहोल्डर्स की सहभागिता से तैयार किया गया है. कहा कि देश कोयले पर अपनी निर्भरता को कम कर रहा है. कुछ खदानों को भी बंद किया जा चुका है. उन्होंने कोयला खदानों से पर्यावरण को होने वाले नुकसान से बचाने के उपायों को बताते हुये अंडर कास्ट कर कोयला निकालने पर बल दिया. कहा कि अंडर कास्ट के माध्यम से पर्यावरण को कम नुकसान होगा.
सस्टेनेबल जस्ट ट्रांजिशन टास्क फोर्स की कार्यप्रणाली एवं इसके मुख्य उद्देश्य
इस अवसर पर सस्टेनेबल जस्ट ट्रांजिशन टास्क फोर्स चेयरपर्सन सेवानिवृत्त आईएफएस अधिकारी एके रस्तोगी ने कहा कि आज का दिन ऐतिहासिक है. यह विजन डॉक्यूमेंट एक समावेशी एवं सहभागी प्रक्रिया के तहत प्रसिद्ध रिसर्च पार्टनर्स एवं देश-दुनिया के बेस्ट-प्रैक्टिसेज के अध्ययन एवं विश्लेषण से तैयार किया गया है. प्राथमिकता के रूप में ट्रांजिशन रोडमैप विकसित करने के लिए आठ क्षेत्रों पर विशेष ध्यान दिया गया है, जिनमें लाइवलीहुड ट्रांजिशन, एनर्जी ट्रांजिशन, डीकार्बोनाइजेशन पाथवे, कोयला ट्रांजिशन, सस्टेनेबल मोबिलिटी ट्रांजिशन, ग्रीन हाइड्रोजन, निवेश एवं वित्त और संस्थागत परिवर्तन प्रमुख है. यह विजन राज्य में पर्यावरण, सामाजिक और आर्थिक आकांक्षाओं को क्लाइमेट एवं नेट-जीरो के लक्ष्यों के अनुरूप हासिल करने पर बल देता है.
Also Read: झारखंड : जोर पकड़ रहा बेरमो को जिला बनाने का आंदोलन, दशकों पुरानी है मांग
पहली बार किसी राज्य ने सस्टेनेबल ट्रांजिशन पर विजन डॉक्यूमेंट प्रस्तुत किया
सस्टेनेबल ट्रांजिशन की प्रक्रिया में कन्वर्जेन्स एप्रोच की आवश्यकता पर जोर देते हुए सीड के सीईओ रमापति कुमार ने कहा कि यह एक ऐतिहासिक एवं दूरदर्शी कदम है, क्योंकि देश में पहली बार किसी राज्य ने सस्टेनेबल ट्रांजिशन पर विजन डॉक्यूमेंट प्रस्तुत किया है. यह राज्य में क्लाइमेट गवर्नेंस की व्यापक रूपरेखा प्रस्तुत करता है. राज्य सरकार की यह पहल जलवायु समाधानों के राष्ट्रीय और वैश्विक प्रयासों को मजबूती प्रदान करेगी. क्लाइमेट रेसिलियंट एवं फ्यूचर-रेडी इकोनॉमी के लिए इंटर-डिपार्टमेंटल कन्वर्जेन्स आवश्यक है. राज्य में सस्टेनेबल ट्रांजिशन एवं ग्रीन इकोनॉमी की दिशा में सीड नॉलेज सपोर्ट एवं विशेषज्ञ सहायता प्रदान करने के लिए हमेशा प्रतिबद्ध है. इस अवसर पर वन पर्यावरण एवं जलवायु परिवर्तन विभाग के अपर सचिव एल ख्यांग्ते, पीसीसीएफ एवं हॉफ के डॉ संजय श्रीवास्तव, जेएसपीसीबी के अध्यक्ष शशिकर सामंता सहित अन्य प्रमुख विभागों के वरिष्ठ अधिकारियों की उपस्थिति रही.
तकनीकी सत्र में वरिष्ठ अधिकारियों की भागीदारी
कांफ्रेंस के तकनीकी सत्र में राज्य के प्रमुख विभागों के वरिष्ठ अधिकारियों की भागीदारी रही, इनमें खान एवं भूतत्व विभाग और कृषि, पशुपालन एवं सहकारिता विभाग के सचिव अबू बकर सिद्दीकी पी, ग्रामीण विकास विभाग के सचिव चंद्रशेखर, योजना एवं विकास विभाग के सचिव प्रशांत कुमार, जेएसपीसीबी के सदस्य सचिव वाईके दास, एपीसीसीएफ के डॉ डीके सक्सेना, श्रम आयुक्त संजीव बेसरा और कृषि विभाग के विशेष सचिव पीके हजारी ने राज्य में सेक्टोरल ट्रांजिशन और सतत विकास के लिए एक कन्वर्जेन्स दृष्टिकोण की आवश्यकता पर जोर दिया.
कार्यक्रम में इनकी रही उपस्थिति
अन्य तकनीकी सत्रों (इंडस्ट्रीज एज कैटेलिस्ट फॉर सस्टेनेबल ट्रांजिशन और इनेबलिंग ट्रांजिशन इन झारखंड : चैलेंजेज एंड अपॉर्चुनिटी) में उद्योग जगत, सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों और अन्य दिग्गजों ने भाग लिया. इन लोगों ने झारखंड में आर्थिक विकास की नयी दिशा के लिए बने विजन डॉक्यूमेंट की सराहना की और उसका समर्थन किया. इन सत्रों में दामोदर वैली कारपोरेशन के चेयरमैन राम नरेश सिंह, सेंट्रल माइन प्लानिंग एंड डिजाइन इंस्टिट्यूट लिमिटेड के चेयरमैन एवं मैनेजिंग डायरेक्टर मनोज कुमार, बोकारो स्टील प्लांट और राउरकेला स्टील प्लांट, सेल के डायरेक्टर इनचार्ज अतानु भौमिक, इकोनोमिक को-ऑपरेशन एंड डेवलपमेंट इंडिया एम्बेसी के हेड ऑफ यू गेहलेन, सेंट्रल माइन प्लानिंग एंड डिजाइन इंस्टिट्यूट लिमिटेड के डायरेक्टर-टेक्नीकल/इएस एस नागाचारी, एनर्जी एनवायरनमेंट एंड रेसिलिएंस यूनाइटेड नेशंस डेवलपमेंट प्रोग्राम के हेड आशीष चतुर्वेदी, जीआईजेड के सलाहकार नवोनिल दास, रिन्यू पासर के प्रोजेक्ट डेवलपमेंट लीड अनूप जकारिया, एनर्जी प्रोग्राम वर्ल्ड रिसोर्स इंस्टीट्यूट के डिप्टी डायरेक्टर दीपक एस. कृष्णन, रांची पार्टनर्स कंसल्टेंट्स के देबनाथ बेरा, स्कूल ऑफ पॉलिसी एंड गवर्नेंस के श्रीलता कृष्णन और जॉन कॉकरेल हाइड्रोजन के जयदीप मलिक आदि प्रमुख थे. कांफ्रेंस में देश एवं राज्य के प्रमुख उद्योग और व्यापार समूहों के उच्च-अधिकारियों, सार्वजनिक लोक-उपक्रमों, एनर्जी एवं सस्टेनेबिलिटी थिंक-टैंक, सिविल सोसाइटी संगठनों और विशेषज्ञों ने झारखंड में सस्टेनेबल ट्रांजिशन की प्रक्रिया को बेहतर एवं प्रभावी बनाने से जुड़े समाधानों एवं प्रयासों को प्रस्तुत किया.