ranchi news : भगवान की अर्चना करने से होता है अहंकार का नाश : स्वामी अनिरुद्धाचार्य
ranchi news : स्वामी अनिरुद्धाचार्य महाराज ने श्रीलक्ष्मी वेंकटेश्वर मंदिर परिसर में गुरुवार को चौथे दिन के सत्संग में कहा कि अनंत भगवान श्रीहरि का अनंत गुण कीर्तन है
रांची. श्रीधाम वृंदावन से आये जगद्गुरु रामानुजाचार्य स्वामी अनिरुद्धाचार्य महाराज ने श्रीलक्ष्मी वेंकटेश्वर मंदिर परिसर में गुरुवार को चौथे दिन के सत्संग में कहा कि अनंत भगवान श्रीहरि का अनंत गुण कीर्तन है. उनकी कीर्ति भी अनंत रूपा है. उनका ज्ञान भी अनंत रूप है. उनके नाम भी अनंत हैं, जो तीर्थों को पवित्र करनेवाले हैं. भगवान श्रीमन्नारायण ही सृष्टि के रचयिता हैं. जगत नियंता हैं. संपूर्ण संसार के मालिक हैं. स्वामी अनिरुद्धाचार्य ने कहा कि भगवान श्रीलक्ष्मी वेंकटेश्वर स्वयं विष्णु भगवान ही हैं और कलयुग में भक्तों के कल्याण के लिए अर्चावतार में दर्शन दे रहे हैं. भगवान वेंकटेश अर्चना प्रिय हैं और अर्चना करने से सहज ही प्रसन्न हो जाते हैं. अर्चना करने से प्राणियों के अहंकार का नाश होता है. उन्होंने कहा कि अहंकार के अनेक रूप होते हैं. किसी को धन का अहंकार, किसी को रूप का अहंकार, किसी को शक्ति का अहंकार और किसी को त्याग का अहंकार हो जाता है. किसी भी तरह का अहंकार मनुष्य के पतन का कारण बनता है. भगवान वेंकटेश के नित्य दर्शन और उनकी अर्चना करने से मनुष्य के अहंकार का नाश होता है और भगवान के चरणों से प्रेम हो जाता है. वहीं सहज ही सुख-शांति और समृद्धि की प्राप्ति हो जाती है. उन्होंने यह भी कहा कि अर्चावतार रूप में प्रकट भगवान वेंकटेश्वर की जो भक्ति पूर्वक अर्चना करता है, उसे सभी देवता नमस्कार करते हैं और सभी लोक उसके वश में हो जाते हैं. व
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