Swarnarekha Mahotsav: नगड़ी के रानीचुआं में स्वर्णरेखा महोत्सव का भव्य आगाज, स्वामी विवेकानंद की प्रतिमा का अनावरण

Swarnarekha Mahotsav: नगड़ी के रानीचुआं में तीन दिवसीय स्वर्णरेखा महोत्सव का भव्य आगाज हुआ. झारखंड हाईकोर्ट के न्यायाधीश डॉ एसएन पाठक एवं विधायक सरयू राय ने रानीचुआं में स्वामी विवेकानंद की प्रतिमा का अनावरण किया.

By Guru Swarup Mishra | January 12, 2025 11:14 PM

Swarnarekha Mahotsav: रांची-तीन दिवसीय स्वर्णरेखा महोत्सव का नगड़ी के रानीचुआं में भव्य आगाज हुआ. झारखंड हाईकोर्ट के न्यायाधीश डॉ एसएन पाठक एवं विधायक सरयू राय ने रानीचुआं में स्वामी विवेकानंद की प्रतिमा का अनावरण किया. कार्यक्रम के मुख्य अतिथि झारखंड उच्च न्यायालय के न्यायाधीश डॉ एसएन पाठक ने कहा कि युवाओं की भूमिका केवल आंदोलन करने के लिए नहीं होना चाहिए बल्कि पर्यावरण एवं जलस्रोतों का संरक्षण करने में युवाओं को अहम भूमिका निभानी होगी. लोग यदि अपने कर्तव्यों का निर्वहन सही से करें तो यही देश के लिए उनका सबसे बड़ा योगदान होगा. जो युवा बड़े अधिकारी बनते हैं, वे प्रोफेशनल हो जाते हैं, उन्हें अपने दायरे से बाहर निकलकर जलस्रोतों और पर्यावरण का संरक्षण करने के लिए आगे आना चाहिए.

स्वर्णरेखा महोत्सव का ये है उद्देश्य


दामोदर बचाओ आंदोलन के अध्यक्ष सह स्वर्णरेखा महोत्सव के संरक्षक सह जमशेदपुर पश्चिमी के विधायक सरयू राय ने कहा कि स्वर्णरेखा महोत्सव मनाने का मुख्य उद्देश्य स्वर्णरेखा नदी का संरक्षण एवं आम जनमानस में इसे प्रदूषण मुक्त करने के लिए जागरूकता पैदा करना है. उन्होंने कहा कि प्रदूषण की दृष्टि से स्वर्णरेखा नदी के उद्गम स्थल रानीचुआं (नगड़ी) से लेकर समुद्र के अंतिम बिंदु तक इसे पांच भागों में बांटा जा सकता है. स्वर्णरेखा नदी को आज औद्योगिक प्रदूषण की अपेक्षा नगरीय प्रदूषण से ज्यादा खतरा है. शहरी क्षेत्र में नाला आधारित विकास नीति बनाने की आवश्यकता है. पर्व-त्यौहार तभी सार्थक होगा जब नदी प्रदूषण मुक्त होकर अविरल बहती रहे.

नदियों की रक्षा का लें संकल्प


कार्यक्रम के विशिष्ट अतिथि सेवानिवृत डीआईजी संजय रंजन सिंह ने कहा कि नदियां मानव सभ्यता की जननी हैं. नदियों की स्वच्छता का ख्याल हर हाल में रखना होगा. नदियां समाप्त हुई तो मानव सभ्यता भी समाप्त हो जाएगी. युवा दिवस के दिन युवाओं को संकल्प लेना चाहिए कि वे नदियों की रक्षा करेंगे ताकि हमारी सभ्यता की भी रक्षा हो सके.

मौके पर ये थे मौजूद


कार्यक्रम में मुख्य रूप से स्वर्णरेखा महोत्सव के संयोजक तपेश्वर केशरी, जिला परिषद की सदस्या पूनम देवी, उप प्रमुख विद्यारानी, युगांतर भारती के अध्यक्ष अंशुल शरण, सचिव आशीष शीतल केदार महतो, चुड़ामणि महतो, धर्मेंन्द्र तिवारी, पी.एन. सिंह, सत्यनारायण महतो सहित आसपास के गांवों के सैकड़ों लोग मौजूद थे. कार्यक्रम संचालन हेमंत केशरी एवं धन्यवाद ज्ञापन बजरंग महतो ने किया.

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