Jharkhand News: झारखंड में स्वाइन फ्लू ने दस्तक दी है. राज्य के तीन जिले रांची, बोकारो और गिरिडीह में चार मामले सामने आये हैं. एनएचएम के अभियान निदेशक डॉ भुवनेश प्रताप सिंह ने स्वाइन फ्लू की पुष्टि करते हुए कहा कि संक्रमित मरीजों को एहतियातन अस्पताल में भर्ती किया गया, क्योंकि N1H1 की जांच रिपोर्ट पॉजिटिव आयी है. पांच संक्रमितों में दो के स्वस्थ होने पर रांची के मेडिका से रविवार को छुट्टी दे दी गयी है और तीन का इलाज चल रहा है. स्वास्थ्य विभाग ने स्वाइन फ्लू को लेकर रिम्स को तैयार रहने को कहा गया है, जिसके बाद रिम्स प्रशासन ने आइसाेलेशन वार्ड में 15 बेड आरक्षित रखा है.
विशेषज्ञों की राय
विशेषज्ञों का कहना है कि स्वाइन फ्लू N1H1 वायरस से फैलता है. इसे N1H1 इफ्लूएंजा कहा जाता है. संक्रमित में मौसमी बीमारी के लक्षण की तरह ही होता है, इसलिए सर्तकता और सावधानी बरतनी चाहिए. तीन से चार दिन तक मौसमी बीमारी में राहत नहीं मिलने पर डॉक्टर से परामर्श करना चाहिए. हालांकि, सूकरों में फैली अफ्रीकन स्वाइन फ्लू और N1H1 में कोई समानता नहीं है. ऐसे में सूकरों की मौत को लेकर ज्यादा भयभीत होने की जरूरत नहीं है.
क्या है स्वाइन फ्लू
स्वाइन फ्लू वायरस एक प्रकार का इंफ्लूएंजा है. इस वायरस के रोग नियंत्रण और रोकथाम को लेकर वर्ष 2009 में इसे H1N1 करार दिया गया. यह एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में फैल सकता है.
स्वाइन फ्लू के लक्षण
– खांसी
– बुखार
– गला खराब होना
– नाक से पानी आना
– शरीर दर्द व सिरदर्द
– ठंड लगना
– थकान
वायरस से फैलने वाली बीमारी है स्वाइन फ्लू
इस संबंध में रिम्स के मेडिसिन विभागाध्यक्ष डॉ विद्यापति ने कहा कि स्वाइन फ्लू भी वायरस से फैलने वाली बीमारी है. इसलिए मौसमी बुखार वालों के संपर्क में आने से बचे. ठंडा भोजन, फ्रीज का खाना आैर आइसक्रीम का उपयोग नहीं करें. बारिश में भींगने से बचे. मास्क का उपयोग करें. संक्रमित को निमोनिया होने पर ही खतरा बढ़ जाता है.
सूकरों से आदमी में नहीं फैलता अफ्रीकन स्वाइन फ्लू
पशुपालन विभाग के संयुक्त निदेशक डॉ एनके झा ने बताया कि अफ्रीकन स्वाइन फ्लू आदमी में नहीं फैलता. इसको लेकर चिंतित नहीं हो. सूकरों में फैली अफ्रीकन स्वाइन फ्लू से किसी सूकर छोड़ किसी भी जानवर और आदमी में लक्षण नहीं विकसित होता है. लोगों को इसलिए सतर्क रहने की जरूरत है क्योंकि यह वायरस एक स्थान से दूसरे स्थान पर जा सकता है. इससे दूसरे सूकरों में इसके लक्षण विकसित हो सकते हैं.