Syed Sibtey Razi Death: झारखंड के पूर्व राज्यपाल सैयद सिब्ते रजी नहीं रहे, लखनऊ में ली अंतिम सांस
Syed Sibtey Razi Death: पुराने कांग्रेसी और गांधी परिवार के करीबी सैयद सिब्ते रजी वर्ष 2005 में झारखंड के राज्यपाल थे. मार्च 2005 में उन्होंने राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) के संख्या बल की अनदेखी कर झामुमो सुप्रीमो शिबू सोरेन को सरकार बनाने का न्योता दिया था.
Syed Sibtey Razi Death: संख्या बल न होने के बावजूद झारखंड मुक्ति मोर्चा के नेता शिबू सोरेन (Shibu Soren) को सरकार बनाने का न्योता देने वाले झारखंड के पूर्व राज्यपाल सैयद सिब्ते रजी (Syed Sibtey Razi) का शनिवार को इंतकाल हो गया. लखनऊ के किंग जॉर्ज मेडिकल कॉलेज के ट्रॉमा सेंटर में उन्होंने अंतिम सांस ली. किंग जॉर्ज मेडिकल कॉलेज में वह हृदय रोग का इलाज करा रहे थे. रजी के निधन पर मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन समेत झारखंड के नेताओं ने शोक व्यक्त किया है.
एनडीए के संख्या बल की अनदेखी कर दिलायी शिबू सोरेन को शपथ
पुराने कांग्रेसी और गांधी परिवार के करीबी सैयद सिब्ते रजी वर्ष 2005 में झारखंड के राज्यपाल थे. मार्च 2005 में उन्होंने राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) के संख्या बल की अनदेखी कर झामुमो सुप्रीमो शिबू सोरेन को सरकार बनाने का न्योता दिया था. हालांकि, भाजपा की शिकायत पर राष्ट्रपति डॉ अब्दुल कलाम (Dr Abdul Kalam) के हस्तक्षेप से महामहिम रजी के फैसले को बदला गया.
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अर्जुन मुंडा को दिलायी शपथ
इसके बाद झारखंड में अर्जुन मुंडा (Arjun Munda) की अगुवाई में एनडीए की सरकार बनने का रास्ता साफ हुआ. आखिरकार 13 मार्च 2005 को राज्यपाल ने अर्जुन मुंडा को मुख्यमंत्री पद की शपथ दिलायी. सैयद सिब्ते रजी ने झारखंड के राज्यपाल के रूप में अपना 5 साल का कार्यकाल पूरा किया था. वह वर्ष 2004 से 2009 तक झारखंड के राज्यपाल रहे.
तीन बार राज्यसभा के लिए चुने गये सिब्ते रजी
उत्तर प्रदेश प्रदेश कांग्रेस (Uttar Pradesh Pradesh Congress) के महासचिव रहे सिब्ते रजी तीन बार उच्च सदन के लिए चुने गये थे. वर्ष 1980 से 1985, वर्ष 1988 से 1992 और वर्ष 1992 से 1998 तक राज्यसभा के सदस्य रहे. इस तरह तीन बार राज्यसभा के लिए चुने गये. गांधी परिवार के करीबी रहे सिब्ते रजी को वर्ष 2004 में झारखंड का राज्यपाल (Jharkhand Governor Syed Sibtey Razi) बनाया गया.
उत्तर प्रदेश के रायबरेली में हुआ था जन्म
रायबरेली में 7 मार्च 1939 को जन्मे सैयद सिब्ते रजी ने रायबरेली के हुसैनाबाद हायर सेकेंड्री स्कूल से 10वीं पास करने के बाद शिया कॉलेज में दाखिला लिया. कॉलेज में पढ़ाई के दौरान ही वह छात्र राजनीति में सक्रिय हो गये. जेब खर्च निकालने के लिए उन्हें होटल में अकाउंटेंट की नौकरी करनी पड़ी. लखनऊ विश्वविद्यालय से बीकॉम की परीक्षा पास करने के बाद वह उत्तर प्रदेश युवा कांग्रेस में शामिल हो गये. वर्ष 1969 में युवा कांग्रेस में शामिल होने वाले रजी 1971 में यूथ कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष बन गये.
हेमंत सोरेन ने ट्वीट करके शोक जताया
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन समेत ने ट्वीट किया कि झारखंड राज्य के पूर्व राज्यपाल सैयद सिब्ते रजी साहब जी के निधन की दुःखद खबर मिली. वर्ष 2004 से 2009 तक सैयद साहब राज्य के राज्यपाल थे. परमात्मा सैयद जी की आत्मा को शांति प्रदान कर शोक संतप्त परिवार को दुःख की घड़ी सहन करने की शक्ति दे.
अर्जुन मुंडा ने रजी के निधन पर शोक जताया
झारखंड और असम के पूर्व राज्यपाल सैयद सिब्ते रजी के आकस्मिक निधन पर झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री और जनजातीय मामलों के केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा ने गहरा शोक व्यक्त किया है. उन्होंने कहा कि सैयद सिब्ते रजी एक सुलझे हुए राजनेता थे. ईश्वर उनकी आत्मा को शांति प्रदान करें एवं उनके परिजनों को यह दुःख सहन करने की शक्ति प्रदान करें.
कांग्रेस अध्यक्ष राजेश ठाकुर बोले- अपना अभिभावक खो दिया
झारखंड प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष राजेश ठाकुर ने सैयद सिब्ते रजी के निधन पर शोक व्यक्त किया. कहा कि हमने आज अपना अभिभावक खो दिया. रजी के निधन से एक अपूरणीय क्षति हुई है, जिसकी भरपाई निकट भविष्य में नहीं हो सकती. उन्होंने कहा कि उनका लंबा सामाजिक, राजनीतिक अनुभव रहा है. वो एक कुशल राजनेता और प्रखर वक्ता थे.