रांची. झारखंड चेंबर की ऊर्जा उप समिति की बैठक शनिवार को चेंबर भवन में हुई. अध्यक्षता उप समिति के चेयरमैन नंद किशोर पाटोदिया ने की. सदस्यों ने कहा कि बिजली विभाग द्वारा बिजली की खपत में अनियमितता पाये जाने पर थाने में एफआइआर दर्ज करा दिया जाता है, यह सही नहीं है. पहले विभाग को जांच प्रक्रिया के तहत कार्रवाई करनी चाहिए. दोषी पाये जाने पर जुर्माना लगाना चाहिए. जुर्माना नहीं देने पर उसका कनेक्शन काट देना चाहिए. बिना जांच किये उपभोक्ता पर आरोप लगाना गलत है, इस पर रोक लगनी चाहिए.
घरेलू उपभोक्ताओं को सिक्यूरिटी मनी पर नहीं मिल रहा ब्याज
सदस्यों ने कहा कि घरेलू उपभोक्ताओं को सिक्यूरिटी मनी पर ब्याज नहीं मिल रहा है. इस पर विभाग को त्वरित कार्रवाई करनी चाहिए. उपभोक्ताओं को बिजली बिल पांच से छह माह में मिल रहा है. जबकि बिजली बिल हर महीने आना चाहिए, ताकि भुगतान करने में कोई समस्या न हो. यदि पांच से छह माह में बिल आये, तो भुगतान भी उसी माध्यम से किस्त में किया जाये. रूफ टॉप सोलर प्लांट लगाने पर सरकार द्वारा सब्सिडी दी जाती है, यह सब्सिडी कॉमर्शियल एवं इंडस्ट्रियल को भी मिलना चाहिए. इससे सोलर प्लांट को बढ़ावा मिलेगा. बिजली बचत को लेकर चेंबर द्वारा कार्यशाला का आयोजन किया जायेगा. कहा गया कि पूर्व में बिजली बोर्ड द्वारा एडवाइजरी कमेटी का गठन किया गया था, उसे पुन: शुरू किया जाये. साथ ही चेंबर के प्रतिनिधि को कमेटी से जोड़ा जाये. इससे उपभोक्ताओं की समस्या का निराकरण जल्द हो सकेगा. मौके पर शशांक भारद्वाज, प्रमोद सारस्वत, महेंद्र जैन, ओमप्रकाश अग्रवाल, मनोज गोयल, सुनील गुप्ता, विजय छापरिया, मनमोहन मोहता आदि उपस्थित थे.
डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है