रांची. अपने इतिहास के सबसे खराब दौर से गुजर रहे एचइसी के कर्मियों को जल्द खुशखबरी मिल सकती है. इसके लिए कवायद शुरू कर दी गयी है. भारी उद्योग मंत्रालय के अधिकारी ने बताया कि एचइसी के भविष्य को लेकर मंत्रालय गंभीर है. देश की दो बड़ी कंपनियों ‘भेल’ और ‘एलएंडटी’ से पिछले एक महीने में दो दौर की वार्ता हुई है. भेल के साथ वार्ता एचइसी के मर्जर पर, जबकि एलएंडटी के साथ वार्ता अधिग्रहण को लेकर हो रही है. इसमें सभी पहलुओं पर चर्चा की गयी है. इसमें एचइसी की उपयोगिता, कार्यक्षेत्र, उपलब्ध संसाधन, देनदारी आदि शामिल हैं.
एचइसी कर्मियों का 29 माह का वेतन बकाया
मालूम हो कि एचइसी कर्मियों का 29 माह का वेतन बकाया हो गया है, जिसके कारण उनकी स्थिति अत्यंत खराब हो गयी है. एचइसी की देनदारी लगभग तीन हजार करोड़ हो चुकी है. वहीं, कार्यशील पूंजी के अभाव में कंपनी के उत्पादन में भारी गिरावट आयी है. चालू वित्तीय वर्ष 2024-25 में एचइसी का उत्पादन सौ करोड़ रुपये से कम होने की संभावना है.
सीएमडी ने भी दिया है आश्वासन
एचइसी के सीएमडी केएस मूर्ति ने पिछले दिनों हटिया प्रोजेक्ट वर्कर्स यूनियन के महामंत्री लीलाधर सिंह से दिल्ली में बैठक के दौरान कहा था कि कर्मचारी तीन माह का शांतिपूर्ण माहौल दें और उपलब्ध संसाधन का उपयोग करते हुए अधिक से अधिक उत्पादन करें. इसके बाद वह एचइसी को दौड़ाकर दिखायेंगे. श्री मूर्ति ने कहा था कि एचइसी को भेल से क्रेन का कार्यादेश और राॅ-मेटेरियल भी उपलब्ध करायेंगे. एचइसी 20 प्रतिशत के मार्जिन लाभ के साथ कार्यादेश ले और उसे पूरा करे. उन्होंने कहा था कि एचइसी को आगे बढ़ाने के लिए शांतिपूर्ण माहौल अति आवश्यक है. कंपनी उत्पादन से चलेगा. जमीन-जायदाद बेचने से नहीं.
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