Jharkhand News (चंद्रप्रकाश सिंह, लातेहार) : अखिल भारतीय टाना भगत कमेटी के नेतृत्व में लातेहार जिले के टाना भगतों ने रांची में राज्यपाल को ज्ञापन सौंपकर टाना भगतों के छोटानागपुर (झारखंड) में मालिकाना अधिकार दिलाने की मांग की है. इससे पहले राजभवन के समीप टाना भगतों ने विरोध प्रदर्शन किया. इस दौरान परंपरा के अनुसार पूजा- अर्चना एवं पारंपरिक गीत गाकर विरोध प्रदर्शन किया. विरोध कर रहे टाना भगतों को अधिकारियों के द्वारा समझाने का प्रयास किया गया, लेकिन टाना भगत अपने अधिकार और मालिकाना हक दिलाने की मांग पर अड़े रहे.
मौके पर अखिल भारतीय टाना भगत कमेटी के अध्यक्ष परमेश्वर टाना भगत ने कहा कि टाना भगतों को छोटानागपुर का स्वामित्व सौंपा गया था. लेकिन, अभी तक झारखंड सरकार द्वारा टाना भगतों को उनका मालिकाना हक नहीं दिया गया है. उन्होने कहा कि राज्य के उरांव, खड़िया, मुंडा आदिवासी टाना भगत महासभा के सभापति 1895 के अनुसार टाना भगतों ने टाना एक्ट 1914 में महात्मा गांधी के असहयोग आंदोलन में भाग लिया था. कई टाना भगत जेल में रहे.
उन्होंने कहा कि 1947 में देश की आजादी के बाद छोटानागपुर झारखंड टाना युग प्रांत के रूप में दे दिया गया. छोटानागपुर (झारखंड) निर्माण के बाद सरकार को भी आमदनी का हिसाब टाना भगतों को देना होगा. झारखंड निर्माण के बाद अब तक साढ़े 22 अरब सरकार का होता है. साढ़े 67 अरब टाना भगतों का होता है.
राज्यपाल को सौंपे गये आवेदन में कहा गया कि राज्य के जमींदारों के पास 64 अरब, बिहार सरकार के पास 23 खरब, 10 अरब और झारखंड सरकार के पास 13 खरब 50 अरब रुपये टाना भगतों का बकाया है. इस तरह से कुल 37 खरब 24 अरब रुपये वर्तमान में टाना भगतों को राज्य सरकार से दिलवाने का अनुरोध किया गया है.
परमेश्वर टाना भगत ने कहा कि देश की आजादी के बाद जमींदारी प्रथा प्रशासन खत्म हो गयी थी. ज्ञापन सौंपने वालों में कमेटी के अध्यक्ष परमेश्वर टाना भगत, बहादुर टाना भगत, इंद्रदेव टाना भगत, दिनेश टाना भगत, नागेश्वर टाना भगत, मंगलदेव टाना भगत व दिगबंर टाना भगत शामिल थे.
Posted By : Samir Ranjan.