55 घंटे तक रेल चक्का जाम करने के बाद हेमंत सोरेन से मिले टाना भगत, मुख्यमंत्री ने किया यह वादा
झारखंड में 55 घंटे तक रेल चक्का जाम करके आर्थिक नाकेबंदी का एलान करने वाले टाना भगत शनिवार को राजधानी रांची में हेमंत सोरेन से मिले. लातेहार के विधायक बैद्यनाथ राम के साथ टाना भगत का एक प्रतिनिधिमंडल रांची पहुंचा था. मुख्यमंत्री आवास पर सीएम हेमंत सोरेन के साथ उनकी बैठक हुई. मुख्यमंत्री ने उन्हें आश्वासन दिया है कि उनकी मांगों पर विचार किया जायेगा.
रांची : झारखंड में 55 घंटे तक रेल चक्का जाम करके आर्थिक नाकेबंदी का एलान करने वाले टाना भगत शनिवार को राजधानी रांची में हेमंत सोरेन से मिले. लातेहार के विधायक बैद्यनाथ राम के साथ टाना भगत का एक प्रतिनिधिमंडल रांची पहुंचा था. मुख्यमंत्री आवास पर सीएम हेमंत सोरेन के साथ उनकी बैठक हुई. मुख्यमंत्री ने उन्हें आश्वासन दिया है कि उनकी मांगों पर विचार किया जायेगा.
अपनी मांगें मनवाने के लिए टाना भगत लातेहार जिला के चंदवा में स्थित टोरी जंक्शन पर बैठ गये थे. राज्य में अनिश्चितकाल आर्थिक नाकेबंदी का एलान कर दिया था. प्रशासन और स्थानीय जनप्रतिनिधि समझाने पहुंचे, तो मुख्यमंत्री को बुलाने की मांग पर अड़ गये. आखिरकार सरकार ने दरियादिली दिखायी और मुख्यमंत्री ने टाना भगतों के प्रतिनिधिमंडल को बातचीत करने के लिए रांची बुलाया. तब जाकर रेल परिचालन सामान्य हो पाया.
शनिवार को टाना भगतों के प्रतिनिधिमंडल रांची पहुंचे और सीएम के सामने अपनी मांगें रखीं. बैठक खत्म होने के बाद मुख्यमंत्री और टाना भगत समुदाय के प्रतिनिधिमंडल के सदस्यों ने कहा कि वार्ता सकारात्मक रही. प्रतिनिधिमंडल ने अपनी मांगों और समस्याओं को लेकर मुख्यमंत्री को ज्ञापन सौंपा. वार्ता के क्रम में मुख्यमंत्री ने कहा कि टाना भगत समुदाय के विभिन्न मांगों पर राज्य सरकार जल्द ही विधिसम्मत निर्णय लेगी.
Also Read: Jharkhand News: तीन दिन की आर्थिक नाकेबंदी से रेलवे को 100 करोड़ का नुकसान, हेमंत सोरेन से मिलने सीएम आवास पहुंचे टाना भगतमुख्यमंत्री ने प्रतिनिधिमंडल से कहा कि यह सरकार उनकी सरकार है. टाना भगत समुदाय राज्य की धरोहर हैं. टाना भगतों के सर्वांगीण विकास के लिए सरकार प्रतिबद्ध है. उनके हक और अधिकारों पर कोई भी सेंधमारी नहीं होने दिया जायेगा. राज्य सरकार न केवल उनकी समस्याओं को दूर करेगी, बल्कि इस समुदाय के सर्वांगीण विकास के लिए आवश्यक कदम भी उठायेगी.
क्या हैं टाना भगत की मांगें?मुख्यमंत्री के समक्ष टाना भगत समुदाय ने भूमि का पट्टा देने, लगान माफ करने, सीएनटी एक्ट को सख्ती से लागू करने, टाना भगत समुदाय के बच्चों को रोजगार से जोड़ने समेत अपनी विभिन्न मांगें रखीं. लातेहार के विधायक बैद्यनाथ राम ने प्रतिनिधिमंडल की मुख्यमंत्री के साथ वार्ता कराने में अहम भूमिका निभायी. उन्होंने टाना भगत समुदाय की विभिन्न समस्याओं से मुख्यमंत्री को अवगत कराया.
विधानसभा सत्र के बाद मांगों पर होगा विचार : सीएममुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने बताया कि विधानसभा सत्र के बाद टाना भगत की मांगों और समस्याओं का निदान किया जायेगा. कहा कि टाना भगत समुदाय के वैसे बच्चे, जो रक्षा शक्ति विश्वविद्यालय से पास आउट हुए हैं, उन्हें रोजगार से जोड़ने का कार्य सरकार करेगी. उनके बच्चों की पढ़ाई-लिखाई के लिए हॉस्टल इत्यादि की व्यवस्था सरकार करेगी.
Also Read: ग्वालियर में अब इस हाल में है स्कूटर से 1300 किमी का सफर तय करने वाला गोड्डा का आदिवासी दंपतीमुख्यमंत्री ने कहा कि टाना भगत समुदाय अपने ही परिवार के लोग हैं. विकास की डोर को आप तक पहुंचाना वर्तमान सरकार का कर्तव्य है. मुख्यमंत्री ने टाना भगत समुदाय की समस्याओं के निदान के लिए फोन से ही संबंधित अधिकारियों को दिशा-निर्देश भी दिये.
मुख्यमंत्री से मिलने वाले प्रतिनिधिमंडल में परमेश्वर टाना भगत, महावीर टाना भगत, बहादुर टाना भगत, दिगंबर टाना भगत, नागेश्वर टाना भगत, रामधन टाना भगत, सरिता टाना भगत, दिनेश टाना भगत, उपेंद्र टाना भगत, मोतीलाल शाहदेव, शीत मोहन मुंडा, हरि कुमार भगत व अन्य शामिल थे.
Posted By : Mithilesh Jha