8.5 एकड़ जमीन के मामले में कोलकाता के तापस घोष को नहीं मिली जमानत
बड़गाईं अंचल के 8.5 एकड़ जमीन के मामले में पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से जुड़े मामले में आरोपी कोलकाता रजिस्ट्री ऑफिस के कर्मी तापस घोष की जमानत याचिका मंगलवार को पीएमएलए के विशेष न्यायाधीश राजीव रंजन की अदालत ने खारिज कर दी.
रांची (वरीय संवाददाता). बड़गाईं अंचल के 8.5 एकड़ जमीन के मामले में पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से जुड़े मामले में आरोपी कोलकाता रजिस्ट्री ऑफिस के कर्मी तापस घोष की जमानत याचिका मंगलवार को पीएमएलए के विशेष न्यायाधीश राजीव रंजन की अदालत ने खारिज कर दी. 17 मई को सुनवाई के बाद अदालत ने फैसला सुरक्षित रख लिया था. मामले में नौ मई को कोलकाता रजिस्ट्री ऑफिस के कर्मी तापस घोष, संजीत कुमार और हजारीबाग के डीड राइटर इरशाद अख्तर को इडी ने पूछताछ के बाद गिरफ्तार किया था. तीनों आरोपियों से पुलिस रिमांड पर इडी पूछताछ भी कर चुकी है. तीनों जमीन के मूल दस्तावेज से छेड़छाड़ कर फर्जी दस्तावेज तैयार करने के आरोपी हैं. इनके द्वारा तैयार फर्जी दस्तावेज के आधार पर बड़गाईं अंचल की जमीन पर कब्जा कर खरीद-बिक्री करने का आरोप है.
तल्हा खान के डिस्चार्ज पिटीशन पर अगली सुनवाई चार जून को
रांची. बरियातू स्थित सेना की कब्जे वाली 4.55 एकड़ जमीन से जुड़े मामले के आरोपी तल्हा खान की ओर से दायर डिस्चार्ज पिटीशन पर मंगलवार को पीएमएलए के विशेष न्यायाधीश राजीव रंजन की अदालत में सुनवाई हुई. अदालत ने मामले में अगली सुनवाई की तिथि चार जून निर्धारित की है. मामले में खुद को आरोप मुक्त करने के लिए तल्हा खान की ओर से डिस्चार्ज पिटीशन दाखिल किया गया है. बता दें कि तल्हा खान पर आरोप गठन होना है. मामले के अन्य आरोपी दिलीप घोष, भानु प्रताप प्रसाद, अफसर अली व अमित अग्रवाल का डिस्चार्ज पिटीशन पीएमएलए कोर्ट से पहले ही खारिज हो चुका है. मामले में इडी ने तल्हा खान को 13 अप्रैल 2023 को गिरफ्तार किया था. फिलवक्त वह न्यायिक हिरासत में बिरसा मुंडा केंद्रीय कारा, होटवार में बंद है. मामले में निलंबित आइएएस छवि रंजन, बड़गाईं अंचल के राजस्व उपनिरीक्षक भानु प्रताप प्रसाद सहित कई लोग जेल में बंद हैं.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है