झारखंड में शत-प्रतिशत जन्म-मृत्यु रजिस्ट्रेशन प्राप्त करने का लक्ष्य, एक महीने तक चलेगा अभियान

झारखंड में जन्म-मृत्यु रजिस्ट्रेशन के शत-प्रतिशत लक्ष्य को प्राप्त करने एवं रजिस्ट्रेशन से संबंधित व्यापक जन-जागरूकता पैदा करने के उद्देश्य से मंत्री डॉ रामेश्वर उरांव ने अभियान रथ को हरी झंडी दिखा कर रवाना किया. मंत्री ने कहा कि भविष्य में एक भी बच्चा ऐसा न हो जिसका जन्म प्रमाण पत्र नहीं बना हो.

By Prabhat Khabar Digital Desk | July 14, 2023 4:21 PM

Jharkhand News: झारखंड में जन्म-मृत्यु रजिस्ट्रेशन के शत-प्रतिशत लक्ष्य को प्राप्त करने एवं रजिस्ट्रेशन से संबंधित व्यापक जन-जागरूकता पैदा करने के उद्देश्य से समारोह का आयोजन हुआ. इसके तहत 14 जुलाई से 14 अगस्त, 2023 तक चलने वाले विशेष अभियान कार्यक्रम की शुरुआत हुई. इस मौके पर मंत्री डॉ रामेश्वर उरांव ने अभियान रथ को हरी झंडी दिखा कर रवाना किया.

भविष्य में एक भी बच्चा ऐसा न हो जिसका जन्म प्रमाण पत्र नहीं बना हो

मंत्री डॉ रामेश्वर उरांव ने कहा है कि जन्म-मृत्यु रजिस्ट्रेशन कराना बहुत महत्वपूर्ण है. इसके नहीं होने से लोगों को कई तरह की समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है. कहा कि कई ऐसे लोग हैं, जिनकी जन्म तिथि अंदाज पर उनके स्कूल आदि में दर्ज हो गया. वहीं, उनका जन्म प्रमाण पत्र हो गया. इससे उनके 60 साल पूरे होने से पहले ही स्कूल जन्म प्रमाणपत्र के आधार पर रिटायरमेंट मिल गया. वहीं, कई जगह ऐसे भी उदाहरण मिल जाते हैं कि छोटे एवं बड़े भाई-बहन दोनों का जन्म दिवस एक ही है. सरकार द्वारा इन सभी तरह की समस्याओं के निराकरण के लिए इस अभियान को चलाया जा रहा है. उन्होंने कहा कि इसके लिए हम सब को मिलकर लोगों को जागरूक करने का काम करना है, जिससे भविष्य में ऐसे एक भी बच्चे न हों, जिनका जन्म प्रमाण पत्र नहीं बना हो.

जन्म-मृत्यु का रजिस्ट्रेशन कराना महत्वपूर्ण

मंत्री ने कहा कि जन्म के साथ-साथ मृत्यु का भी रजिस्ट्रेशन कराना बहुत महत्वपूर्ण है. यह पूर्वजों की संपत्ति प्राप्त करने, कोर्ट-कचहरी के मामले में महत्त्वपूर्ण दस्तावेज के रूप में काम आता है. साथ ही मृत्यु प्रमाण पत्र का बैंक एवं एलआईसी की पॉलिसी में भी महती भूमिका है. उन्होंने कहा कि पहले इस तरह के दस्तावेज सटीक नहीं बनते थे, जिससे लोगों को कई तरह की परेशानियों से गुजरना पड़ता था. एक महीने तक चलने वाले इस अभियान का मुख्य लक्ष्य ही है कि लोगों को जागरूक किया जाये, ताकि इसके लक्ष्य की प्राप्ति हो सके.

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स्कूलों भी होंगे अभियान का हिस्सा : शिक्षा सचिव

वहीं, शिक्षा विभाग के सचिव के रविकुमार ने कहा कि सभी स्कूलों में बच्चों के जन्म का रजिस्ट्रेशन इस अभियान के माध्यम से होगा. राज्य में हर साल करीब छह लाख छोटे बच्चों का नामांकन स्कूलों में होता है. सभी स्कूलों के प्रधानाध्यापक को इस संबंध में निर्देशित किया गया है. कहा कि चुनाव आयोग भी 31 जुलाई, 2023 से मतदाता पुनरीक्षण अभियान चला रहा है. ऐसे में जन्म एवं मृत्यु रजिस्ट्रेशन अभियान से आयोग भी समन्वय स्थापित कर मतदाता सूची अपग्रेड कर सकेगा.

जन्म -मृत्यु रजिस्ट्रेशन योजनाओं से जोड़ने में कारगर : प्रशांत कुमार

योजना एवं विकास विभाग के सचिव प्रशांत कुमार ने कहा कि हमारा विजन है कि रजिस्ट्रेशन प्रणाली सरल हो, बैकलॉग नहीं रहे. जन्म-मृत्यु रजिस्ट्रेशन का महत्व आज प्रत्येक क्षेत्र में है. आप स्कूल, आधार, पासपोर्ट और किसी भी योजना से जुड़ना चाहते हैं, तो आपको निबंधन के प्रमाण पत्र की जरूरत पड़ेगी ही. उन्होंने बताया कि विभागीय स्तर पर निबंधन के लिए एक पोर्टल बनाने की प्रक्रिया चल रही है. हमारा प्रयास है कि राज्य में एक ऐसा मैकेनिज्म तैयार किया जाए जिससे लोगों के घरों तक रजिस्ट्रेशन प्रमाण पत्र पहुंचाया जा सके. उन्होंने बताया कि राज्य के सभी लोगों का डाटा सेंट्रलाइज्ड करने पर भी काम चल रहा है, जिससे डुप्लिकेसी पर लगाम लग सकेगी.

जन्म का पंजीकरण हर बच्चे का अधिकार : कनीनिका मित्र, यूनिसेफ

यूनिसेफ की राज्य प्रमुख कनीनिका मित्र ने कहा कि जन्म एवं मृत्यु का रजिस्ट्रेशन अनिवार्य है. इसके लिए 1969 में कानून बनाया गया था. जन्म का रजिस्ट्रेशन हर बच्चे का अधिकार है. यह एक कानूनी दस्तावेज होता है. पूरे राज्य में इस अभियान से लोगों को लाभ होगा और सरकार के पास राज्य की जनसंख्या के बारे में एक पुख्ता जानकारी उपलब्ध रहेगी.

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झारखंड ए स्टैटिस्टिकल प्रोफाइल-2022 का हुआ विमोचन

इस मौके पर मंत्री रामेश्वर उरांव ने अर्थ एवं सांख्यिकी निदेशालय, झारखंड द्वारा ‘झारखंड ए स्टैटिस्टिकल प्रोफाइल- 2022 का विमोचन किया. पुस्तक के विषय में जानकारी देते हुए निदेशक सह अपर मुख्य रजिस्ट्रार (जन्म- मृत्यु) राजीव रंजन ने बताया कि इस पुस्तक में वित्तीय वर्ष 2020-2021 एवं 2021-2022 के आंकड़ों को शामिल किया गया है. पुस्तक में अर्थ एवं सांख्यिकी निदेशालय द्वारा कृषि सांख्यिकी, जीवनांक, राज्य की आय, कृषि श्रमिकों की दैनिक मजदूरी एवं औद्योगिक सांख्यिकी से संबंधित आंकड़ों को शामिल किया गया है. इसके अतिरिक्त इस पुस्तक में विभिन्न विभागों जैसे स्वास्थ्य, ऊर्जा, पथ, खान, पशुपालन, जल संसाधान, शिक्षा, ग्रामीण कार्य, यातायात, ग्रामीण विकास, पर्यटन, पेयजल एवं स्वच्छता, समाजिक सुरक्षा, वन, सहकारिता, पंचायती राज, वाणिज्य कर, खाद्य आपूर्ति, रोजगार एवं सूचना प्रौद्योगिकी से संबंधित आंकड़ों को शामिल किया गया है. निदेशालय द्वारा प्रयास किया गया है कि इस पुस्तक में सामाजिक एवं आर्थिक स्थिति से संबंधित आंकड़ों को शामिल किया जाये. उन्होंने कहा कि पुस्तक में 28 चैप्टर हैं, जिसमें विभिन्न विभागों के आंकड़े प्रकाशित किए गए हैं.

अभियान के मुख्य बिंदु

– विशेष अभियान के दौरान राज्य के सभी 4962 जन्म-मृत्यु रजिस्ट्रेशन इकाइयों में पोस्टर, बैनर आदि लगाकर जन जागरूकता अभियान चलाया जा रहा है, ताकि शत-प्रतिशत रजिस्ट्रेशन के लक्ष्य को प्राप्त किया जा सके

– इस कार्य में सभी घोषित सूचकों यथा आंगनबाड़ी सेविका, सहिया तथा स्कूलों के प्रधानाध्यापक को जन्म सूचना प्रपत्र-1 एवं मृत्यु सूचना प्रपत्र- 2 भरकर संबंधित रजिस्ट्रार (जन्म-मृत्यु) को उपलब्ध कराने की जिम्मेवारी सौंपी गई है

– सूचकों से प्राप्त सूचना प्रपत्र की जांच कर सभी आवश्यक प्रक्रियाओं को पूरा कर रजिस्ट्रार जन्म एवं मृत्यु का रजिस्ट्रेशन करना सुनिश्चित करेंगे. इसके बाद संबंधित व्यक्ति को जन्म/मृत्यु प्रमाण-पत्र उपलब्ध करायेंगे

– अभियान का प्रचार-प्रसार चलंत वाहनों द्वारा भी किया जाएगा

– सभी महत्वपूर्ण स्थलों पर बैनर, पोस्टर के अतिरिक्त डिजिटल स्क्रीन पर जन्म-मृत्यु रजिस्ट्रेशन से संबंधित सूचना एवं जानकारी प्रसारित की जाएगी

– ओआरजीआई, नई दिल्ली के के निर्देश के आलोक में जन्म एवं मृत्यु का शत-प्रतिशत रजिस्ट्रेशन कराना इस कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य है. इस तरह का विशेष अभियान राज्य में पहली बार आयोजित किया जा रहा है, ताकि आप सभी जन्म-मृत्यु रजिस्ट्रेशन के महत्व एवं उससे प्राप्त होने वाले लाभ से अवगत हो सकें.

इनकी रही उपस्थिति

कार्यक्रम में मुख्य रूप से शिक्षा सचिव के रविकुमार, सचिव सह मुख्य रजिस्ट्रार (जन्म-मृत्यु), योजना एवं विकास विभाग प्रशांत कुमार, निदेशक सह अपर मुख्य रजिस्ट्रार (जन्म -मृत्यु) अर्थ सांख्यिकी निदेशालय राजीव रंजन, निदेशक समाज कल्याण भुवनेश प्रताप सिंह, यूनिसेफ की राज्य प्रमुख कनीनिका मित्र एवं विशेष कार्य पदाधिकारी हृदय कुमार सहित विभिन्न विभागों के पदाधिकारी उपस्थित थे.

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