रांची. राज्य सरकार ने वर्ष 2028 तक झारखंड में कम से कम एक हजार नये स्टार्टअप शुरू करने का लक्ष्य रखा है. झारखंड स्टार्टअप नीति 2023 अगले पांच वर्षों तक लागू रहेगी. नीति के तहत राज्य में स्टार्टअप शुरू करनेवाले एसटी, एससी व ट्रांसजेंडर के अलावा महिलाओं और दिव्यांगों को विशेष प्रोत्साहन राशि देने का प्रावधान किया गया है. स्टार्टअप शुरू करनेवाले उद्यमियों को सक्षम बनाने के लिए राज्य सरकार वित्तीय सहायता देगी. नीति के तहत राज्य में स्टार्टअप के विकास के लिए निर्वाह भत्ता व विशेष भत्ता के साथ वित्तीय सहायता भी दी जायेगी.
वन टाइम ग्रांट देने का प्रावधान
राज्य सरकार ने स्टार्टअप के लिए वन टाइम ग्रांट देने का प्रावधान किया है. नीति में स्टार्टअप द्वारा पेटेंट, फिलिंग रजिस्ट्रेशन फीस, स्टांप ड्यूटी, म्यूनिसिपल ड्यूटीज, लीज रेंट, इंटरनेट, इलेक्ट्रिसिटी बिल आदि पर वहन की गयी राशि की प्रतिपूर्ति के लिए भी नियम तय किया गया है.उद्यमिता और इनोवेशन को बढ़ावा देने की पहल
नयी नीति में राजकीय उच्च शिक्षण संस्थानों में उद्यमिता और इनोवेशन को बढ़ावा देने के लिए इनोवेशन सेंटर स्थापित करने के लिए विशेष अनुदान देने की व्यवस्था की गयी है. निजी शिक्षण संस्थानों में भी इनक्यूबेटर की स्थापना करायी जायेगी. इसके लिए सूचना प्रौद्योगिकी व ई-गर्वनेंस विभाग अलग से एसओपी और डॉक्यूमेंट चेकलिस्ट तैयार करेगा.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है