रांची, राजीव पांडेय : टाटा ग्रुप का रांची कैंसर हॉस्पिटल एंड रिसर्च सेंटर (आरसीएचआरसी) कैंसर पीड़ितों के लिए वरदान साबित हो रहा है. इस अस्पताल की शुरुआत कांके के कदमा में सितंबर 2022 में हुई. इन 11 महीनों में 8,000 मरीजों को ओपीडी में परामर्श मिल चुका है. वहीं, नवंबर 2022 में सर्जरी की सुविधा शुरू हुई. अभी तक 200 कैंसर रोगियों की सर्जरी की जा चुकी है, जिसमें 198 मरीज इस लाइलाज बीमारी को हराकर जिंदगी की जंग जीत चुके हैं. पढ़ें राजीव पांडेय की रिपोर्ट.
सीजीएचएस की दर पर हो रहा इलाज
झारखंड में एक लाख की आबादी में 70 लोग कैंसर से पीड़ित हैं, जिसमें 40% मरीज तंबाकू या उसके उत्पाद का सेवन के कारण ओरल कैंसर की चपेट में आ जाते हैं. झारखंड में कैंसर मरीजों की वृद्धि 13 फीसदी की दर से हो रही है. समय पर इलाज नहीं होने से अंतिम स्टेज में इलाज कराने पहुंचते हैं, इसलिए मृत्यु दर 30 फीसदी है. कैंसर मरीजों और परिजनों के सामने बड़ा संकट इलाज पर होनेवाला खर्च होता है. ऐसे में रांची कैंसर हॉस्पिटल नया जीवन देने में जुटा है. यहां सेंट्रल गवर्नमेंट हेल्थ स्कीम (सीजीएचएस) की दर पर इलाज किया जाता है.
800 कैंसर रोगियों की हो चुकी है कीमोथेरेपी
अभी तक अस्तपाल में 8000 मरीज इलाज के लिए आ चुके हैं. इसमें 800 कैंसर रोगियों का कीमोथेरेपी से इलाज किया गया है. इसके अलावा 3,500 कैंसर रोगियों का रेडियोथेरेपी से इलाज हुआ. अस्पताल में अत्याधुनिक जांच की सुविधाएं भी हैं. आंकड़े बताते हैं कि 15,300 कैंसर रोगियों की जांच भी सीजीएचएस दर पर की गयी है. यहां सीटी स्कैन, एमआरआइ स्कैनर, डिजिटल मैमोग्राफी, अल्ट्रासाउंड और डिजिटल एक्स-रे की सुविधा भी किफायती दर पर दी जाती है. इसके अलावा बायोप्सी और एफएनएसी की सेवा भी उपलब्ध है. कैंसर रोगियों के लिए 82 बेड के अलग-अलग वार्ड हैं, जिनमें 10 बेड आइसीयू के लिए आवंटित हैं.
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मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने किया था उदघाटन
रांची कैंसर हॉस्पिटल एंड रिसर्च सेंटर (आरसीएचआरसी) का उदघाटन मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने 12 मई 2023 को किया था. मुख्यमंत्री ने भी माना कि झारखंड में अत्याधुनिक रूप से सुसज्जित कैंसर अस्पताल शुरू होने से राज्य की गरीब जनता को इलाज के लिए मेट्रो के कैंसर अस्पताल में नहीं जाना पड़ेगा.
आइसीएमआर ने भी जतायी है चिंता
इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (आइसीएमआर) ने भी कैंसर के बढ़ते मामले को लेकर चेतावनी दी है. आइसीएमआर ने बताया है कि देश में वर्ष 2022 में 14.61 लाख कैंसर के मामले सामने आये थे, जिसके 2025 में बढ़कर 15.70 लाख हो जाने का अनुमान है. ऐसे में इसकी गंभीरता को देखते सतर्कता जरूरी है.
झारखंड में कैंसर रोगियों की संख्या ज्यादा है, जिसमें तंबाकू के सेवन से होनेवाला कैंसर ज्यादा है. 8,000 कैंसर रोगियों का ओपीडी, 200 रोगियों की सर्जरी और 3,500 कैंसर रोगियों का रेडियोथेरेपी से इलाज किया गया है. सीजीएचएस दर पर इलाज होता है.
-डॉ कर्नल मदन मोहन पांडेय, मेडिकल डायरेक्टर
विशेषज्ञ डॉक्टरों की है फैकल्टी
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अंको सर्जरी विभाग डॉ अमितेश आनंद
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रेडियोथेरेपी डॉ दीपक कुमार
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कीमोथेरेपी विभाग डॉ रजनी गंधा
कैंसर की मुख्य वजह
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जंक फूड
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अल्कोहल
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मोटापा
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तनाव
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तंबा कू या तंबाकू से बने उत्पाद
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खराब जीवनशैली
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व्यायाम का अभाव