टाटा स्टील झारखंड लिटरेरी मीट : शास्त्रीय साधिका शुभा मुदगल ने ‘आलम-ए-इश्क’ में पिरोयी सूफी-भक्ति
सूफी-भक्ति की प्रेम कविता को पेश करते हुए शुभा मुदगल ने हजरत अमीर खुसरो के पद पर संगीत की पेशकश दी. जब यार देखा नैना भर... पर सुरों की नजाकत, ताल और तान की जुगलबंदी ने श्रोताओं की जमकर तालियां बटोरी.
ऑड्रे हाउस का मुक्ताकाश मंच शुक्रवार को सूफी-भक्ति गीतों का गवाह बना. भारतीय शास्त्रीय संगीत साधिका शुभा मुदगल अपने गायन दल के साथ राजधानी के श्रोताओं से रू-ब-रू हुईं. अवसर था टाटा स्टील झारखंड लिटरेरी मीट-2023 का. मीट की शुरुआत सांस्कृतिक संध्या ‘आलम-ए-इश्क’ से हुई. शुभा मुद्गल ने अब्दुल हादी काविश के सूफीनामा से अपनी प्रस्तुति की शुरुआत की. हारमोनियम और तबला के संगत पर सुरों की तान छेड़ शुभा ने तोरे नैना गजब ढा गयो… तोरे नैना मुरारी… को पेश किया. जैसे-जैसे शाम ढलती गयी शास्त्रीय संगत के ताल श्रोताओं को मंत्रमुग्ध करते रहे. सूफी-भक्ति की प्रेम कविता को पेश करते हुए शुभा मुदगल ने हजरत अमीर खुसरो के पद पर संगीत की पेशकश दी. जब यार देखा नैना भर… पर सुरों की नजाकत, ताल और तान की जुगलबंदी ने श्रोताओं की जमकर तालियां बटोरी.
संगीत के माध्यम से ईश्वरीय भक्ति की चर्चा
शुभा मुदगल ने अपनी प्रस्तुति से लोगों को 18वीं शताब्दी की काव्यधारा से परिचय कराया. संत शिव नारायण के पद गुणवा एको नहीं कैसे मनइवो सइयां… गहरी नदिया नाव पुरानी… पर आधारित संगीतमय प्रस्तुति दी. इसके बाद अवध के शायर की सूफी रस्म पर गीत देवो बनी को मुबारक बादी… नी को सुनो ना पाया बनरा… से विवाह की मुबारकबादी पेश की. शास्त्रीय संगीत से गीतों का समां बांधते हुए शुभा ने अब कैसे छूटे नाम रट लागी… प्रभुजी तुम मोती हम धागा…, साहिब हे रंगरेज चुनरी मेरी रंग डारी… के जरिये श्रोताओं के साथ संगीत के माध्यम से ईश्वरीय भक्ति की चर्चा की.
रांची के तानपुरा वादकों को मिला मंच
आलम-ए-इश्क कार्यक्रम की सूफी-भक्ति को खुद शुभा मुदगल और मनीष प्रधान ने कंपोज किया था. मंच पर साथ देने तबला वादक अनीश प्रधान भी मौजूद थे. इसके अलावा हारमोनियम पर सुधीर नायक और ढोलक पर सिद्धार्थ पदियार ने संगत दिया. इसके अलावा रांची के दो तानपुरा वादक संचारी नाथ और डीएसपीएमयू के छात्र आदित्य पांडेय को मंच पर संगत का मौका मिला. सूफी तरानों से सजी शाम के समापन पर श्रोताओं ने तालियों के साथ शुभा मुदगल को स्टैंडिंग ओवेशन दिया. धन्यवाद ज्ञापन झारखंड लिटरेरी मीट की निदेशक मालविका बनर्जी ने किया और लोगों को अगले दो दिनों तक आयोजित साहित्य चर्चा में बढ़चढ़ कर शामिल होने की अपील की.
कल के कार्यक्रम
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श्रीलाल शुक्ल की क्लासिक कृति राग दरबारी पर ममता कालिया से होगी बातचीत
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सुबह 11.20 बजे : राग दरबारी : पचपन साल के बाद : ममता कालिया और विनाेय भूषण के साथ श्रीलाल शुक्ल की क्लासिक कृति के 55 वर्ष पूरे होने का जश्न. इस सत्र में जिलियन राइट ऑनलाइन जुड़ेंगे.
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दोपहर 12.20 बजे : सत्य वचन : समकालीन हिंदी लेखन में गेंम चेंजर बनने पर सत्य व्यास के साथ अदिति महेश्वरी गाेयल की बातचीत.
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दोपहर 02.15 बजे : अच्छा आदमी : पंकज मित्र अपने कहानी संग्रह अच्छा आदमी पर रश्मि शर्मा से बातचीत करेंगे.
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3.10 बजे : बुकर के बाद अंतरराष्ट्रीय संदर्भ में अनुवाद : क्या हिंदी क्लासिक्स के लिए कोई अंतरराष्ट्रीय बाजार है? इसपर जेरी पिंटो, अदिति महेश्वरी गाेयल और ममता कालिया की विनोय भूषण से बातचीत.
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शाम 04 बजे : कुछ कविताएं : स्वानंद किरकिले, जेरी पिंटो और पार्वती तिर्की का कविता पाठ.
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शाम 05 बजे : बावरा मन : स्वानंद किरकिरे की प्रस्तुति.
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शाम 6.30 बजे : कागज के गुब्बारे : अनुभा फतेहपुरिया द्वारा निर्देशित और इस्मत चुगताई की कहानियों और निबंधों पर आधारित एक नाटक.
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ये हैं आज के कार्यक्रम
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सुबह 11 बजे : देवदत्त पटनायक द्वारा उद्घाटन. साथ ही उनकी पुस्तक ‘बाहुबली : 63 इनसाइट्स इनटू जैनिज्म’ का विमोचन.
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सुबह 11:30 बजे : गीता इस युग के लिए क्यों महत्वपूर्ण पर देवदत्त पटनायक भगवद गीता के शाश्वत ज्ञान पर बोलेंगे.
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दोपहर 12:40 बजे : साहित्य के साथ सफर कार्यक्रम में आशुतोष चतुर्वेदी के साथ ममता कालिया की बातचीत.
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दोपहर 02:15 बजे : ”द जेहलम बॉयज” प्रशांत पंडिता अपने पहले उपन्यास पर शहाना चटर्जी के साथ बातचीत करेंगे.
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दोपहर 03:10 बजे : ”द बर्ड वीमेन ऑफ डोरंडा एंड अदर स्टारी फ्रॉम द वाइल्ड” जमाल आरा की उल्लेखनीय कहानी और झारखंड के जंगलों की अन्य कहानियों पर रजा काजमी, विक्रम ग्रेवाल के साथ बातचीत.
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शाम 04 बजे : ”द एजुकेशन ऑफ यूरी : बिल्डुंस्रोमन” उपन्यास के शाश्वत आकर्षण पर जैरी पिंटो और मालविका बनर्जी बातचीत करेंगी.
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शाम 04:50 बजे : ”फिर उगाना” महादेव टोप्पो और पार्वती तिर्की अपने काम पर जनजीवन और आदिवासी जीवन के प्रभाव पर बातचीत करेंगे.
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5:40 : वासेपुर व मिर्जापुर से बाहर झारखंड, यूपी और बिहार में स्टीरियोटाइप से कैसे निकल पायेंगे विषय पर निरंजन कुजूर, सिराल मुर्मू की बातचीत.