Loading election data...

झारखंड में टीबी मुक्त पंचायत की शुरुआत, 10 पंचायत प्रतिनिधि होंगे पुरस्कृत

वर्ष 2025 तक देश से टीबी उन्मूलन के लिए झारखंड में वर्क प्लेस पॉलिसी का उद्घाटन किया गया. इस मौके पर स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता ने कहा कि टीबी का उन्मूलन करना कठिन नहीं है. इसके लिए लोगों के बीच प्रतिबद्धता, जागरूकता और मरीजों के नियमित रूप से दवाइयां लेने की जरूरत है.

By Prabhat Khabar Digital Desk | July 12, 2023 7:36 PM
an image

Jharkhand News: राष्ट्रीय याक्ष्मा उन्मूलन कार्यक्रम के तहत रांची में आयोजित टीबी वर्क प्लेस पॉलिसी एंड कॉरपोरेट इंगेजमेंट टू एंड टीबी के राज्य स्तरीय कार्यक्रम का उद्घाटन हुआ. इस मौके पर स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता ने कहा कि गांवों को समृद्ध किए बिना टीबी से नहीं लड़ा जा सकता. हालॉकि, झारखंड के लोगों की रोग प्रतिरोधक क्षमता बहुत अधिक है और हमारी एडवांस प्लानिंग अन्य राज्यों से अच्छी है. मंत्री ने कहा कि राज्य में प्रति एक लाख लोगों में से 1022 लोगों को जांच के दायरे में लाया जा रहा है. जांच का दायरा और बढ़ाया जाएगा.

राज्य में 57,567 टीबी के मरीज

स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि टीबी उन्मूलन के लिए कार्ययोजना तैयार कर ससमय कार्य करते हुए लक्ष्य को प्राप्त करना है. पूरे विश्व में टीबी उन्मूलन का लक्ष्य वर्ष 2030 तक है, वहीं राष्ट्रीय लक्ष्य वर्ष 2025 तक है, जबकि झारखंड में टीबी उन्मूलन का लक्ष्य दिसंबर, 2024 तक रखा गया है. उन्होंने बताया कि अभी तक राज्य में 57,567 टीबी मरीजों की पहचान की गई है.

झारखंड में दिसंबर, 2024 तक टीबी उन्मूलन का लक्ष्य

उन्होंने कहा कि टीबी उन्मूलन के लिए कार्ययोजना तैयार कर ससमय कार्य करते हुए लक्ष्य को प्राप्त करना है. पूरे विश्व में टीबी उन्मूलन का लक्ष्य वर्ष 2030 तक है, वहीं राष्ट्रीय लक्ष्य वर्ष 2025 तक है, जबकि झारखंड में टीबी उन्मूलन का लक्ष्य दिसंबर, 2024 तक रखा गया है.

Also Read: धनबाद : गोविंदपुर में बालिका बधू बनने से बची बिटिया, बड़ी बहन ने पुलिस-प्रशासन के सहयोग से ऐसे बचाया

10 टीबी मुक्त पंचायत प्रतिनिधि होंगे पुरस्कृत

मंत्री ने कहा कि सभी जिलों में टीबी के प्रति लोगों को जागरूक करने तथा पंचायत को टीबी मुक्त करने के लिए कार्य किये जा रहे हैं. जब तक एक-एक गांव एवं पंचायत टीबी मुक्त नहीं होगा, टीबी मुक्त जिला एवं राज्य की परिकल्पना बेईमानी होगी. राज्य सरकार टीबी मुक्त पंचायत कार्यक्रम की शुरुआत आज से कर रही है. पहले 10 टीबी मुक्त पंचायत के प्रतिनिधियों को राज्य सरकार द्वारा राज्य स्तर पर पुरस्कृत किया जाएगा. साथ ही सभी टीबी मुक्त पंचायतों को स्वर्ण, रजत और कांस्य पदक प्रदान किये जाएंगे.

सरकार टीबी उन्मूलन के लिए कर रही हर संभव प्रयास

उन्होंने कहा कि सरकार अपने स्तर पर टीबी उन्मूलन के लिए हर संभव प्रयास कर रही है, लेकिन अन्य विभागों के समन्वय के बिना यह कार्य संभव प्रतीत नहीं हो रहा है. इस दिशा में श्रम, उद्योग, खनन, सामाजिक सुरक्षा, डाक विभाग, आदिवासी कल्याण विभाग आदि से समन्वय बना कर कार्य करने का प्रयास किया जा रहा है.

भ्रांतियों के कारण बीमारी को छुपाना चाहते हैं लोग

झारखंड के स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि राज्य में बहुत सारे छोटे-बड़े उद्योग हैं. बहुत सारे लोक उपक्रम हैं एवं खदानों की भरमार है. हमारी पहुच राज्य के सुदूरवर्ती इलाकों में सहिया की मदद से हो रही है, लेकिन इन कल-कारखानों, खदानों आदि में कार्यरत कर्मचारियों तक हमारी पहुंच नहीं हो पाती है. लोग वर्किंग आवर में अपने कार्यस्थल पर चले जाते हैं एवं हमारे स्वास्थ्य कर्मियों से उनकी मुलाकात नहीं हो पाती है‍. वहीं, लोग भ्रांतियों के कारण बीमारी को छुपाना चाहते हैं एवं अन्य लोगों में टीबी की बीमारी फैला देते हैं.

Also Read: झारखंड : कोडरमा के 2 माइका गोदाम में छापेमारी, खनन टास्क फोर्स ने किया सील, कई सामान जब्त

टीबी हारेगा, झारखंड जितेगा का मंत्र

उन्होंने कहा कि इन बातों को ध्यान में रखते हुए राज्य सरकार ने देश में सबसे पहले Work Place Policy for TB its Comorbidities and Occupational Lung Disease लेकर आयी है, जिससे राज्य सरकार के पास उपलब्ध संसाधनों का उपयोग करते हुए लोग अपने अपने कार्यक्षेत्र को टीबी मुक्त करने की मुहिम बना सकें. यह Unique Employee Lead Model है. हमें आशा ही नहीं पूर्ण विश्वास है कि इस Policy के लागु होने के बाद लोग अपने-अपने कार्यक्षेत्र को टीबी मुक्त कर सकेगें. साथ ही टीबी हारेगा, झारखण्ड जितेगा का मंत्र सफल हो पायेगा.

पंचायत में शिविर लगाकर टीबी की जांच हो : श्रम मंत्री

वहीं, श्रम नियोजन प्रशिक्षण एवं कौशल विकास विभाग के मंत्री सत्यानंद भोक्ता ने कहा कि सभी जिलों तथा अन्य अस्पतालों में टीबी के लिए अलग विंग बनाया जाना चाहिए. इससे लोगों को जांच कराने में संकोच नहीं होगा. कहा कि पंचायत में शिविर लगाकर टीबी की जांच की जानी चाहिए. हार्ड टू रिच एरिया में भी जांच जरूरी है.

ससमय इलाज नहीं कराने पर संक्रमित मरीजों की बढ़ती है संख्या

उन्होंने कहा कि एक व्यक्ति को यदि टीबी हो और वह इलाजरत नहीं हो, तो साल में लगभग 10 से 15 नये लोगों को संक्रमित कर सकता है. हमारे उद्योग, कल-कारखानों में कार्य करने वाले अधिकारी-कर्मचारी आदि एक-दूसरे से बहुत नजदीक होकर कार्य करते हैं, जिससे उनमें एक-दूसरे से संक्रमण का खतरा ज्यादा रहता है. साथ ही बहुत सारे उद्योगों, खासकर खनन क्षेत्र के कामगार धूलकण के वातावरण में रहते हैं, वहां फेफडे़ की बीमारी का खतरा अधिक रहता है और बीमार फेफड़े में टीबी संक्रमण का खतरा अधिक हो जाता है. कार्य क्षेत्र को टीबी मुक्त करने के लिए सरकार का यह एक सराहनीय कदम है.

Also Read: झारखंड : पूर्वी सिंहभूम के घाटशिला में विलुप्त हो रहे आदिम जनजाति के सबर व बिरहोर, जवानी में छिन रहीं सांसें

मन्वय स्थापित कर टीबी उन्मूलन का कार्य करें : अपर मुख्य सचिव

स्वास्थ्य विभाग के अपर मुख्य सचिव अरूण कुमार सिंह ने कहा कि TB work place policy and Corporate Engagement to end TB का उद्घाटन करने वाला देश का पहला राज्य झारखंड बन गया है. सभी लोग समन्वय स्थापित कर टीबी उन्मूलन का कार्य करें. टीबी होने का मुख्य कारण रोग प्रतिरोधक क्षमता का कम होना तथा अच्छा भोजन नहीं मिलना है. बैक्टीरिया हवा के माध्यम से फैलता है और फेफड़े को प्रभावित करता है. टीबी से संबंधित भ्रांतियों एवं अंधविश्वास को दूर करते हुए जनभागीदारी के साथ इससे मुकाबला करने के लिए हमें सार्थक प्रयास करने की जरूरत है, ताकि हम इस महत्वाकांक्षी लक्ष्य को ससमय प्राप्त करने में कामयाब हो सकें. कहा कि आइए, अपने राज्य में हम सभी यह संकल्प लें कि मानवता की रक्षा के लिए इस सामाजिक दायित्व का निर्वाहन करते हुए दिसंबर, 2024 तक अपने राज्य से टीबी का उन्मूलन करने में सहभागी बने.

2023 में शुरू हुई टीबी मुक्त ग्राम पंचायत

डीडीजी, टीबी डिवीजन डॉ राजेंद्र पी जोशी ने कहा कि झारखंड इनिशिएटिव ले रहा है. एक सर्वेक्षण में पता चला है कि अधिकांश लोगों में टीबी के लक्षण हैं, पर वह डॉक्टर के पास नहीं जाना चाहते. 64 प्रतिशत लोग टीबी के बारे नहीं सोचते. उन्होंने कहा कि टीबी कोविड की तरह एयर बॉर्न डिजीज है. टीबी मुक्त ग्राम पंचायत कि शुरुआत 2023 में की गई.

इन्हें मिला सम्मान

सरकारी एवं गैर-सरकारी संस्थान को टीबी मुक्त भारत अभियान के तहत राज्य में विभिन्न जिलों के टीबी मरीजों को मित्र बनकर गोद लेने एवं उन्हें अतिरिक्त पोषण सहायता उपलब्ध कराने के लिए सम्मानित किया गया. सम्मानित होनेवाली संस्थाओं में सेंट्रल कोलफील्ड्स लिमिटेड, भारत कोकिंग कोल लिमिटेड, स्टील अथॉरिटी ऑफ इंडिया लिमिटेड, बोकारो (बीजीएच), यूरेनियम कॉरपोरेशन, रेल विकास निगम लिमिटेड, अदानी पावर (झारखंड) लिमिटेड, आधुनिक पावर एंड नेचुरल रिसोर्सेज लिमिटेड, उषा मार्टिन लिमिटेड, जिंदल स्टील और पावर लिमिटेड, टाटा स्टील फाउंडेशन, एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया शामिल थी. इस अवसर पर उद्योग सचिव जितेन्द्र कुमार सिंह, श्रम सचिव राजेश शर्मा, अभियान निदेशक आलोक त्रिवेदी, अपर अभियान निदेशक, निदेशक प्रमुख डॉ वीरेंद्र प्रसाद सिंह, श्री विद्यानंद शर्मा पंकज, राज्य यक्ष्मा पदाधिकारी डॉ रंजीत प्रसाद तथा अन्य पदाधिकारी एवं कर्मचारी उपस्थित थे.

Also Read: 28 जुलाई से विधानसभा का मानसून सत्र, झारखंड कैबिनेट में 35 प्रस्तावों पर लगी मुहर, पढ़ें पूरी खबर

Exit mobile version