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झारखंड में पांच साल बाद अब शुरू होगी शिक्षकों की ट्रांसफर-पोस्टिंग, स्कूली शिक्षा विभाग इस तारीख से लेगा आवेदन

इसे लेकर पूर्व में ही जिलों को प्रारंभिक स्तर पर तैयारी करने के निर्देश दिये जा चुके हैं. शिक्षकों के तबादले के लिए जिलों को पांच जोन में बांटा गया है. शिक्षक जोन एक व दो सामान्यतया एक टर्म पांच वर्ष से अधिक के लिए पदस्थापित नहीं किये जायेंगे

राज्य में प्राइमरी से लेकर प्लस टू हाइस्कूल तक के शिक्षकों के तबादले की प्रक्रिया इस महीने के अंत तक शुरू हो जायेगी. इसमें ऑनलाइन आवेदन के लिए पोर्टल तैयार कर लिया गया है. स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग 29 जुलाई से आवेदन लेने की तैयारी कर रहा है. विभाग इस संबंध में एक-दो दिनों में पत्र जारी कर सकता है. शिक्षक स्थानांतरण नियमावली 2019 (संशोधित नियमावली 2022) के तहत राज्य में लगभग पांच साल बाद शिक्षकों के तबादले की प्रक्रिया शुरू होने जा रही है.

इसे लेकर पूर्व में ही जिलों को प्रारंभिक स्तर पर तैयारी करने के निर्देश दिये जा चुके हैं. शिक्षकों के तबादले के लिए जिलों को पांच जोन में बांटा गया है. शिक्षक जोन एक व दो सामान्यतया एक टर्म पांच वर्ष से अधिक के लिए पदस्थापित नहीं किये जायेंगे. जोन एक व दो में जहां एक टर्म से अधिक के लिए शिक्षक पदस्थापित नहीं होंगे, वहीं जोन तीन से पांच तक में पदस्थापित शिक्षक एक टर्म से अधिक समय रहने के लिए आवेदन दे सकते हैं. शिक्षक के अनुरोध के आधार पर एक टर्म से अधिक से लिए इन जोनों में उनका पदस्थापन किया जा सकता है.

पति-पत्नी के कांट्रैक्ट पर कार्यरत होने पर स्थानांतरण

अंतर जिला स्थानांतरण के लिए वैसे शिक्षक भी आवेदन कर सकेंगे, जिनके पति या पत्नी राज्य या केंद्र सरकार के साथ पीएसयू में कांट्रैक्ट पर कार्यरत हैं. इसके अलावा असाध्य रोग से ग्रसित शिक्षकों को अंतर जिला स्थानांतरण का अवसर मिलेगा.

स्थानांतरण के लिए ऐसे निर्धारित है जोन

जोन एक : नगर निगम/नगर पंचायत एवं अन्य नगर निकाय जो नगर विकास एवं आवास विभाग द्वारा अधिसूचित क्षेत्र में अवस्थित विद्यालय

जोन दो : ऐसे पंचायत क्षेत्र का विद्यालय जिसमें अनुमंडल, प्रखंड मुख्यालय अवस्थित है. यह अनुमंडल/प्रखंड पंचायत के नाम से जाना जायेगा.

छात्र-शिक्षक अनुपात का ध्यान रखने का दिया गया है निर्देश

शिक्षकों के तबादले में विद्यालयों में छात्र-शिक्षक के अनुपात को ध्यान में रखने को कहा गया है. जिन विद्यालयों में छात्रों के अनुपात में शिक्षकों की संख्या काफी कम है, वहां शिक्षकों के पदस्थापन को प्राथमिकता देने को कहा गया है. सभी प्राथमिक विद्यालयों में पहले कम से कम एक शिक्षक का पदस्थापन हो जाये, इसके बाद ही दूसरे शिक्षक का पदस्थापन करने को कहा गया है. शिक्षक द्वारा स्वत: इससे संबंधित वित्तीय लाभ की राशि की निकासी नहीं करने की जानकारी निकासी एवं व्ययन पदाधिकारी को दी जायेगी. राशि निकासी होने की स्थिति में दोनों दोषी होंगे.

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