रांची: बिरसा कृषि विश्वविद्यालय (बीएयू)के कृषि संकाय में चतुर्थ वर्ष के छात्र-छात्राओं ने शिक्षक दिवस समारोह का आयोजन किया. समारोह का उद्घाटन बतौर मुख्य अतिथि कुलपति डॉ ओंकार नाथ सिंह ने दीप प्रज्जवलित कर किया. छात्र-छात्राओं ने गुरु वंदना गाकर शिक्षकों का स्वागत किया. छात्र-छात्राओं ने शिक्षकों के साथ मिलकर केक कटिंग सेरेमनी से समारोह की शुरुआत की. मौके पर आयोजित संस्कृतक कार्यक्रम में छात्र- छात्राओं ने एकल एवं समूह गायन एवं नृत्य, नाट्यकला, गेम्स, चुटकुले आदि के माध्यम से दर्शकों को मंत्र मुग्ध किया. मौके पर कुलपति ने ‘किसानों की पंचायतनामा’ पुस्तक का लोकार्पण किया और इस पुस्तक को किसानों के नाम समर्पित किया.
बीएयू के कुलपति ने दिया सफलता का मंत्र
संबोधन में बीएयू के कुलपति डॉ ओंकार नाथ सिंह ने कहा कि छात्र-छात्राओं को अपनी ऊर्जा एवं क्षमता का उपयोग हमेशा सही सोच के साथ सही दिशा में करनी चाहिए. पढ़ाई के दौरान छोटी-छोटी बातों का ध्यान रखें. मेहनत करें. जीवन में सफलता के लिए अनुशासन एवं उत्पादन मूल मंत्र है.
किसानों की पंचायतनामा’ पुस्तक का लोकार्पण
कुलपति डॉ ओंकार नाथ सिंह ने कहा कि बीएयू के शिक्षक छात्रों के गुरु और वैज्ञानिक के तौर पर किसानों के भी गुरु माने जाते हैं. किसानों को उन्नत कृषि तकनीकी को प्रशिक्षण, प्रत्यक्षण, प्रसार के विभिन्न माध्यमों से सुलभ कराने में कृषि वैज्ञानिकों की अग्रिम भूमिका होती है. कृषि शिक्षा का मूल उद्देश्य ही किसानों की बेहतरी और देश- प्रदेश के कृषि का विकास है. शिक्षकों सह वैज्ञानिकों की तरह कृषि छात्रों को भी किसानों की बेहतरी की दिशा में तत्पर रहने की जरुरत है. मौके पर कुलपति ने ‘किसानों की पंचायतनामा’ पुस्तक का लोकार्पण किया और इस पुस्तक को किसानों के नाम समर्पित किया. इस पुस्तक में अखबारों में प्रकाशित कृषि वैज्ञानिकों द्वारा लिखित कृषि तकनीकी लेखों का संकलन प्रस्तुत किया गया है.
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सम्मान व अनुशासन का बताया महत्व
मौके पर डीन एग्रीकल्चर डॉ डीके शाही ने छात्र-छात्राओं को शिक्षक दिवस की तरह शिक्षकों एवं पूर्ववर्ती छात्रों का सम्मान एवं आदर करने की बात कही. उन्हें कृषि शिक्षा में समयबद्धता एवं अनुशासन के महत्त्व से अवगत कराया. डीएसडब्लू डॉ बीके अग्रवाल ने छात्रों को पढ़ाई के साथ-साथ सांस्कृतिक, खेलकूद एवं समाज सेवा से जुड़े रहने पर जोर दिया. मौके एसोसिएट डीन ई डीके रूसिया एवं वार्डन डॉ नीरज कुमार ने भी अपने विचारों को रखा. संचालन हर्ष पांडे एवं शशिका सुमन ने किया. समारोह के आयोजन में कुमकुम कुमारी, रजनी वर्मा, पल्लवी सिंह, अंकित कुमार एवं अविनाश सिंह आदि का उल्लेखनीय सहयोग रहा.
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