रांची : राज्य के कई तकनीकी संस्थानों द्वारा अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद (एअाइसीटीइ) से मान्यता लेने के लिए गलत जानकारी देने का मामला प्रकाश में आया है. उच्च, तकनीकी शिक्षा व कौशल विकास विभाग को इसकी जानकारी मिली, तो एआइसीटीइ को पत्र लिख कर सही जानकारी दी गयी अौर संबंधित संस्थान पर कार्रवाई करने का भी अनुरोध किया.
राज्य के तकनीकी शिक्षा निदेशक डॉ अरुण कुमार ने इस संबंध में एआइसीटीइ के सदस्य सचिव प्रो राजीव कुमार सहित एअाइसीटीइ -इस्टर्न रीजनल अॉफिस के रीजनल अफसर को पत्र भी लिखा है. निदेशालय ने रिमांइडर भी कराया, लेकिन एआइसीटीइ की तरफ से निदेशालय को इसका कोई जवाब नहीं दिया गया.
जानकारी के अनुसार, राज्य में सात संस्थान पीपीपी मोड पर चल रहे हैं, लेकिन उक्त संस्थानों ने एआइसीटीइ को गवर्नमेंट एडेड (राज्य सरकार द्वारा अनुदानित) संस्थान लिख कर मान्यता का प्रस्ताव भेजा है. निदेशालय ने स्पष्ट किया है कि ये सभी संस्थान गवर्नमेंट एडेड नहीं बल्कि पीपीपी मोड पर संचालित हैं. निदेशक ने पत्र में लिखा है कि संस्थानों ने गलत जानकारी दी है. एआइसीटीइ इन संस्थानों पर कार्रवाई करने के लिए स्वतंत्र है.
जिन पीपीपी मोड पर संचालित संस्थानों ने एआइसीटीइ के गलत जानकारी दी है, उनमें दुमका इंजीनियरिंग कॉलेज, चाईबासा इंजीनियरिंग कॉलेज, रामगढ़ इंजीनियरिंग कॉलेज की स्थापना राज्य सरकार द्वारा की गयी है, लेकिन पीपीपी मोड पर टेक्नोक्रेट इंडिया के तहत संचालित है.
इसी प्रकार गुमला पॉलिटेक्निक की स्थापना राज्य सरकार ने की है, लेकिन यह पीपीपी मोड पर एपीएस कॉलेज व साइबोटेक कैंपस के तहत संचालित है. जबकि बिरसा इंस्टीट्यूट अॉफ टेक्नोलॉजी, यूनिवर्सिटी पॉलिटेक्निक, रांची कॉलेज अॉफ फाॅर्मेसी संस्थान गवर्नमेंट एडेडे संस्थान नहीं हैं. निदेशक ने एआइसीटीइ को वर्ष 2019 के बाद 2020 में भी पत्र लिख कर जानकारी दी है.
इसी प्रकार निदेशालय ने एआइसीटीइ को चाईबासा इंजीनियरिंग कॉलेज के संबंध में भी एआइसीटीइ को अलग से जानकारी दी है कि सत्र 2020-21 के तहत मान्यता के लिए अॉनलाइन आवेदन जमा किया गया है, लेकिन संस्थान ने सही अौर एअाइसीटीइ मापदंड के अनुरूप जानकारी नहीं दी है.
संस्थानों ने शिक्षकों की सूची सहित अन्य डाटा भी वेबसाइट पर डिस्प्ले नहीं किया है. साथ ही शिक्षकों के मानदेय के संबंध में भी जानकारी छुपा ली है. अपलोड किये गये आवेदन में मानदेय के साथ-साथ शैक्षणिक योग्यता की जानकारी भी नहीं दी गयी है. इसके अलावा कई अन्य जानकारियां एआइसीटीइ के मापदंड के अनुरूप नहीं हैं. निदेशक ने एआइसीटीइ के सदस्य सचिव को यथोचित कार्रवाई करने के लिए कहा है.
posted by : sameer oraon