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लालू प्रसाद के 73वें जन्मदिन पर तेजस्वी यादव ने ली यह शपथ

बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री और राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के राष्ट्रीय अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव के 73वें जन्मदिन पर उनकी कही एक बात को उनके बेटे तेजस्वी यादव ने ट्वीट किया है. तेजस्वी ने गुरुवार (11 जून, 2020) को ट्विटर पर लिखा कि आज आदरणीय पिता जी के जन्मदिवस पर उनकी कही बात याद आ रही है. लालू का जन्मदिन मनाने के लिए तेजस्वी आज झारखंड की राजधानी रांची में हैं. राजेंद्र इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज (रिम्स) में लालू के जन्मदिन पर अस्पताल के गरीब मरीजों को भोजन कराया गया.

By Mithilesh Jha | June 11, 2020 3:52 PM

रांची : बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री और राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के राष्ट्रीय अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव के 73वें जन्मदिन पर उनकी कही एक बात को उनके बेटे तेजस्वी यादव ने ट्वीट किया है. तेजस्वी ने गुरुवार (11 जून, 2020) को ट्विटर पर लिखा कि आज आदरणीय पिता जी के जन्मदिवस पर उनकी कही बात याद आ रही है. लालू का जन्मदिन मनाने के लिए तेजस्वी आज झारखंड की राजधानी रांची में हैं. राजेंद्र इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज (रिम्स) में लालू के जन्मदिन पर अस्पताल के गरीब मरीजों को भोजन कराया गया.

इसके बाद उन्होंने लिखा कि लालू प्रसाद कहते थे, ‘संघर्ष लंबा होगा, परीक्षा कड़ी होगी. तुम घबराना मत, हमें बिहार के विकास और गरीबों की खुशियों के लिए लड़ना-मरना है. सामाजिक न्याय हमने किया, अब तुम आर्थिक न्याय करना. हमारी खुशियों का त्याग भी हो तो फिक्र नहीं करना.’ इस ट्वीट के साथ लालू प्रसाद के राजनीतिक उत्तराधिकारी तेजस्वी यादव ने बिहारवासियों के नाम लिखी अपनी दो पन्ने की चिट्ठी भी साझा की है.

इस पत्र में उन्होंने लिखा है, ‘आज पिताजी से उनके अवतरण दिवस पर मिलने रांची आया हूं. उनके जन्मदिन पर अलग-अलग तरह के भाव मन में आ रहे हैं. मन थोड़ा व्यथित है कि वो हमसे दूर अकेले संघर्ष कर रहे हैं. और थोड़ा सशक्त भी, क्योंकि उनका जन्मदिन मुझे और अधिक प्रेरणा देता है. उनकी तरह ही मुखरता से गरीब, गुरबों, शोषित, पीड़ित, उपेक्षित और वंचितों की लड़ाई बिना सिद्धांतों से समझौता किये लड़ूं.’

तेजस्वी ने खत में लिखा है कि वह जब भी अपने पिता की जीवन यात्रा पर नजर डालते हैं, उन्हें ऐसा लगता है कि लालू प्रसाद यादव अद्भुत और विरले इंसान हैं, जिनमें गजब का जज्बा है. इसी जज्बे के साथ उन्होंने ऊंच-नीच की लड़ाई लड़ी, बिहार की तमाम सामाजिक विसंगतियों का खात्मा किया. गरीब के हक का झंडा बुलंद किया और चाहे कितनी भी विषम परिस्थिति आयी हो, कभी घुटने नहीं टेके. अपने सिद्धांतों से लालू प्रसाद यादव ने कभी समझौता नहीं किया.’

तेजस्वी यादव आगे लिखते हैं कि विषम हालात जब सामने आते हैं, तो अच्छे-अच्छों को तोड़ देते हैं. षड्यंत्र व समर्पण करने को मजबूर कर देते हैं. वर्षों का दुष्प्रचार इंसान का आत्मविश्वास छीन लेता है, लेकिन कोई भी दुष्प्रचार लालू प्रसाद के हौसले को नहीं तोड़ पाया. उनके सिद्धांतों से उन्हें नहीं डिगा पाया. उनके हौसले निरंतर मजबूत ही होते रहे. तेजस्वी ने खत में यह भी लिखा है कि लालू प्रसाद आज भी बिना थके, बिना झुके लड़ रहे हैं. तेजस्वी कहते हैं कि उन्हें गर्व है कि बिहार के लोगों के हक की लालू की लड़ाई में वह भी भागी बने हैं.

तेजस्वी यादव ने अपने पिता लालू प्रसाद के 73वें जन्मदिन पर शपथ ली कि बिहार के युवाओं और गरीबों को हर हालत में न्याय दिलाकर रहेंगे. उन्होंने कहा कि बहुत हो चुका जातिवाद, संप्रदायवाद, बहुत हो चुकी बीमारी के दौरान फैली अव्यवस्था से मौतें, गरीब ने बहुत देख ली रोटी की भूख, बहुत रह लिये हमारे युवा बेरोजगार, बहुत सह लिया लोगों ने पलायन का दर्द, कुशासन ने छीन ली बहुत सी जानें, सड़कों पर बहुत बेहाल हो चुका बिहारी…

तेजस्वी ने इस पत्र में लिखा, ‘सरकार ने 15 साल राज करते-करते बहुत ठीकरा फोड़ लिया दूसरों पर… अब और नहीं होने दूंगा… भुखमरी से, अपराध से, अव्यवस्था से, अन्याय से अब जान नहीं खोने दूंगा.’ उन्होंने कहा कि अपने पिता के 73वें जन्मदिन पर वह कम से कम 73 हजार गरीबों को खाना खिलायेंगे. उनके माथे से चिंता हटायेंगे और फिर पिता की प्रेरणा से ही बिहार को इस कठिन समय से निजात दिलायेंगे.

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