झारखंड में चलाये जा रहे तेजस्विनी योजना में 205 करोड़ रूपये हुए खर्च, लेकिन किसी को नहीं मिला प्रशिक्षण

झारखंड सरकार द्वारा चलायी जा रही तेजस्विनी योजना पर 205.03 करोड़ रुपये खर्च किये जा चुके हैं. बावजूद अब तक किसी (16-24 वर्ष की) किशोरी या महिला को प्रशिक्षित नहीं किया जा सका है.

By Prabhat Khabar News Desk | June 9, 2022 10:19 AM

रांची : झारखंड सरकार द्वारा चलायी जा रहे तेजस्विनी योजना पर 205.03 करोड़ रुपये खर्च हो चुके हैं. लेकिन अब तक किसी किशोरियों को प्रशिक्षण नहीं मिला है. परियोजना के वित्तीय प्रबंधन के लिए ठाकुर भुवनेश एंड एसोसिएट (सीए) को 1.33 करोड़ रुपये का भुगतान भी किया जा चुका है. विश्व बैंक संपोषित इस योजना में सरकार की भागीदारी 30 प्रतिशत है. शेष राशि विश्व बैंक से कर्ज के रूप में मिलती है.

परियोजना की कुल लागत 90 मिलियन अमेरिकी डॉलर है. 16-24 साल तक की किशोरी और महिलाओं के सामाजिक व आर्थिक सशक्तीकरण के उद्देश्य से तेजस्विनी योजना की शुरुआत की गयी थी. वर्ष 2011 की जनगणना में यह पाया गया था कि इस वर्ग के 62 प्रतिशत लोग न तो शिक्षा, प्रशिक्षण और न ही रोजगार की गतिविधियों में शामिल हैं.

इस श्रम बल को विभिन्न प्रकार की गतिविधियों में शामिल करने के उद्देश्य से तेजस्विनी योजना में आठवीं या दसवीं तक शिक्षा और कौशल प्रशिक्षण देने की व्यवस्था की गयी. राज्य के 17 जिलों में अलग-अलग क्षेत्रों में कौशल प्रशिक्षण देने का फैसला किया गया.

प्रशिक्षण के लिए हेल्थ केयर, टेक्सटाइल, पर्यटन, वाहन, प्लंबिंग, टेलीकॉम सहित कुछ अन्य क्षेत्रों को चुना गया. फिलहाल तेजस्विनी परियोजना को क्रियान्वित करने के लिए 22,905 लोग विभिन्न स्तर पर काम कर रहे हैं. इसमें सचिवालय स्तर के अधिकारियों से लेकर 1,998 क्लस्टर कोऑर्डिनेटर, 7494 यूथ फैसिलिटेटर और 12,839 पीयर लीडर सहित अन्य लोग शामिल हैं.

इस योजना के तहत 14-24 साल के उम्र की 10.86 लाख किशोरी और महिलाओं को प्रशिक्षित किया जाना था. हालांकि अब तक किसी को प्रशिक्षित नहीं किया जा सका है. सरकार की ओर से अब भी यह दावा किया जा रहा है कि 12,839 तेजस्विनी क्लब के माध्यम से 10.86 लाख किशोरियां और महिलाएं निबंधित हैं. इनमें से सिर्फ 1.30 लाख को प्रशिक्षण देने का लक्ष्य रखा गया है.

सरकारी आंकड़ों के अनुसार, तेजस्विनी योजना के लिए वित्तीय वर्ष 2021-22 तक कुल 272.20 करोड़ रुपये आवंटित किये गये हैं. इसमें से 205.03 करोड़ रुपये खर्च किये जा चुके हैं. इस योजना के तहत विश्व बैंक से अब तक 143.52 करोड़ रुपये बतौर कर्ज मिल चुका है. राज्य सरकार ने योजना में 61.52 करोड़ रुपये दिये हैं. चालू वित्तीय वर्ष 2022-23 में इस योजना के लिए 102 करोड़ रुपये का बजटीय प्रावधान किया गया है.

रिपोर्ट- शकील अख्तर

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