टेरर फंडिंग मामले में NIA की बड़ी कर्रवाई, रांची और पिपरवार में एक साथ 7 स्थान‍ों पर हुई छापेमारी

टेरर फंडिग मामले में एनआइए ने रांची और पिपरवार में एक साथ 7 स्थानों पर छापेमारी की. इस मामले में एनआइए ने 3 लोगों को हिरासत में ले लिया है. इस दौरान हथियार, गोला-बारूद समेत कई दस्तावेज बरामद हुए हैं

By Prabhat Khabar News Desk | May 21, 2022 6:44 AM

रांची: टेरर फंडिंग मामले में एनआइए ने शुक्रवार को रांची और पिपरवार में एक साथ सात स्थानों पर छापेमारी की. रांची में टंडवा के पूर्व उप प्रमुख बबलू मुंडा के कांके थाना क्षेत्र के अरसंडे स्थित लावण्या अपार्टमेंट के फ्लैट के अलावा चतरा के बिलारी में बबलू मुंडा के आवास पर छापेमारी के दौरान गहन जांच की गयी. इसके अलावा पिपरवार थाना क्षेत्र के ही किचटो में जानकी महतो, बेंती में रोहण गंझू, बेंती पंचायत के पूर्व उप मुखिया नागेश्वर गंझू व जोभिया में महेंद्र गंझू के यहां चल-अचल संपत्ति के दस्तावेज खंगाले गये.

एनआइए ने तीन लोगों को भी हिरासत में लिया है और उनसे पूछताछ जारी है. इनमें से एक व्यक्ति को बेंती गांव से गुरुवार रात को ही उठाया गया था. छापेमारी में एनआइए ने संदिग्धों के परिसरों से हथियार, गोला-बारूद, 11 वाहन और 3.66 लाख रुपये नकद, कई आपत्तिजनक दस्तावेज व डिजिटल उपकरण जब्त किये हैं.

अवैध संचालन समिति बना करते थे उगाही :

एजेंसी के अनुसार, चतरा के आम्रपाली व मगध कोल परियोजना क्षेत्र में स्थानीय लोगों ने अवैध संचालन समिति गठित की थी. यह समिति उग्रवादी संगठन टीएसपीसी के लिए उगाही का काम करती थी. टीएसपीसी का पूर्व में नाम टीपीसी था. समिति ठेकेदारों, ट्रांसपोर्टरों, डीओधारकों और कोयला व्यवसायियों से उग्रवादी संगठन के गोपाल सिंह भोक्ता, मुकेश गंझू, कोहराम जी, आक्रमण जी, अनिश्चय गंझू, भीकन गंझू, दीपू सिंह उर्फ ​​भीखन और बिंदु गंझू के लिए अवैध धन जुटा रही थी.

एनआइए ने मामले का किया था टेकओवर :

मामले को लेकर पूर्व में टंडवा थाना में 11 जनवरी 2016 को कांड संख्या 02/2016 दर्ज किया गया था, जबकि मामले का टेकओवर कर 16 फरवरी 2018 को एनआइए ने प्राथमिकी दर्ज कर कार्रवाई शुरू की थी. लोगों पर उग्रवादी संगठन टीएसपीसी के लिए कोल परियोजनाओं से उगाही का है आरोप

200 करोड़ रुपये की तलाश में थी एनआइए

एनआइए टीम सुबह पांच बजे ही पिपरवार व रांची के ठिकानों पर पहुंच गयी थी. एनआइए टीम पूछताछ के दौरान बाद बबलू मुंडा का मोबाइल, राइफल का लाइसेंस व टीएसपीसी से जुड़ी कमेटी के पुराना कागजात अपने साथ लेकर गयी. बबलू सागर मुंडा ने बताया कि एनआइए ने नौ घंटे में फ्लैट के तीन कमरों की तलाशी ली. टीम घर का सर्च वारंट लेकर पहुंची थी.

टीम को गिरफ्तार टीएसपीसी प्रमुख भीखन गंझू से जानकारी मिली थी कि उसने 200 करोड़ रुपये बबलू को दिये थे. एनआइए की टीम उसी 200 करोड़ की खोज में बबलू के घर पहुंची थी. टीम को न तो रुपये और ना ही किसी प्रकार की ज्वेलरी ही मिली. जांच टीम ने बबलू को भीखन गंझू से मिले 200 करोड़ की जानकारी के साथ उसके कारोबार व टीएसपीसी से जुड़े उसके संबंध सहित कई अन्य जानकारी हासिल की.

Posted By: Sameer Oraon

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