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व्यवस्था की व्यथा : भ्रष्टाचार का विरोध करने पर फंसा रही पुलिस

भाजपा विधायक दल के नेता बाबूलाल मरांडी ने मुख्य सचिव को पत्र लिख कर पुलिस की कार्यशैली पर सवाल उठाया है. उन्होंने पत्र में कहा है कि पुलिस भ्रष्टाचार के खिलाफ आवाज उठानेवाले लोगों के खिलाफ बदले की भावना से कार्रवाई कर रही है, जो अनुचित है.

By Prabhat Khabar News Desk | August 30, 2020 1:22 AM

रांची : भाजपा विधायक दल के नेता बाबूलाल मरांडी ने मुख्य सचिव को पत्र लिख कर पुलिस की कार्यशैली पर सवाल उठाया है. उन्होंने पत्र में कहा है कि पुलिस भ्रष्टाचार के खिलाफ आवाज उठानेवाले लोगों के खिलाफ बदले की भावना से कार्रवाई कर रही है, जो अनुचित है. सरकार को ऐसी नापाक हरकतों को अंजाम देने के काम में लगे अधिकारियों को चिह्नित कर यथोचित कार्रवाई करनी चाहिए. पत्र में साहिबगंज जिला के बरहेट थाना में साहिबगंज जिला परिषद् अध्यक्ष रेणुका मुर्मू, उनके पति लालू भगत और नंदलाल साह सहित अन्य अज्ञात लोगों पर दर्ज लाॅकडाउन के उल्लंघन के मामले का हवाला दिया गया है.

पीड़िता जिला परिषद् अध्यक्षा के अनुसार उन पर किया यह मुकदमा पूरी तरह झूठा व गलत है और राजनीति से प्रेरित है. जिस शिवगादी मंदिर को घटनास्थल बता कर इन लोगों पर मुकदमा दर्ज किया गया है, वह बरहेट थाना क्षेत्र के अधीन आता ही नहीं है. पुलिस द्वारा इन पर लाॅकडाउन में कथित बाधा उत्पन्न करने का जिक्र कर गैर-जमानती धारा लगा कर मुकदमा कर स्पष्ट रूप से किसी को बेवजह परेशान करने का प्रयास प्रतीत हो रहा है.

नंदलाल साह पर नामजद प्राथमिकी दर्ज की गयी है. यह वही शख्स है, जिसने 22 जुलाई को बरहेट थाना के तत्कालीन थानेदार हरीश पाठक द्वारा थाना परिसर में ही एक महिला राखी कुमारी के साथ भद्दी-भद्दी गालियां एवं मारपीट करने का वीडियो बना कर थानेदार की करतूत को उजागर करने का काम किया था. इसी प्रकार धनबाद सरायढेला स्थित सेंट्रल अस्पताल के कोविड-19 सेंटर में भर्ती एक कोरोना संक्रमित कैदी के द्वारा शराब पीने का फोटो वायरल करने वाले छोटू प्रसाद गुप्ता पर भी मुकदमा कर दिया गया है.

गड़बड़ी बतानेवालों का मुंह बंद करना चाहती है पुलिस : माले विधायक विनोद सिंह ने गड़बड़ी उजागर करने वाले लोगों के साथ हो रही कार्रवाई व राज्य के बंदियों को सुविधा दिलाने के मामले में ट्वीट किया है. उन्होंने अपने ट्वीट में प्रभात खबर में प्रकाशित खबर को टैग करते हुए कहा है कि मुख्यमंत्री जी यह कौन सा न्याय है. इस रवैये से झारखंड पुलिस गड़बड़ी उजागर करने वालों का मुंह बंद करना चाहती है.

सांसद निशिकांत पर किया गया मुकदमा विचित्र और अनूठा है : बाबूलाल ने कहा कि गोड्डा सांसद निशिकांत दूबे पर 28 अगस्त 2020 को देवघर पुलिस द्वारा किया गया मुकदमा भी अपने आप में विचित्र व अनूठा है. ट्विटर हैंडल पर लिखी बातों को आधार बना कर पूर्वाग्रह व राजनीति से प्रेरित होकर झारखंड पुलिस ने एक और नया काला अध्याय शुरू करने का काम किया है. इस एफआईआर में किसी प्रकार का कोई ठोस साक्ष्य भी नहीं है. एक सम्मानित जनप्रतिनिधि पर इस प्रकार बिना किसी ठोस आधार के मुकदमा करना किसी बड़े राजनीतिक षड़यंत्र का हिस्सा है. यह चंद मामले तो बानगी हैं. झारखंड पुलिस के काले कारनामों की लंबी फेहरिस्त है.

ट्वीट के आधार पर सांसद पर केस दुर्भाग्यपूर्ण : भाजपा : रांची. भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता प्रतुल शाहदेव ने ट्वीट कर कहा है कि गोड्डा सांसद निशिकांत दुबे पर हुआ नवीनतम एफआइआर संभवत: देश का पहला मामला होगा, जब पुलिस ने किसी राजनीतिक दल के ट्विटर हैंडल पर लिखी बातों को आधार मान कर एक सांसद के ऊपर एफआइआर दर्ज किया है.

उन्होंने कहा कि अगर ट्विटर पर राजनीतिक दलों के द्वारा लिखी बातों पर पुलिस संज्ञान लेकर एफआइआर कर रही है, तो भाजपा ने सैकड़ों बार साक्ष्य के साथ अवैध खनन, बालू घोटाला, सत्ताधारी दल के नेताओं की गुंडागर्दी और शेल कंपनियों के विषय पर झारखंड पुलिस को टैग कर लिखा है. परंतु पुलिस ने भाजपा के ट्वीट को आधार बना कर कभी मुकदमा दर्ज नहीं किया.

श्री शाहदेव ने कहा कि आश्चर्यजनक रूप से इस एफआइआर में ना तो डिग्री की कॉपी लगायी गयी है और ना ही कोई ठोस साक्ष्य प्रस्तुत किया गया है. सिर्फ झारखंड मुक्ति मोर्चा के ट्वीट को आधार बनाया गया है. प्रतुल ने अपने ट्वीट में कहा है कि ऐसे भी इस मुद्दे पर जांच के लिए सिर्फ चुनाव आयोग ही सक्षम है. सत्ता के शीर्ष में बैठे लोग यह भूल गये हैं कि कल जब वह सत्ता से नीचे उतरेंगे, तो यही सिस्टम जिसका वो दुरुपयोग कर रहे हैं. कल उनके लिए भी गले का फांस बन सकता है.

Post by : Prirtish Sahay

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