राष्ट्रीय प्रतिभा खोज परीक्षा के 12 सवालों पर आवेदक ने जतायी थी आपत्ति, अब तक चल रहा है विवाद, जानें पूरा मामला
राष्ट्रीय प्रतिभा खोज परीक्षा के 12 सवालों पर आवेदक ने जतायी थी आपत्ति
रांची : राष्ट्रीय प्रतिभा खोज(2019-20) के पहले चरण की परीक्षा के सवाल-जवाब पर कानूनी विवाद जारी है. जैक ने पेपर-1 के दो सवालों के अपने जवाब को गलत मानते हुए सिर्फ एक नंबर देना स्वीकार किया. हालांकि, परीक्षार्थियों को दो नंबर मिलने चाहिए, क्योंकि दोनों सवाल एक-एक नंबर के थे.
जैक द्वारा जारी किये गये सवालों के 11 जवाबों पर अथर्व नामक परीक्षार्थी ने आपत्ति दर्ज करायी थी. हालांकि, जैक द्वारा विशेषज्ञों का हवाला देते हुए पहले इन सवालों के जवाब में बदलाव करने से इंकार कर दिया गया. साथ ही पिछड़ी जाति के इस परीक्षार्थी को सामान्य जाति का बताया गया. इस मुद्दे पर कानूनी विवाद होने पर जैक ने पेपर-2 के अपने दो सवालों के जवाब को गलत मानते हुए उसे दो नंबर और दिये. लेकिन अभी 10 सवालों के जवाब पर कानूनी विवाद जारी है और न्यायालय में विचाराधीन है.
जैक द्वारा राष्ट्रीय प्रतिभा खोज परीक्षा(2019-20) के पहले चरण के 11 सवालों के जवाब पर अथर्व ने अपनी आपत्ति दर्ज करायी थी. इन आपत्तियों पर कार्रवाई नहीं होने पर इसकी शिकायत मुख्यमंत्री से की गयी. मुख्यमंत्री सचिवालय ने इस मामले में जैक से इस पर जवाब मांगा. इसके बाद जैक के सचिव ने 23 मई 2020 को मुख्यमंत्री सचिवालय को अपना जवाब भेजा.
इसमें यह कहा गया कि अथर्व सामान्य जाति का उम्मीदवार है. सामान्य जाति का कटऑफ मार्क्स 177 है. अथर्व को जैक द्वारा आयोजित राष्ट्रीय प्रतिभा खोज, प्रथम चरण की परीक्षा में 168 अंक मिले हैं. इसलिए उसे प्रथम चरण की परीक्षा में सफल घोषित नहीं किया गया.
जैक के सचिव की ओर से मुख्यमंत्री सचिवालय को भेजे गये इस पत्र में यह भी कहा गया कि परिषद द्वारा प्रकाशित जवाब और आपत्तियों को परिषद के गुप्त संस्थान के विषय विशेषज्ञों को उपलब्ध कराया गया. उनकी राय में परिषद द्वारा प्रकाशित जवाब में किसी तरह के बदलाव की जरूरत नहीं है.
परिषद द्वारा प्रकाशित सवालों के जवाब अंतिम रूप से मान्य हैं. दूसरी तरफ, सूचना अधिकार के तहत पूछे गये सवालों का जवाब देते हुए जैक की ओर से यह सूचित किया गया कि आवेदक पिछड़ी जाति का सदस्य है. पिछड़ी जाति का कटऑफ मार्क्स 172 है. उसे 168 मिला है. इसलिए उसे सफल घोषित नहीं किया गया.
आवेदक ने हाइकोर्ट में दायर की याचिका :
इस स्थिति को देखते हुए आवेदक की ओर से हाइकोर्ट में एक याचिका (1440/2020) दायर की गयी. इसमें पेपर-1 के सात सवालों (26, 58, 59, 71, 72, 74 और 95) और पेपर-2 के चार (25, 58, 59 और 84) सवालों के जवाब पर आपत्ति दर्ज करायी गयी.
हाइकोर्ट ने मामले की सुनवाई के बाद 29 जून 2020 को आवेदक द्वारा सवालों के जवाब पर उठायी गयी आपत्ति पर विचार करने के लिए दो हफ्ते का समय दिया. न्यायालय के इस आदेश के आलोक में जैक की ओर से आवेदक से नये सिरे से आपत्तियां मांगी गयीं. 29 जुलाई को जैक में आवेदक की ओर से कुल 12 सवालों पर आपत्तियां दर्ज करायी गयीं. जैक की ओर से इन आपत्तियों पर विशेषज्ञों की राय लेने के बाद उचित फैसला करने की बात कही गयी.
तीन अक्तूबर 2020 को आवेदक को यह सूचित किया गया कि जैक द्वारा पेपर-2 के सवाल संख्या 25 और 59 का दिया गया जवाब गलत है. इसलिए आवेदक के दो नंबर और दिये जाते हैं. इससे आवेदक का कुल अंक 168 से बढ़ कर 170 हो गया.
सीएम सचिवालय ने मांगी जानकारी, तो जैक ने आवेदक को सामान्य जाति का बताया
सूचना के अधिकार के तहत मांगी गयी जानकारी में आवेदक पिछड़ी जाति का बताया गया
पेपर-2 में जैक के जवाब व एनसीइआरटी की किताब में लिखी बातों के कुछ उदाहरण
जैक ने सवाल संख्या 32 के जवाब में यह लिखा है कि किसी स्थलीय परिस्थितिकी में हरे पौधे सूर्य की ऊर्जा का 70% ग्रहण करते हैं.
कक्षा 10 की एनसीइआरटी साइंस की किताब के पेज नंबर 259 पर इस बात का उल्लेख किया गया है कि हरे पौधे सूर्य की ऊर्जा का लगभग एक प्रतिशत ग्रहण करते हैं.
जैक ने सवाल 84 के जवाब में यह लिखा है कि सिंचाई आधुनिक बांध का उद्देश्य नहीं है.
कक्षा-10 के एनसीइआरटी जियोग्राफी की किताब के पेज नंबर 26 में लिखा है कि बांध का उद्देश्य सिंचाई, जल विद्युत उत्पादन, औद्योगिक, बाढ़ नियंत्रण और अंत: स्थलीय नौ संचालन है.
Posted By : Sameer Oraon