जाम से फूल रही शहर की सांस
राजधानी रांची जाम से त्राहिमाम कर रही है. हर सड़क पर आमलोग प्रतिदिन जाम से जूझते रहते हैं. सोमवार को यह स्थिति और खराब हो जाती है, क्योंकि रविवार की छुट्टी के बाद सोमवार को सभी ऑफिस और स्कूले खुल जाते हैं.
झारखंड हाइकोर्ट की टिप्पणी के बाद भी सुधर नहीं रहे हालात
रांची़ राजधानी रांची जाम से त्राहिमाम कर रही है. हर सड़क पर आमलोग प्रतिदिन जाम से जूझते रहते हैं. सोमवार को यह स्थिति और खराब हो जाती है, क्योंकि रविवार की छुट्टी के बाद सोमवार को सभी ऑफिस और स्कूले खुल जाते हैं. सड़कों पर वाहनों का दबाव बढ़ जाता है. जाम से निबटने के लिए न तो नगर निगम के पास कोई ठोस याेजना है और न ही ट्रैफिक पुलिस का कोई प्लान. नतीजा जाम को कंट्रोल कर पाना मुश्किल होता है. झारखंड हाइकोर्ट शहर की ट्रैफिक व्यवस्था पर कई बार सख्त टिप्पणी भी कर चुका है, बावजूद इसके स्थिति जस की तस है. सुबह 9:30 से लेकर देर शाम तक शहर की सभी सड़कों पर वाहनों का बोझ काफी अधिक होता है.रातू रोड-पिस्का मोड़ :
रातू रोड पर हर दिन गाड़ियां सरकती हैं. पिस्का मोड़, लाहकोठी, कब्रिस्तान, रातू रोड चौराहा के साथ ही नागा बाबा खटाल के पास हर दिन लोग जाम में फंस रहे हैं. पिस्का मोड़ के पास ट्रैफिक अव्यवस्थित होने के कारण जाम की स्थिति हो रही है. यहां रातू रोड की ओर से पंडरा जानेवाले वाहनों को रोकने की व्यवस्था नहीं है, जिस कारण इटकी रोड से रातू रोड की ओर जानेवाले लोग फंस रहे हैं. लाहकोठी के पास सड़क निर्माण के कारण पूरी ट्रैफिक एक ओर के लेन पर आ गयी है. इस कारण गाड़ियों की लंबी कतार लग रही है. कब्रिस्तान के पास महीनों से कलवर्ट निर्माण हो रहा है, जिस कारण यहां हर दिन गाड़ियों की लाइन लगी रहती है. दूसरी तरफ रातू रोड चौराहा के आगे भी आधी सड़क पर ऑटो वालों का कब्जा रहता है. एलिवेटेड कॉरिडोर के लिए बन रहे पिलर के कारण नागा बाबा खटाल के पास सड़क की चौड़ाई कम हो गयी है. ऊपर से इसपर ऑटो से लेकर सिटी बसों का कब्जा होता है.लालपुर-रातू रोड
लालपुर से रातू रोड तक जाम लगने की मुख्य वजह सड़क किनारे बेतरतीब तरीके से खड़े वाहन हैं. साथ ही जगह-जगह सड़क को खोद कर छोड़ दिया गया है. सर्कुलर रोड में न्यूक्लियस मॉल तक दो जगह गड्ढे हैं. रांची वीमेंस कॉलेज के पास बीच सड़क पर ही गड्ढा कर छोड़ दिया गया है, जिससे आने-जानेवाले वाहनों को मुश्किल हो रही है. वहीं, इस रोड पर कई कोचिंग सेंटर भी हैं, जिस कारण सड़क किनारे ठेला और खोमचे के दर्जनाें स्टॉल सज गये हैं. इससे सड़क कई जगह काफी सिमट गयी है. साथ ही ई-रिक्शा के कारण भी जाम लग रहा है.लालपुर-बूटी मोड़
लालुपर से कोकर चौक तक जाम की मुख्य वजह डिस्टलरी पुल के पहले सड़क के किनारे सब्जी बाजार का लगना है. सब्जी बाजार में लोग खरीदारी करने के लिए सड़क किनारे वाहन खड़ा कर देते हैं, जिससे चौपहिया वाहनों को निकलने में दिक्कत होती है. वहीं, आगे बढ़ने पर शिव मंदिर के पास तिरिल जानेवाले मोड़ पर भी जाम लग जाता है. स्कूल बस टुनकी टोली और रिम्स जाने के लिए इसी मोड़ से निकलती है, जिस कारण लालपुर-कोकर सड़क पर जाम लग जाता है. यहां कई बार ट्रैफिक पुलिस के जवान भी नहीं दिखते, जिस कारण लोगों में आगे निकलने की होड़ लग जाती है और जाम लग जाता है.कांटाटोली-बूटी मोड़
कांटाटोली से बूटी मोड़ तक जाम की मुख्य वजह है सड़क किनारे फुटपाथ दुकानदारों का अतिक्रमण और जगह-जगह गड्ढे. वहीं, ऑटो चालक बीच सड़क पर ही वाहन रोक देते हैं और पैसेंजर बैठाने लगते हैं. इसके अलावा कोकर चौक के पास नो-एंट्री का समय खत्म होने के बाद भी बड़े वाहनों को प्रवेश होता है. ट्रैफिक पुलिस उनको रोकती नहीं है. इसके अलावा मदन ढाबा के आसपास और कॉम्पलेक्स के सामने वाहनों की लंबी कतार से भी जाम लग जाता है. यही स्थिति सैम्फोर्ड और क्युरेस्टा हॉस्पिटल के पास भी रहती है़डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है