गुमला : विक्षिप्त ने टांगी से पड़ोसी को काट डाला, मां और दो बच्चों को भी किया घायल

घाघरा प्रखंड के अति उग्रवाद प्रभावित तेंदार गांव में विक्षिप्त छोटेलाल उरांव ने धीरज मुंडा (42) की टांगी से काट कर हत्या कर दी. विक्षिप्त ने धीरज की पत्नी बासमती देवी (40), बेटे दशरथ मुंडा (7) और बेटी मुक्ति कुमारी (9) पर भी टांगी से हमला किया, जिससे ये सभी गंभीर रूप से घायल हो गये हैं.

By Prabhat Khabar News Desk | April 3, 2024 12:35 AM
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घाघरा प्रखंड के अति उग्रवाद प्रभावित तेंदार गांव में विक्षिप्त छोटेलाल उरांव ने धीरज मुंडा (42) की टांगी से काट कर हत्या कर दी. विक्षिप्त ने धीरज की पत्नी बासमती देवी (40), बेटे दशरथ मुंडा (7) और बेटी मुक्ति कुमारी (9) पर भी टांगी से हमला किया, जिससे ये सभी गंभीर रूप से घायल हो गये हैं. ग्रामीणों की कोशिश से आरोपी को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है. वहीं, मृतक के शव को पोस्टमार्टम के लिए और घायलों को इलाज के लिए गुमला सदर अस्पताल भेज दिया गया है. ग्रामीणों ने बताया कि छोटेलाल उरांव आंशिक रूप से विक्षिप्त है. मंगलवार दोपहर धीरज मुंडा और उसके परिवार के सभी सदस्य खाना खाकर घर के अंदर आराम कर रहे थे. छोटेलाल उसी दौरान धीरज के घर पहुंचा और जोर-जोर से दरवाजा पीटने लगा. धीरज ने दरवाजा खोला, तो छोटेलाल कहने लगा : मुझे डर लग रहा है, मुझे कहीं छिपा दो, कहीं पहुंचा दो. इतना कहते हुए छोटेलाल ने बगल में रखी हुई टांगी उठा ली और घर में मौजूद लोगों पर अंधाधुंध वार करने लगा. शरीर पर कई जगहों पर गहरे वार होने के कारण धीरज ने घटनास्थल पर ही दम तोड़ दिया. वहीं, उसकी पत्नी और दोनों बच्चे गंभीर रूप से घायल हो गये. इसके बाद छोटेलाल टांगी लेकर गांव भर में घूमता रहा. डर के मारे काफी देर तक ग्रामीण उसके नजदीक नहीं जा रहे थे. अंत में चकमा देकर ग्रामीणों ने छोटेलाल को पकड़ कर एक कमरे में बंद कर दिया. घटना की सूचना मिलते थानेदार तरुण कुमार ने दल-बल के साथ घटनास्थल पर पहुंचे. पुलिस शव को बरामद करते हुए उसे पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया. इसके बाद आरोपी को गिरफ्तार कर थाने ले गयी है.

पत्रकारों ने की घायलों की मदद :

घटना की सूचना मिलने पर कई पत्रकार गांव पहुंचे थे. तब तक सभी घायल खून से लथपथ जमीन पर पड़े थे. पुलिस घटनास्थल पर नहीं पहुंची थी. सुदूरवर्ती इलाका होने के कारण घायलों को अस्पताल पहुंचाने के लिए वाहन नहीं मिल रहा था. लगभग एक घंटे सभी घायल पड़े थे. इसके बाद पत्रकार ने अपनी निजी कार में खून से लथपथ तीनों घायलों को उठा कर बिशुनपुर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पहुंचाया.
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