Jharkhand News (हिमांशु गोप, चांडिल, सरायकेला-खरसावां) : सरायकेला- खरसावां जिला अंतर्गत चांडिल क्षेत्र के विस्थापितों ने अपनी मांगों के समर्थन में सांकेतिक जल सत्याग्रह किया. इस दौरान गांव में आये पानी में खड़े होकर जल सत्याग्रह किया. विस्थापितों का कहना है कि क्षेत्र के विकास को लेकर हर बार सरकार की ओर से आश्वासन मिलता, लेकिन हर बार आश्वासन कोरा साबित होता है. विस्थापितों के इस जल सत्याग्रह कार्यक्रम में रांची सांसद संजय सेठ ने भी सहयोग दिया.
रांची सांसद संजय सेठ सोमवार को अपने संसदीय क्षेत्र ईचागढ़ विधानसभा का दौरा किया. इस दौरान सांसद सेठ कई कार्यक्रमों में शामिल हुए. दौरे के क्रम में सांसद चांडिल डैम में अत्याधिक जलजमाव से प्रभावित हुए गांव में पहुंचे एवं ग्रामीणों से संवाद करते हुए समस्याओं से अवगत हुए. सांसद सेठ ने ग्रामीणों के साथ विरोध स्वरूप सांकेतिक जल सत्याग्रह भी किया.
सांसद श्री सेठ ने कहा कि यह बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है कि 40 साल के बाद भी ग्रामीण न्याय को तरस रहे हैं. विस्थापितों में किसी को विकास पुस्तिका नहीं मिली, तो किसी को मुआवजा नहीं मिला. आश्चर्य इस बात का है कि सरकार इस पर ध्यान नहीं दे रही है.
हर साल डैम में जल संग्रहण किये जाने के चक्कर में दर्जनों गांव के सैकड़ों घर जलमग्न हो जा रहे हैं. किसानों की फसलें बर्बाद हो रही है, लेकिन सरकार का इस तरफ ध्यान नहीं है. सांसद सेठ ने राज्य सरकार से मांग करते हुए कहा कि चांडिल डैम का पानी किसी भी कीमत पर 180 मीटर से अधिक नहीं हो. सरकार यह सुनिश्चित करे, ताकि ग्रामीणों के घरों में पानी नहीं घुसे व फसल बर्बाद नहीं हो.
इस मौके पर सांसद सेठ ने सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र चांडिल को एक एंबुलेंस भी प्रदान किया. एंबुलेंस प्रदान करने के क्रम में जिले के डीडीसी, एसडीओ सहित कई पदाधिकारी भी मौजूद थे. सांसद ने कहा कि लंबे समय से इस क्षेत्र के लोग एंबुलेंस की जरूरत महसूस कर रहे थे. सुदूरवर्ती ग्रामीण क्षेत्रों व किसी घटना-दुर्घटना की स्थिति में घायलों को लाने- ले जाने के लिए ग्रामीणों को बड़ी समस्या का सामना करना पड़ता था.
सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में एंबुलेंस मिलने के बाद ग्रामीण इस समस्या से मुक्त हो सकेंगे और जरूरत के अनुसार उन्हें एंबुलेंस उपलब्ध हो सकेगी. उन्होंने कहा कि यह एंबुलेंस ऑक्सीजन युक्त है और उच्च गुणवत्ता का है, जिसमें किसी भी परिस्थिति में मरीज को तत्काल राहत दी जा सकती है.
Posted By : Samir Ranjan.