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प्रस्ताव पारित होने पर बिफरा विपक्ष, कहा – घुसपैठियों को संरक्षण दे रही सरकार, सड़कों पर उतर कर आंदोलन करेगी पार्टी

भाजपा विधायकों ने विधानसभा से एनपीआर व एनआरसी के वर्तमान प्रारूप को लागू नहीं करने का प्रस्ताव केंद्र को भेजे जाने पर अपना विरोध जताया है. साथ ही सड़कों पर उतर कर आंदोलन करने की बात कही है. विधानसभा से प्रस्ताव पारित होने पर विधायकों ने सदन के अंदर व बाहर विरोध जताया.

रांची : भाजपा विधायकों ने विधानसभा से एनपीआर व एनआरसी के वर्तमान प्रारूप को लागू नहीं करने का प्रस्ताव केंद्र को भेजे जाने पर अपना विरोध जताया है. साथ ही सड़कों पर उतर कर आंदोलन करने की बात कही है. विधानसभा से प्रस्ताव पारित होने पर विधायकों ने सदन के अंदर व बाहर विरोध जताया. साथ ही सरकार के खिलाफ नारेबाजी की. भाजपा विधायक अनंत ओझा ने कहा कि सरकार वोट बैंक की राजनीति कर रही है. सरकार ने पिछले दरवाजे से प्रस्ताव लाकर तुष्टिकरण की राजनीति करने का काम किया है. विधायक रणधीर सिंह ने कहा कि सरकार ने इस मुद्दे पर कार्यमंत्रणा की बैठक में भी चर्चा नहीं की.

गिलोटिन से बजट पास कराने के बाद चुपके से प्रस्ताव पारित कराना अनुचित है. इस पर सदन में चर्चा होनी चाहिए. सरकार के इस कदम के खिलाफ पार्टी सड़क पर उतर कर आंदोलन करेगी. विधायक अमर बाउरी ने कहा कि सरकार घुसपैठियों को संरक्षण देने का काम कर रही है. इसका हर स्तर पर विरोध किया जायेगा. विधायक भानु प्रताप शाही ने कहा कि झामुमो सरकार दोहरी नीति अपना रही है. एक तरफ राज्य में 1932 का खतियान लागू करने की बात कर रही है. वहीं दूसरीw तरफ एनपीआर का विरोध किया जा रहा है, जो अनुचित है. वोट बैंक की राजनीति के तहत सरकार ने यह कदम उठाया है.

झामुमो के वोट की राजनीति, 32 का खतियान लागू करने की बात, वहीं एनपीआर से गुरेज : बाबूलाल

रांची . भाजपा विधायक दल के नेता बाबूलाल मरांडी ने विधानसभा से एनपीआर व एनआरसी के वर्तमान प्रारूप को लागू नहीं करने का प्रस्ताव केंद्र को भेजे जाने पर विरोध जताया है. उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री व गृहमंत्री लोकसभा में स्पष्ट कर चुके हैं कि इससे किसी नागरिक को दिक्कत नहीं है. एनपीआर में तो लोगों से सिर्फ जानकारी मांगी गयी है. यह पहली बार नहीं हो रहा है. वर्ष 2010 व 2015 में भी हुआ. इसमें कहा गया कि जो भी जानकारी मांगी जा रही है, जिसके पास है वे देंगे.

जिसके पास नहीं है वे नहीं देंगे. किसी पर संदेह नहीं किया जायेगा. इसके बाद संकल्प को लाना, वोट की राजनीति है. झामुमो की सरकार डबल स्टैंडर्ड की बात करती है. एक तरफ झामुमो 1932 के खतियान की बात कर रहा है. वहीं दूसरी तरफ एनपीआर से गुरेज कर रहे हैं. एनपीआर में तो सिर्फ पिछली पीढ़ी की ही बात हो रही है. इसको बताने में परेशानी क्या है? सरकार स्पष्ट करना चाहिए कि क्या वे घुसपैठिये के पक्षकार हैं? यह भी बताना चाहिए कि इनके चिह्नितीकरण के लिए सरकार के पास क्या मैकेनिज्म है.

जनता की मांग को सरकार ने पूरा किया

इधर विधायक बंधु तिर्की ने कहा कि राज्य में एनपीआर व एनआरसी को लेकर लगातार विरोध हो रहे हैं. सरकार ने लोगों की अपेक्षाओं के अनुरूप कदम उठाया है. इसके लिए सरकार व मुख्यमंत्री बधाई के पात्र हैं. कांग्रेस विधायक इरफान अंसारी ने कहा कि पार्टी की ओर से पहले ही एनपीआर व एनआरसी के वर्तमान प्रारूप का के खिलाफ विधानसभा से प्रस्ताव पारित कर केंद्र को भेजने के लिए सरकार से आग्रह किया गया था. मुख्यमंत्री ने इस कदम से झारखंड के लोगों में हर्ष है.

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