रांची. राज्यपाल सीपी राधाकृष्णन ने विधानसभा से पारित झारखंड वित्त विधेयक-2022 को लौटा दिया है. विधानसभा ने इस विधेयक में संशोधन किया था, जिस पर राज्यपाल ने आपत्ति जतायी है. शुक्रवार को सदन की कार्यवाही शुरू होते ही इसकी सूचना स्पीकर रबींद्र नाथ महतो ने सदन को दी. स्पीकर ने इस विधेयक को लौटाये जाने से संबंधित राज्यपाल के संदेश पढ़े. यह विधेयक चौथी बार सरकार को लौटायी गयी है. पूर्व राज्यपाल रमेश बैस ने भी इस विधेयक को तीन बार लौटाया था. राज्यपाल सीपी राधाकृष्णन ने अपने संदेश में कहा है कि इस विधेयक को लेकर भारत सरकार के अटॉनी जनरल से राय ली गयी है. राज्य सरकार ने विधेयक में जो संशोधन किये हैं, वह केंद्रीय सूची का मामला है. यह केंद्र के क्षेत्राधिकार में आता है. कस्टम बांड केंद्रीय सूची में है. इसमें राज्य सरकार को संशोधन का अधिकार नहीं है. राज्यपाल ने विधेयक की धारा -30 पर भी आपत्ति दर्ज की है. राज्यपाल की ओर से कहा गया है कि इससे अटॉनी जनरल और इंडियन बार एक्ट प्रभावित होता है. इधर पहले दिन सदन में विधायकों ने दिवंगत विभूतियों को याद किया. शोक प्रकट के साथ ही सदन की कार्यवाही स्थगित की गयी. वहीं सदन के बाहर विपक्ष आक्रामक रहा. बांग्लादेशी घुसपैठ के मामले को लेकर प्रदर्शन किया और सरकार के खिलाफ नारेबाजी की. विधायकों का कहना था कि राज्य सरकार घुसपैठियों को संरक्षण दे रही है. संताल परगना की पूरी डेमोग्राफी बदल गयी है. आदिवासियों का अस्तित्व खतरे में है. विपक्ष के तेवर से साफ है कि सदन में यह मुद्दा गरमाने वाला है.
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