कोरोना से बचाव के लिए स्वास्थ्य सचिव ने मेडिकल कॉलेज-अस्पतालों के प्राचार्य, अधीक्षक व सिविल सर्जनों को गाइडलाइन भेजी
कोरोना संक्रमण से बचाव और इलाज के लिए आइवरमेक्टिन टैबलेट देने के लिए स्वास्थ्य विभाग की ओर से एक गाइडलाइन जारी की गयी है
रांची : कोरोना संक्रमण से बचाव और इलाज के लिए आइवरमेक्टिन टैबलेट देने के लिए स्वास्थ्य विभाग की ओर से एक गाइडलाइन जारी की गयी है. स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव डॉ नितिन कुलकर्णी ने सभी मेडिकल कॉलेज अस्पतालों के प्राचार्य और अधीक्षकों और सिविल सर्जनों को संबंधित गाइडलाइन भेज दी है.
गाइडलाइन के मुताबिक, कोरोना मरीजों के सीधे संपर्क में आनेवाले को इस बीमारी से बचाने के लिए पहले और सातवें दिन रात में भोजन के करीब दो घंटे बाद 200 माइक्रो ग्राम/प्रति केजी शारीरिक वजन के हिसाब से अधिकतम 12 एमजी आइवरमेक्टिन टैबलेट की खुराक दी जायेगी.
इसके अलावा कोविड 19 के इलाज व नियंत्रण में लगे स्वास्थ्य कर्मियों को पहले, सातवें और 30वें दिन 12 एमजी आइवरमेक्टिन टैबलेट की खुराक दी जानी है. प्रत्येक माह इसकी खुराक स्वास्थ्य कर्मियों को दो जानी है.
इसी तरह कोविड पॉजिटिव मरीजों के इलाज के लिए इस टैबलेट को पहले तीन दिनों तक रात में एक बार भोजन के दो घंटे बाद दिया जाना है. इसके अलावा डॉक्सीसाइक्लिन 100 एमजी दिन में दो बार पांच दिनों तक देना है. गाइडलाइन के मुताबिक, इस टैबलेट को गर्भवती महिलाओं व दो वर्ष से कम आयु के बच्चों नहीं देना है.
गौरतलब है कि 21 सितंबर को निदेशक प्रमुख की अध्यक्षता में आइवरमेक्टिन टैबलेट की भूमिका पर चर्चा की गयी थी. स्टेट क्लीनिकल मैनेजमेंट कमेटी अॉफ कोविड 19/सेंटर अॉफ एक्सीलेंस रिम्स के तकनीकी विशेषज्ञों के साथ हुई बैठक में इस दवा के प्रयोग की अनुमति दी गयी. बैठक में आइडीएसपी के नोडल अफसर डॉ राकेश दयाल, स्टेट डेमोलॉजिस्ट डॉ प्रवीण कर्ण एवं डब्ल्यूएचओ के डॉ अमरेंद्र कुमार भी थे.
posted by : sameer oraon