लॉकडाउन में बिगड़े व्यवसायियों के हालात

रांची : कोरोना की वजह से जारी लॉकडाउन ने सभी इंडस्ट्री को हताश कर दिया है. पिछले कई दिनों से जीवन के लिए जरूरी कुछ दुकानों को छोड़कर पूरे राज्य की दुकानें बंद हैं. दुकान, फैक्ट्रियां आदि बंद रहने के कारण वहां काम करने वाले और इससे जुड़े लोग घर बैठने को मजबूर हो गये […]

By Prabhat Khabar News Desk | April 15, 2020 4:32 AM

रांची : कोरोना की वजह से जारी लॉकडाउन ने सभी इंडस्ट्री को हताश कर दिया है. पिछले कई दिनों से जीवन के लिए जरूरी कुछ दुकानों को छोड़कर पूरे राज्य की दुकानें बंद हैं. दुकान, फैक्ट्रियां आदि बंद रहने के कारण वहां काम करने वाले और इससे जुड़े लोग घर बैठने को मजबूर हो गये हैं. इन सबके बीच रोज कमाने-खाने वाले बड़े विकट के दौर से गुजर रहे हैं. इधर झारखंड चैंबर ऑफ कामर्स ने केंद्र के साथ ही मुख्यमंत्री से ऐसे परिवारों के लिए जरूरी राशन और आर्थिक पैकेज मांगा है.

विशेषकर एसएमई व एमएसएमई सेक्टर के लिए छह माह के लिए दो या तीन प्रतिशत की न्यूनतम ब्याज दर पर राहत पैकेज की डिमांड की गयी है. कोटकोरोना के संक्रमण से लड़ने के लिए वे राज्य सरकार के साथ खड़े हैं और इसके लिए सरकार के प्रयासों की सराहना भी करते हैं. झारखंड में अवस्थित औद्योगिक इकाइयों को न्यूनतम श्रम शक्ति और समुचित सुरक्षा-स्वच्छता मापदंडों के शर्तों के साथ खोलने की पहल करनी चाहिए. कुणाल अजमानी, अध्यक्ष, चेंबर ऑफ कामर्सकर्मचारियों से ही हमारे व्यापार-उद्योग का संचालन संभव है. एक सहयोगी की तरह हम अपने कर्मचारियों के सुख दुःख के साथी हैं.

ससमय उनका वेतन मिले, उन्हें खानपान की समस्या न हो, इसके हरसंभव उपाय किये जा रहे हैं. पैसों से लेकर राशन तक की सहायता सुलभ करायी जा रही है.दीपक कुमार मारू, पूर्व अध्यक्ष, एफजेसीसीआईलॉकडाउन के दौरान अपने कर्मचारियों के साथ हम एक सहयोगी की भूमिका में कार्यरत हैं. मेरे प्रतिष्ठान में कुल 180 कर्मचारी कार्यरत हैं, सभी को मार्च माह के वेतन का भुगतान किया जा चुका है. हम अपने सामाजिक दायित्वों का निर्वहन करते हुए लॉकडाउन जारी रहने तक अपने कर्मचारियों को अपना हरसंभव सहयोग देने के लिए वचनबद्ध हैं.धीरज तनेजा, महासचिव, एफजेसीसीआईमेरे प्रतिष्ठान में 12 कर्मचारी कार्यरत हैं, वैश्विक त्रासदी के दौरान किसी को कठिनाई नहीं हो, इसका पूरा ख्याल रखा जा रहा है. कर्मचारियों को मार्च महीने का कुल वेतन समयानुसार उन्हें दे दिया गया है. जीवीकोपार्जन में उन्हें कोई कठिनाई नहीं हो, इसका भी पूरा ख्याल रखा जा रहा है.

अनिल अग्रवाल, कार्यकारिणी सदस्य, एफजेसीसीआई

Next Article

Exit mobile version