प्रभात खबर से बोले ओरिएंटल इंश्योरेंस के सीआरएम मनोज कुमार सिंह, ग्राहकों की बीमा जरूरतों को समझती है कंपनी
द ओरिएंटल इंश्योरेंस कंपनी लिमिटेड (पटना सर्किल) के मुख्य क्षेत्रीय प्रबंधक मनोज कुमार सिंह ने प्रभात खबर से बातचीत में कहा कि स्वास्थ्य बीमा सबसे लोकप्रिय बीमा प्लान में से एक है. ये पॉलिसी चिकित्सा संबंधी आपात स्थितियों से बचाती है.
रांची: द ओरिएंटल इंश्योरेंस कंपनी लिमिटेड (पटना सर्किल) के मुख्य क्षेत्रीय प्रबंधक मनोज कुमार सिंह झारखंड दौरे पर रांची आये थे. उनके साथ क्षेत्रीय प्रबंधक राजकुमार यादव, क्षेत्रीय प्रबंधक एसपी सिंह, वरीय व्यवसाय प्रबंधक रांची अजय कुमार टोप्पो और बिजनेस एसोसिएट वीरेंद्र चक्रवर्ती मौजूद थे. इस दौरान प्रभात खबर के वरीय संवाददाता बिपिन सिंह ने मनोज कुमार सिंह से बीमा क्षेत्र से जुड़े विभिन्न विषयों पर बातचीत की. पेश हैं बातचीत के मुख्य अंश-
सवाल : किसी भी व्यक्ति के लिए बीमा लेना कितना जरूरी है?
जवाब : अगर आपका परिवार आपकी आय पर निर्भर है, तो बीमा लेना जरूरी हो जाता है. बीमा आपके जीवन के रिस्क फैक्टर को कम करता है. आप तनाव मुक्त रहकर बेहतर जिंदगी बीता सकते हैं.
सवाल : बाजार में कई विकल्प हैं, फिर ओरिएंटल इंश्योरेंस ही क्यों?
जवाब : हमने अपने कुछ पोर्टफोलियो में 98% क्लेम सेटलमेंट के बल पर ग्राहकों के बीच एक मजबूत और विश्वसनीय पहचान बनाते हुए बड़ी सफलता हासिल की है. क्लाइंट्स की जरूरत के आधार पर योजना तैयार करना, नुकसान के बाद त्वरित भुगतान का प्रयास, कारोबार री-स्टोर करने में न्यूनतम वक्त जाया करना आदि हमारी खूबियां हैं. हम सरकारी कंपनी हैं और लोगों को इस सरकार पर भरोसा है.
सवाल : जीवन बीमा के बाद स्वास्थ्य बीमा की स्वीकार्यता सबसे ज्यादा बढ़ी है, इस बारे में आप क्या कहेंगे?
जवाब : स्वास्थ्य बीमा सबसे लोकप्रिय बीमा प्लान में से एक है. स्वास्थ्य बीमा पॉलिसी हमें चिकित्सा संबंधी आपात स्थितियों से बचा सकती है. अन्यथा सारे सेविंग्स के पैसे महंगे इलाज में खत्म हो सकते हैं. कोविड-19 के बुरे दौर के बाद स्वास्थ्य सेवाओं की बढ़ती लागतों को देखते हुए चिकित्सा संबंधी आपात स्थितियों के लिए स्वास्थ्य बीमा पॉलिसी लेने को लेकर मान्यता बढ़ी है.
सवाल : कंपनी के लिए लोकप्रिय सेक्टर कौन सा है?
जवाब : आप ओरिएंटल इंश्योरेंस द्वारा प्रदान किये गये विभिन्न विकल्पों में से अपने लिए बेहतरीन स्वास्थ्य बीमा योजना चुन सकते हैं. इसकी लोकप्रियता का अंदाजा आप इस बात से लगा सकते हैं कि 50% प्रीमियम राशि हेल्थ सेक्टर से ही है. क्लेम सेटलमेंट रेशियो, न के बराबर आवेदनों को खारिज करना, न्यूनतम रिस्ट्रिक्शंस और क्वालिटी एंड क्विक सर्विस के दम पर हमने इसे सरल बनाते हुए इसे पारदर्शी रूप से विश्वसनीय बनाया है.
सवाल : बिहार-झारखंड में क्या संभावनाएं हैं
जवाब : महाराष्ट्र और गुजरात जैसे राज्य ने पूरे भारत में स्वास्थ्य बीमा प्रीमियम का एक प्रमुख हिस्सा दर्ज किया है. बिहार-झारखंड में बड़ी संभावनाएं हैं, कोविड-19 के बाद अब यहां भी लोग हेल्थ इंश्योरेंस को लेकर चर्चा करने लगे हैं. उनकी पॉलिसियों को जानने और समझने लगे हैं.
सवाल : इस क्षेत्र को लेकर आपकी कोई विशेष योजना?
जवाब : हर साल बीमा विनियामक और विकास प्राधिकरण (आइआरडीए) सभी जीवन बीमाकर्ताओं के क्लेम सेटलमेंट अनुपात के साथ-साथ नियम और शर्तों को जारी करते हैं. ओरिएंटल अब खुद से किसी जिला विशेष को लेकर भी प्लान तैयार कर सकता है. हमें इसके लिए अप्रूवल का इंतजार नहीं करना पड़ता. इस कारण बीमा योजना के लिए बड़ी कंपनियां भी हमें प्राथमिकता देती हैं. हम झारखंड में फसल बीमा योजना से जुड़े थे. दो साल में 200 करोड़ प्रीमियम के तौर पर लिया, जबकि 450 करोड़ से ज्यादा का क्लेम स्थानीय लोगों को चुकाया.
जवाब : क्या कंपनी अपने घाटे से ऊबर चुकी है, प्रॉफिट से कितनी दूर है?
जवाब : ओरिएंटल प्रबंधन प्रीमियम अपेक्षाओं के बल पर वित्तीय वर्ष 23-24 के दौरान प्रॉफिट दे चुका है. प्रीमियम में ग्रोथ के साथ ही इन्वेस्टमेंट प्रॉफिट अच्छा रहा है. हमने 37 करोड़ का लाभ अर्जित किया है. सभी क्षेत्रीय कार्यालय ने खुद को री-ऑर्गनाइज्ड किया है. नुकसान वाली कुछ नजदीकी शाखा को मर्ज कर सेवाओं और लाभ को और बेहतर बनायेंगे. अन्य लागतों में कटौती करके खर्च कम करने के साथ ही कंपनी ने हर सेक्टर में वृद्धि का लक्ष्य रखा है.
सवाल : स्वास्थ्य और जीवन बीमा पर जीएसटी दर 18 फीसदी से कम करने का दबाव है?
जवाब : चर्चा है कि स्वास्थ्य और जीवन बीमा पर जीएसटी दरें 18 फीसदी के रूप में बहुत ज्यादा है, जबकि बीमा लोगों के लिए बहुत ही जरूरी है. ऐसे में जीएसटी की दरों से राहत मिलने का सीधा फायदा ग्राहकों को तो मिलेगा ही. साथ ही कंपनी के सामने भी बड़ी संख्या में ग्राहक बेस कीमतें कम होने से आकर्षित होंगे.
Also Read: Onion Price: रांची में आठ जगहों पर 35 रुपए किलो प्याज, उपभोक्ता मामलों की सचिव निधि खरे का निर्देश
Also Read: Good News: झारखंड के आंगनबाड़ी केंद्रों में बच्चों को मिलने लगे अंडे, इनकी पहल लायी रंग
Disclaimer: शेयर बाजार से संबंधित किसी भी खरीद-बिक्री के लिए प्रभात खबर कोई सुझाव नहीं देता. हम बाजार से जुड़े विश्लेषण मार्केट एक्सपर्ट्स और ब्रोकिंग कंपनियों के हवाले से प्रकाशित करते हैं. लेकिन प्रमाणित विशेषज्ञों से परामर्श के बाद ही बाजार से जुड़े निर्णय करें.