प्रवासी मजदूरों और छात्रों को लाने की प्रक्रिया : जरूरत पड़ी, तो लोगों को हवाई जहाज से भी लायेंगे – हेमंत सोरेन
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा कि राज्य सरकार लॉकडाउन में फंसे हर झारखंडी को वापस लाने के प्रयास में जुटी है. तीन लाख लोगों का डाटा तैयार है. बहुत जल्द पड़ोसी राज्यों बिहार, प बंगाल, ओड़िशा, छत्तीसगढ़ और यूपी में फंसे प्रवासी मजदूरों व छात्रों को बस से लाने की प्रक्रिया शुरू कर दी जायेगी. सीएम ने उम्मीद जतायी है कि केंद्र सरकार इन्हें लाने के लिए विशेष ट्रेन चलायेगी
रांची : मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा कि राज्य सरकार लॉकडाउन में फंसे हर झारखंडी को वापस लाने के प्रयास में जुटी है. तीन लाख लोगों का डाटा तैयार है. बहुत जल्द पड़ोसी राज्यों बिहार, प बंगाल, ओड़िशा, छत्तीसगढ़ और यूपी में फंसे प्रवासी मजदूरों व छात्रों को बस से लाने की प्रक्रिया शुरू कर दी जायेगी. सीएम ने उम्मीद जतायी है कि केंद्र सरकार इन्हें लाने के लिए विशेष ट्रेन चलायेगी. सीएम ने यहां तक कहा कि जरूरत पड़ी, तो राज्य सरकार हवाई जहाज से फंसे लोगों को वापस लाने की पहल करेगी. उन्होंने कहा कि नोडल अफसरों की पूरी टीम केंद्र सरकार के अधिकारियों के साथ संपर्क में हैं. श्री सोरेन गुरुवार को प्रोजेक्ट भवन में पत्रकारों से बातचीत कर रहे थे.
सीएम ने कहा कि अधिक दूरी वाले राज्यों जैसे – गुजरात, महाराष्ट्र, तमिलनाडु, आंध्र प्रदेश, केरल के लिए विशेष ट्रेन चलाने की संभावना बढ़ी है. अभी इस पर अंतिम निर्णय की जानकारी नहीं मिली है. वहीं, कोटा, इंदौर, पुणे, हैदराबाद या दक्षिण भारत में फंसे छात्रों के अभिभावक अपने संबंधित जिले के उपायुक्त से इंटर-स्टेट परिवहन के लिए जल्द पास प्राप्त करके अपने संसाधन से छात्रों को लाने जा सकते हैं. सरकार ने सभी उपायुक्तों को इस संबंध में दिशा-निर्देश जारी कर दिया है.
आवागमन के लिए मेडिकल प्रोटोकॉल का पालन करना होगा : राज्य के अंदर फंसे लोगों को भी आवागमन की इजाजत मिलेगी मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने गुरुवार को कोल्हान और पलामू प्रमंडल के सांसदों व विधायकों के साथ गुरुवार को वीडियो काॅन्फ्रेंसिंग की. इस दौरान उन्होंने कहा कि झारखंड सरकार हर हाल में दूसरे राज्यों में फंसे प्रवासी श्रमिकों और छात्रों को वापस लायेगी. इसके साथ ही राज्य में अलग-अलग जगह फंसे हुए लोगों के भी आवगमन की इजाजत सरकार देगी. मुख्यमंत्री ने कहा कि पूरे राज्य में कोरोना से लड़ रहे डाॅक्टरों, मेडिकल स्टाफ, पुलिसकर्मियों, पंचायतीराज व्यवस्था के प्रतिनिधियों, सामाजिक संगठनों का कार्य सराहनीय है. मुख्यमंत्री ने कहा कि श्रमिकों के लिए राज्य सरकार रोजगार की व्यवस्था करने के लिए कार्य योजना कर रही है.
मुख्यमंत्री ने कहा कि मौसम की वजह से किसानों की फसलों का जो नुकसान हुआ है, उसके आकलन का निर्देश दिया गया है.टीकाकरण न रुके, सभी को अनाज मिलेमुख्यमंत्री ने जनप्रतिनिधियों से कहा कि लॉकडाउन में टीकाकरण कार्य नहीं रुके. सभी जनप्रतिनिधि अपने क्षेत्र में राशन वितरण सही से हो यह सुनिश्चित करें. सीएम ने कहा कि जनप्रतिनिधि अपने स्तर से बाहर से आनेवाले लोगों की पहचान कर प्रशासन को सूचित करें, जिससे संक्रमण के फैलाव को रोका जा सके.
बैठक में ये लोग थे मौजूद : मुख्यमंत्री के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के दौरान जमशेदपुर पूर्वी विधायक सरयू राय, चाईबासा के विधायक दीपक बिरुवा, चक्रधरपुर विधायक, पोटका विधायक, घाटशिला विधायक, मनोहरपुर विधायक, विश्रामपुर विधायक रामचंद्र चंद्रवंशी, गढ़वा विधायक सह पेयजल मंत्री मिथिलेश ठाकुर, विधायक दशरथ गगराई, लातेहार विधायक बैजनाथ राम और जमशेदपुर के सांसद विद्युत वरण महतो ने भी अपनी बात रखी. इस दौरान सीएम के प्रधान सचिव राजीव अरुण एक्का,ओएसडी गोपालजी तिवारी, प्रेस सलाहकार अभिषेक प्रसाद व अन्य उपस्थित थे
पहले चरण में ऐप पर निबंधित तीन लाख मजदूरों को लाने की तैयारी : पहले चरण में उन प्रवासी मजदूरों को झारखंड वापस लाने का प्रयास किया जायेगा, जो ‘मुख्यमंत्री विशेष सहायता योजना मोबाइल ऐप’ पर निबंधित हैं. ऐसे मजदूरों की संख्या करीब तीन लाख है. गुरुवार को मुख्य सचिव सुखदेव सिंह की अध्यक्षता में हुई राज्य सरकार द्वारा बनाये गये नोडल अफसरों की बैठक में यह जानकारी सामने आयी है. बताया गया कि बैठक में आये सुझाव मुख्यमंत्री के पास भेजे जायेंगे. मुख्यमंत्री ही इस पर अंतिम निर्णय लेंगे. कहा गया कि जो लोग मोबाइल ऐप पर निबंधित नहीं हैं (विद्यार्थी और पर्यटक), उनके निबंधन के लिए एक गूगल शीट तैयार की जायेगी, जो एक-दो दिनों में जारी कर दी जायेगी. कहा गया कि कोई अभिभाव अगर अपने बच्चे को अपनी कार या अन्य वाहन से लाने के लिए जाना चाहते हैं, तो वे अपने जिले के उपायुक्त से वाहन पास ले लेंगे.
नोडल अफसर संबंधित राज्य में भी बात कर लेंगे : सीएम के साथ आज परिवहन मंत्री की बैठक प्रवासी मजदूरों और छात्रों को वापस लाने के मुद्दे पर गुरुवार रात पूछने पर परिवहन मंत्री चंपई सोरेने ने कहा कि इसका तरीका क्या होगा, इस पर अभी निर्णय नहीं हुआ है. शुक्रवार दोपहर तीन बजे मुख्यमंत्री के साथ बैठक होगी. इसमें प्रवासी मजदूरों और विद्यार्थियों वापस लाने के तरीके पर निर्णय लिया जायेगा. उधर, गुरुवार को परिवहन सचिव के रवि कुमार ने अपने मातहत अधिकारियों के साथ सभी जिलों के डीटीओ से वीडियो काॅन्फ्रेंसिंग के जरिये बात की और उन्हें प्रवासियों को लाने के मुद्दे पर तैयार रहने को कहा गया. सरकार का निर्देश मानेंगे : बस ओनर्स एसोसिएशनरांची बस ओनर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष कृष्णमोहन सिंह ने कहा कि बसों के परिचालन के लिए सरकार जिस प्रकार निर्देश देगी, हमें मान्य होगा.
लेकिन, इससे हर बस में सवारी पहले की अपेक्षा आधी हो जायेगी. ऐसे में बस मालिकों के लिए भाड़ा बढ़ाना मजबूरी होगी. रांची के विभिन्न बस स्टैंड से लगभग 3500 बसों का परिचालन होता है. इधर, सूचना है कि पांच बसों को साहिबगंज जिले से पश्चिम बंगाल भेजा गया है. वहां फंसे मजदूरों को चिकित्सकीय सहित अन्य प्रक्रिया पूरी कर वापस लाया जायेगा. यहां लाने के बाद सभी का फिर से चिकित्सकीय जांच कराया जायेगा.
बड़ी संख्या में मजदूर लौटेंगे, तैयारी करें : सचिवग्रामीण विकास विभाग के प्रधान सचिव अविनाश कुमार ने सभी उपायुक्तों व उप विकास आयुक्तों को निर्देश दिया है कि वे लॉकडाउन के बाद की स्थिति से निबटने के लिए तैयार रहें. जिला प्रशासन के साथ गुरुवार को वीडियो काॅन्फ्रेंसिंग के दौरान उन्होंने कहा कि लॉकडाउन के बाद बड़ी संख्या में दूसरे राज्यों से मजदूरों के यहां पहुंचने की संभावना है. ऐसे में उन्हें रोजगार देने की दिशा में आवश्यक तैयारी कर ली जाये.
कर्नाटक में फंसे लोग करें इनसे संपर्क : कर्नाटक सरकार ने वहां फंसे झारखंड के लोगों की मदद के लिए आइपीएस सीमांत कुमार सिंह को नोडल अफसर बनाया है. श्री सिंह रांची निवासी हैं तथा लॉकडाउन प्रारंभ होने से अब तक लगातार उन्होंने झारखंड के प्रवासियों को मदद की है. मोबाइल नंबर 9480800021 पर उनसे संपर्क किया जा सकता है.