सात वर्ष या उससे कम सजा पानेवाले 18 बंदी रिहा हुए
रांची : सात वर्ष व उससे कम सजा पानेवाले अंडर ट्रायल (विचाराधीन) बंदियों को रिहा करने की प्रक्रिया सोमवार को शुरू की गयी थी. गुरुवार को सीजेएम की अदालत से पांच, एसीजेएम वैशाली श्रीवास्तव की अदालत से 10 व न्यायिक दंडाधिकारी अभिषेक प्रसाद की अदालत से तीन कुल 18 बंदियों को 45 दिनों की अंतरिम […]
रांची : सात वर्ष व उससे कम सजा पानेवाले अंडर ट्रायल (विचाराधीन) बंदियों को रिहा करने की प्रक्रिया सोमवार को शुरू की गयी थी. गुरुवार को सीजेएम की अदालत से पांच, एसीजेएम वैशाली श्रीवास्तव की अदालत से 10 व न्यायिक दंडाधिकारी अभिषेक प्रसाद की अदालत से तीन कुल 18 बंदियों को 45 दिनों की अंतरिम जमानत पर सशर्त रिहा किया गया. गौरतलब है कि सोमवार को सीजेएम की अदालत ने दो मामलों की सुनावई करते हुए दो बंदियों को रिहा कर दिया था. इस प्रकार 121 बंदियों में अब तक कुल 20 बंदियों को रिहा किया जा चुका है.
मालूम हो कि नौ अप्रैल को झालसा के कार्यपालक अध्यक्ष एचसी मिश्रा की अध्यक्षता में उच्च स्तरीय कमेटी की बैठक हुई थी. इसमें मुख्य सचिव सुखदेव सिंह व जेल आइजी शशि रंजन भी शामिल थे. इसमें सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर बंदियों को अंतरिम जमानत या जमानत पर छोड़े जाने संबंधी पत्र डालसा को भेजा गया था. न्यायायुक्त सह डालसा अध्यक्ष नवनीत कुमार ने जेल अधीक्षक को वैसे बंदियों की सूची तैयार करने का निर्देश दिया था. उसी के आलोक में बंदियों को जमानत पर रिहा किया जा रहा है. यह जानकारी डालसा सचिव अभिषेक कुमार ने दी. जेल में विचाराधीन बंदियों की संख्या ज्यादा होने के कारण सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर झालसा ने इस मामले में संज्ञान लिया और कोविड-19 महामारी को ध्यान में रखते हुए जेल में विचाराधीन बंदियों की संख्या कम करने के आदेश पारित किया था.