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देश से आधी है झारखंड में प्रति व्यक्ति दूध की खपत

राज्य गठन के बाद झारखंड में दूध उत्पादन तेजी से बढ़ा है. इसके बावजूद यहां के लोगों को जरूरत भर दूध नहीं मिल रहा है. प्रति व्यक्ति दूध की खपत राष्ट्रीय औसत से आधे के करीब ही है. इसके पीछे कई कारण हैं.

मनोज सिंह (रांची).

राज्य गठन के बाद झारखंड में दूध उत्पादन तेजी से बढ़ा है. इसके बावजूद यहां के लोगों को जरूरत भर दूध नहीं मिल रहा है. प्रति व्यक्ति दूध की खपत राष्ट्रीय औसत से आधे के करीब ही है. इसके पीछे कई कारण हैं. यहां के जनजातीय लोगों में दूध पीने को लेकर बहुत जागरूकता नहीं है. यहां आज भी दूसरे राज्यों से दूध आ रहा है. राज्य गठन के समय झारखंड में दूध का उत्पादन मात्र नौ लाख मीट्रिक टन के आसपास था. आज यह बढ़कर 33 लाख एमटी के आसपास पहुंच गया है. चालू वित्त वर्ष में इसको 36 लाख एमटी करने का लक्ष्य रखा गया है. झारखंड में प्रति व्यक्ति दूध की खपत 197 ग्राम के आसपास ही है. जबकि दूध खपत का राष्ट्रीय औसत 444 ग्राम है. राज्य सरकार ने 2024-25 में इसको 237 ग्राम तक ले जाने का लक्ष्य रखा है. इसके लिए कृषि, पशुपालन एवं सहकारिता विभाग कई प्रयास कर रहा है.

करीब तीन लाख लीटर का डेयरी प्लांट चल रहा :

राज्य गठन के समय यहां दूध का प्रोसेसिंग यूनिट नहीं था. संयुक्त बिहार के समय ‘सुधा’ ब्रांड का दूध यहां आता था. इसकी खपत थी. राज्य गठन के बाद यहां झारखंड मिल्क फेडरेशन का गठन किया गया. नेशनल डेयरी डेवलपमेंट बोर्ड की सहयोग से यहां ‘मेधा’ डेयरी स्थापित किया गया. रांची में एक लाख लीटर का प्रोसेसिंग प्लांट लगाया गया. 24 वर्षों में यहां तीन लाख लीटर के करीब का प्रोसेसिंग प्लांट चालू हो गया है. रांची के अतिरिक्त लातेहार में 10 हजार, देवघर में 20, कोडरमा में 10, साहिबगंज में 50, पलामू में 50 तथा देवघर में 50 हजार लीटर का प्रोसेसिंग प्लांट चल रहा है.

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