रांची. रांची विवि पहुंची नैक टीम ने शुक्रवार को दूसरे दिन भी निरीक्षण कार्य जारी रखा. इससे पूर्व अहले सुबह टीम के कुछ सदस्यों ने अलग-अलग हिस्सों में बंट कर पीजी विभाग अंतर्गत मनोविज्ञान, अर्थशास्त्र, इतिहास, राजनीतिशास्त्र, आइएमएस आदि का निरीक्षण किया. विभाग का प्रेजेंटेशन देखने के बाद भौतिक निरीक्षण भी किया. कॉमर्स और आर्कियोलॉजी सहित कई अन्य विभागों के शिक्षकों और कर्मचारियों ने अपने-अपने विभाग में देर शाम तक बैठ कर निरीक्षण का इंतजार भी किया.
वेतन निर्धारण वर्षों से लंबित रखने की शिकायत की
अपराह्न में टीम ने शिक्षकों व कर्मचारियों से शहीद स्मृति भवन में इंटरैक्शन किया. सदस्यों ने पूछा कि आप लोगों की कुछ समस्याएं हैं, तो बतायें. कर्मचारियों की तरफ से अर्जुन राम, नइमा खातून और मनोज महतो ने कहा कि विवि स्तर से कोई समस्याएं नहीं हैं, बल्कि उनकी समस्याएं निदेशालय/विभाग के स्तर पर लंबित रह जा रही हैं. खास कर वेतन निर्धारण वर्षों से लंबित रखा गया है. कर्मचारियों ने हेल्थ इंश्योरेंस की सुविधा लागू कराने की भी मांग की. वहीं टीम ने ग्रुप इंश्योरेंस व रिंबर्स की सुविधा के बारे में जानकारी मांगी. वहीं शिक्षकों में डॉ आरके शर्मा ने कैंब्रिज विवि प्रेस से उनकी छपी दो पुस्तकें, डॉ राजकुमार सिंह ने इटली से मिली फेलोशिप और डॉ पूनम सहाय ने अमेरिका, हांगकांग व यूरोप में पेपर प्रेजेंटेशन की जानकारी दी. जिसे टीम के सदस्यों ने सराहा. कई शिक्षकों ने 50 वर्ष की उम्र के बाद रिसर्च फेलो की राशि यूजीसी द्वारा नहीं देने का मुद्दा उठाया.
क्लास रूम में छात्रों से किया संवाद
टीम के सदस्यों ने कई पीजी विभागों में निरीक्षण के दौरान नामांकन, उपस्थिति, शिक्षकों की स्थिति, पीएचडी कार्य, लाइब्रेरी के बारे में जानकारी ली. पीपीटी की हार्ड कॉपी देखी. टीम के सदस्यों ने शिक्षकों से एकेडमिक कंट्रीब्यूशन के बारे में जानकारी मांगी. टीम के सदस्य कई विभागों में क्लास रूम में घुस गये व विद्यार्थियों की अच्छी उपस्थिति देखकर पूछा कि आप लोग प्रतिदिन आते हैं या फिर आज ही बुलाया गया है. इस पर छात्रों ने कहा कि वे लोग प्रतिदिन क्लास आते हैं और नियमित पढ़ाई होती है. विवि में 75 प्रतिशत उपस्थिति अनिवार्य है.
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